Is Fasting Safe For Heart Patients: हार्ट को हेल्दी रखने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हेल्दी डाइट का सेवन और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने से हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद मिलती है। खानपान का रूटीन, समय और तरीका हार्ट के मरीजों के लिए बहुत मायने रखता है। तमाम लोग शरीर को हेल्दी और फिट बनाए रखने के लिए फास्टिंग या उपवास करते हैं। व्रत या उपवास करने से शरीर और मन दोनों को संतुलित रखने में मदद मिलती है। फास्टिंग करने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या फास्टिंग हार्ट के मरीजों के लिए सुरक्षित होता है? आइए इस लेख में दकोटर से जानते हैं इस सवाल का जवाब।
क्या हार्ट के मरीज फास्टिंग कर सकते हैं?- Can Heart Patients Do Fasting in Hindi
हार्ट के मरीजों को डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। हार्ट से जुड़ी किसी भी स्थिति में डाइट स्किप करने या बहुत ज्यादा भोजन करने से नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। कपूर हार्ट सेंटर, लखनऊ के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केके कपूर कहते हैं, "हार्ट के मरीजों को उपवास या फास्टिंग करते समय सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। सुबह से लेकर शाम तक बिना कुछ खाए फास्टिंग करना हार्ट के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे लोग जो हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लॉकेज जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं, उन्हें फास्टिंग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।"
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उपवास या फास्टिंग कई तरह की होती है। कुछ लोग पूरे दिन सिर्फ पानी का सेवन करके फास्टिंग करते हैं। वहीं कुछ लोग पानी के साथ फल या सब्जी आदि का सेवन करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग 12 घंटे तक बिना पानी या भोजन का सेवन किए उपवास करते हैं। हार्ट के मरीजों के लिए बिना पानी या भोजन के उपवास करना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए हार्ट के मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी तरह की फास्टिंग से बचना चाहिए।
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हार्ट डिजीज में फास्टिंग करने से जुड़ी सावधानियां
हार्ट के मरीजों को उपवास या व्रत करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा जरूरी सावधानियों का पालन करते हुए ही फास्टिंग करनी चाहिए। अगर आप हार्ट के मरीज हैं और आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं है, तो फास्टिंग करने से बचना चाहिए। हार्ट के मरीजों को फास्टिंग से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- हाई ब्लड प्रेशर या लो बीपी में फास्टिंग करने से बचना चाहिए
- क्रोनिक हार्ट डिजीज में व्रत या फास्टिंग करने से बचना चाहिए
- सांस लेने में तकलीफ होने पर फास्टिंग नहीं करना चाहिए
- एंजाइना और सीने में दर्द की स्थिति में फास्ट न करने की सलाह दी जाती है
- एंजियोप्लास्टी (स्टेंटिंग) या बाईपास सर्जरी वाले मरीजों को फास्टिंग नहीं करना चाहिए
अगर आप हार्ट के मरीज हैं और फास्टिंग करना चाहते हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी कदम न उठाएं। इस स्थिति में फास्टिंग का नकारात्मक असर सेहत पर पड़ सकता है। हार्ट डिजीज में फास्टिंग करने से जान जाने और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर स्थिति का खतरा बढ़ जाता है।
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https://www.researchgate.net/publication/12345678