
Can pregnancy insomnia affect a baby: प्रेग्नेंसी के हर महीने शरीर में अलग-अलग लक्षण देखे जाते हैं। हर दिन शरीर में एक नया बदलाव आता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा हो रहा होता है, यूटरेस भारी होता है और बाकी अंग सिकुड़ने लगते हैं। इतना ही नहीं, हार्मोनल बदलाव की वजह से भी महिलाएं परेशान रहती हैं। ऐसी स्थिति में कई बार महिलाओं को नींद नहीं आती है और इनसोम्नियाकी दिक्कत होती है लेकिन कई महिलाओं में इसे लेकर जानकारी का अभाव होता है और उन्हें पता नहीं होता कि प्रेग्नेंसी में नींद न आना क्यों परेशानी की बात हो सकती है? इसके अलावा इस दौरान एक सवाल ये भी उठता है कि क्या प्रेग्नेंसी में नींद न आना बच्चे के लिए भी परेशानी की बात हो सकती है? जानते हैं इस बारे में Dr. N Sapna Lulla, Lead Consultant - Obstetrics & Gynaecology, Aster CMI Hospital, Bangalore की राय। इससे पहले जान लेते हैं प्रेग्नेंसी में क्यों होती है नींद न आने की समस्या?
प्रेग्नेंसी में क्यों होती है नींद न आने की समस्या-Causes of pregnancy insomnia
NIH के इस शोध की मानें को प्रेग्नेंसी में नींद में गड़बड़ी आम है। इसे मेडिकल टर्म में प्रेग्नेंसी इनसोमनिया कहा जाता है। ये गर्भवती महिलाओं में होने वाली एक आम नींद की गड़बड़ी है जिसके पीछे कई गंभीर कारण हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी इनसोमनिया के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि
- -एंग्जायटी डिसऑर्डर की वजह से महिलाओं को नींद नहीं आती
- -स्ट्रेस
- -मूड स्विंग्स
- -श्वास संबंधी नींद विकार
- - पैरों में बेचैनी महसूस करना
गर्भावस्था के दौरान नींद न आना शिशु के लिए चिंता का विषय क्यों है-Can pregnancy insomnia affect a baby?
Dr. N Sapna Lulla बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान नींद न आना एक चिंता का विषय है क्योंकि यह मां और शिशु दोनों को प्रभावित कर सकता है। खराब नींद तनाव बढ़ा सकती है और कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकती है, जिसका शिशु के विकास पर असर पड़ सकता है। नींद की कमी से हाई बीपी, गर्भकालीन डायबिटीज और प्रसव के दौरान जटिलताएं भी हो सकती हैं। लगातार नींद की समस्याएं मां की ऊर्जा को कम कर सकती हैं और उसकी अपनी और शिशु की देखभाल करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि गंभीर या लंबे समय तक नींद की कमी से समय से पहले जन्म या कम वजन वाले बच्चे के जन्म का खतरा बढ़ सकता है।
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प्रेग्नेंसी में नींद न आए तो क्या करें-How to deal with pregnancy insomnia
प्रेग्नेंसी में नींद न आने से अगर आप परेशान हैं तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि डॉक्टर मां और शिशु दोनों की सुरक्षा के लिए अच्छी नींद की आदतें, तनाव प्रबंधन और सुरक्षित नींद की स्थिति अपनाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आपको अपने सोने और जागने के समय को सेट करना चाहिए। समय पर सोएं और उठें और इसी समय को हमेशा फॉलो करें। सुनिश्चित करें कि आपका शयन कक्ष ठंडा, अंधेरा और शांत रहे। इसके अलावा सोने से कम से कम एक घंटे पहले फोन, टैबलेट और टीवी जैसी स्क्रीन से दूर रहें क्योंकि नीली रोशनी नींद में खलल डाल सकती है।

इसके अलावा गैस और डाइजेशन की समस्या भी इस दौरान खूब परेशान करती है। इतना ही नहीं, बार-बार पेशाब आने की समस्या से भी महिलाओं को नींद नहीं आती इसलिए दिन में खूब सारा तरल पदार्थ पिएं लेकिन रात में पेशाब करने की जरूरत कम करने के लिए शाम 5 बजे के बाद कम पानी पिएं।
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अपने मन को शांत करने के लिए गहरी सांस लें, ध्यान लगाएं और रोजाना खाना खाने के बाद 10 मिनट वॉक करके सोएं। गुनगुने पानी से नहाएं जो आरामदायक हो सकता है, लेकिन बहुत ज्यादा गर्म पानी से बचें क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह असुरक्षित हो सकता है।
अपनी रीढ़ की हड्डी को सहारा देने के लिए अपने घुटनों के बीच एक तकिया और अपनी पीठ के पीछे एक तकिया रखें। गर्भावस्था का तकिया आपके पेट को भी सहारा दे सकता है। करवट लेकर लेटें, अक्सर बाईं ओर, और घुटने मोड़े हुए हों।इसके अलावा प्रसवपूर्व योग जैसे हल्के व्यायाम नींद में सुधार कर सकते हैं, लेकिन पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। साथ ही अगर नींद की समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
FAQ
प्रेग्नेंसी में ज्यादा नींद आना किसका संकेत है?
प्रेग्नेंसी में ज्यादा नींद आना बेहद आम बात है। ये हार्मोनल बदलावों जो और बच्चे के विकास से भी जुड़ा हुआ है। जैसे-जैसे यूट्रस तेजी से बढ़ता है आपको थकान हो सकती है और नींद ज्यादा आ सकती है। हालांकि, बहुत ज्यादा सोने से भी बचें।प्रेग्नेंसी में ज्यादा देर तक भूखा रहने से क्या होता है?
प्रेग्नेंसी में ज्यादा देर तक भूखा रहने से जेस्टेशनल डायबिटीज (gestational diabetes) का खतरा बढ़ सकता है। ये मां और बच्चे, दोनों को परेशान कर सकता है और पोषण की कमी का कारण बन सकता है।कौन सा खाना प्रेग्नेंसी में शुगर लेवल कम करता है?
फाइबर और प्रोटीन से भरपूर खाना प्रेग्नेंसी में शुगर कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। ध्यान रखें कि ज्यादा से ज्यादा डाइट में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों को शामिल करें।
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Oct 24, 2025 11:16 IST
Published By : Pallavi Kumari