Why Is Heart Health Important For Women: दुनिया भर में हजारों लोग हर साल हार्ट डिजीज की चपेट में आ रहे हैं। वहीं, हार्ट अटेक और हार्ट डिजीज से होने वाली मौतों के मामले भी ज्यादा देखे जा रहे हैं। इन समस्याओं के सबसे बड़े कारण अनहेल्दी डाइट और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को माना गया है। वहीं, महिलाओं में भी हार्ट डिजीज के मामले काफी ज्यादा देखे जा रहे हैं। ऐसे में हार्ट हेल्थ पर ध्यान देना बहुत जरूरी हा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे कौन से कारक जिम्मेदार हैं। इस प्रशन का उत्तर जानने के लिए हमने वैशाली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर डायरेक्टर डॉ आनंद कुमार पांडे से।
महिलाओं को हार्ट हेल्थ पर ध्यान देना क्यों जरूरी है? Why Women Should Prioritize Heart Health
लक्षणों का पता न लग पाना
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक महिलाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों के लक्षण पुरुषों के मुकाबले काफी अलग होते हैं। शुरुआत में इसके लक्षणों का पता न चल पाने के कारण ये गंभीर स्थिति तक पहुंच जाता है। कई बार मामले इतने गंभीर होते हैं कि एंजियोप्लास्टी भी कोई विकल्प नहीं होता।
कम उम्र से बीमारी का खतरा रहता है
आजकल की अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण कम उम्र में ही हार्ट डिजीज के मामले देखे जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक महिलाओं में हार्ट डिजीज के 50% मामले 40 वर्ष से कम उम्र में ही नजर आने लगते हैं। इनमें से 10% मामलों में अचानक दिल का दौरा पड़ने का खतरा देखा गया है।
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बीमारियों की जानकारी न होना
आज भी कई महिलाओं को हार्ट डिजीज और इसके लक्षणों के बारे में जानकारी नहीं होती है। ज्यादातर महिलाएं जो खासकर होममेकर हैं, अपनी सेहत को लंबे समय तक अनदेखा करती रहती हैं। इसके कारण समय पर हेल्थ चेकअप नहीं कराए जाते और बीमारी का पता नहीं चल पाता है।
लगातार बिगड़ता लाइफस्टाइल
महिलाओं में लगातार बढ़ते इन रिस्क के कारण लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें होती हैं। जिनमें हाई स्ट्रेस लेवल, एंग्जायटी, स्मोकिंग, अनहेल्दी डाइट और डायबिटीज शामिल हैं। इनमें विशेष रूप से डायबिटीज दिल से जुड़ी बीमारियों का सबसे बड़ा कारण है।
हार्मोनल इंबैलेंस होना
महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हार्मोनल इंबैलेंस का खतरा बढ़ जाता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा भी रहता है। मेनोपॉज के कारण महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान बीमारी का खतरा बढ़ता
प्रेग्नेंसी के दौरान भी शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। जेस्टेशनल डायबिटीज और प्रीक्लेम्पसिया जैसी समस्याओं के कारण लंबे समय में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा हो जाता है।
कई बीमारियों के लक्षण एक जैसे होना
कई महिलाओं में हार्ट डिजीज का पता इसलिए भी नहीं लग पाता, क्योंकि इसके लक्षण जैसे थकावट, चक्कर आना, सांस लेने में परेशानी अन्य बीमारियों से भी जुड़े होते हैं। ऐसे में समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाने जरूरी हो जाते हैं।
एक्सपर्ट टिप
हार्ट हेल्थ का ध्यान रखने के लिए महिलाओं को लाइफस्टाइल को हेल्दी रखना चाहिए। इसके लिए स्ट्रेस मैनेज करने पर काम करना जरूरी है। समय-समय पर बॉडी चेकअप करवाने जरूरी हैं, जिनसे बीमारी का पता लगाया जा सके।
लेख में हमने महिलाओं में किन कारणों से हार्ट डिजीज का खतरा लगातार बढ़ रहा है। साथ ही, लाइफस्टाइल के किन बदलावों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए एक्सपर्ट से बात करें।