
आज की तेजी से भागती दुनिया में हर कोई व्यस्त है। फिर चाहे वह बच्चे हों या वयस्क। इसी वजह से दुनियाभर में तनाव का स्तर बढ़ता जा रहा है। नतीजतन लोगों में मधुमेह, हृदय संबंधी बीमारियों के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। इसका असर हमारे लिवर पर भी नजर आता है। लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो कि लाल-भूरे रंग का होता है। यह रक्त को छानने, दवाओं को चयापचय करने, लिपिड चयापचय के लिए वसा को तोड़ने और शरीर से टॉक्सिक चीजों को बाहर निकालने का काम करता है। इन्हीं बिंदुओं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह अंग हमारे शरीर के लिए कितना उपयोगी है। हमारा स्वस्थ और तंदरुस्त रहने के लिए जरूरी है कि हमारा लिवर सुचारू रूप से काम करे। लेकिन कई बार बुरी आदतों, खराब खानपान, बिगड़ी हुई जीवनशैली के कारण ऐसी समस्या हो जाती है जिससे लिवर पर बुरा असर पड़ता है और कई खतरनाक बीमारियां घेर लेती है। लिवर हमेशा सही तरह से कार्यरत रहे, इसके लिए कुछ योगासनों को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाया जा सकता है।
अधोमुख श्वानासन
अधोमुख श्वानासन कई गंभीर बीमारियों से बचाव करने में सहायक है। इन्हीं में हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां भी शामिल हैं। दरअसल इस आसन को नियमित रूप से करने से लिवर में सूजन की समस्या का जोखिम कम होता है। इस तरह यह लिवर को दुरुस्त रखता है और हेपेटाइटिस की आशंका में भी कटौती करता है। यह आसन सूर्यनमस्कार के 7 आसनों में से एक है। लिवर को सही रखने के साथ-साथ यह योगासन मांसपेशियों को मजबूती देता है, रक्त संचार बढ़ाता है और पाचनतंत्र को बेहतर रखता है।
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धनुरासन
धनुरासन लिवर के लिए बहुत ही कारगर आसन है। इस आसन को करते समय शरीर के ऊपरी हिस्से में खिंचाव पड़ता है, जिससे लिवर बेहतर और सक्रिय तरीके से काम करने में सक्षम होता है। साथ ही इस योगासन के नियमित रूप से करने की वजह से लिवर मजबूत बनता है। अगर किसी को फैटी लिवर की प्रॉब्लम है, तो उन्हें भी यह आसन रेग्युलर करना चाहिए। इससे लिवर की समस्याएं भी कम होती हैं। मगर धुनारसन करने से पहले आपको कुछ बातों को अपने जहन में बैठा लेना चाहिए जैसे इस आसन का अभ्यास हमेशा खाली पेट करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार जरूरी है कि धुनरासन को सुबह खाली पेट किया जाए। धनुरासन लिवर के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों के लिए भी बहुत उपयोगी आसन है। खासकर मौजूद समय में जब ज्यादातर लोग टेबल वर्क करते हैं, इस आसन की मदद से पीठ मजबूत होती है और पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं।
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पद्मासन
पद्मासन भी लिवर के लिए बहुत अच्छा आसन माना जाता है। इस आसन को अपनी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाया जा सकता है। इससे फैटी लिवर को दुरुस्त किया जा सकता है और लिवर की कमजोरी भी दूर होती है। इसके अलावा पद्मासन के नियमित अभ्यास की वजह से बेचैनी कम होती है, मन शांत रहता है। इस आसन को करते समय दोनों पैरों को पंखुड़ियों की तरह मोड़कर कमरे के पास रखा जाता है। पद्मासन शरीर के सभी चक्रों को बेहतर तरीके से काम करने में भी मदद करता है।
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चक्रवाकासन
इस आसन को मुख्य रूप से फैटी लिवर को ठीक करने के लिए किया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो इस आसन की मदद से अबाधित ऑक्सीजन और रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। इस तरह यह लिवर को दुरुस्त रखने में मदद करता है। इस आसन को 4-6 घंटे बाद करना चाहिए। इस आसन को नियमित रूप से करने की वजह से गर्दन की समस्याएं ठीक होती हैं, शारीरिक मुद्रा और संतुलन में सुधार होता है जिससे पीठ, कमर और गर्दन के दर्द से भी आराम मिलता है।
भुजंगासन
भुजंगासन सबसे आसान आसनों में से एक है। इस आसन को भी आप नियमित रूप से पांच मिनट के लिए कर सकते हैं। वैसे आप जितनी देर सहज महसूस करें, उतनी देर तक कर सकते हैं। इस आसन की मदद से सिरोसिस और फैटी लिवर के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा भी भुजांगसन के कई अन्य लाभ मिलते हैं, जैसे कंधे में दर्द, पीठ दर्द और कमर दर्द की समस्याओं से आराम मिलता है। साथ ही बॉडी स्ट्रेच होती है और गर्दन को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियों को मजबूत मिलती है।
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