प्रेगनेंसी में डायबिटीज रोगी महिलाओं के लिए जरूरी है वजन कंट्रोल करना, डॉक्टर से जानें वजन घटाने के टिप्स

गर्भावस्था में डायबिटीज होने पर महिलाओं के लिए वजन कंट्रोल करना जरूरी होता है। इसके लिए आपको अपनी डायट पर ध्यान देना होगा। जानें वजन घटाने के टिप्स

Anju Rawat
Written by: Anju RawatUpdated at: Apr 06, 2021 14:15 IST
प्रेगनेंसी में डायबिटीज रोगी महिलाओं के लिए जरूरी है वजन कंट्रोल करना, डॉक्टर से जानें वजन घटाने के टिप्स

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गर्भावस्था और मां बनने का अनुभव हर महिला के जीवन के दो सबसे शानदार चरण होते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिला को कई तरह के शारीरिक बदलावों से गुज़रना पड़ता है, जिसमें वजन बढ़ने से लेकर टखनों में सूजन जैसे बदलाव शामिल हैं। हालांकि मां बनने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को एक बदलाव यानी जेस्टेशनल डायबिटीज मैलिटस (GDM) या गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज के बारे में जरूर मालूम होना चाहिए, जो उनके साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु को भी प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भवती महिला के शरीर में ब्लड शुगर लेवल असामान्य रूप से काफी बढ़ जाता है। ऐसे में उनको अपने वजन को नियंत्रित करना बहुत जरूरी होता है। जेपी हॉस्पिटल, नोएडा की डायबिटोलॉजिस्ट एंड एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉक्टर निधि मल्होत्रा से जानें जेस्टेशनल डायबिटीज में वजन को कंट्रोल के करने के लिए कुछ बेहतरीन टिप्स- 

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जब एक महिला गर्भवती होती है, तो उसके शरीर में हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है, जिससे महिला का वजन बढ़ने लगता है। इन बदलावों की वजह से उसके शरीर की कोशिकाएं (Cells) पहले की तुलना में इंसुलिन का अच्छी तरह उपयोग नहीं कर पाती हैं, जिससे शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी (Insulin Resistant) हो जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो खून में शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है। जब शरीर को खून में शुगर को संभालने के लिए इस हार्मोन की अधिक मात्रा में जरूरत होती है, तो शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाता है। कभी-कभी शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। इससे गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज होने की संभावना बढ़ सकती है।

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डॉ. निधि मल्होत्रा के अनुसार आमतौर पर गर्भावस्था के 24 से 28 हफ्ते के बीच ज्यादातर गर्भवती महिलाओं की गर्भकालीन डायबिटीज की जांच की जाती है, लेकिन अगर महिला को डायबिटीज होने की संभावना ज्यादा है तो इससे पहले भी जांच की जा सकती है। गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज से मां और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए कई जटिल समस्याएं पैदा हो सकती हैं। हालांकि सेहतमंद आहार का सेवन करके, वजन नियंत्रित करके और जरूरत पड़ने पर सही दवाईयां खाने से इसके आगे के जोखिम को कम किया जा सकता है। 

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अपने खाने-पीने का रखें ध्यान (Take Care of Your Diet)

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गर्भकालीन डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं के लिए बढ़ते वजन पर काबू पाने से बच्चे के जन्म के समय जटिलताओं का जोखिम कम हो जाता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान आपको अपना वजन सही स्तर पर बरकरार रखना जरूरी है। इससे आगे की जटिलताओं को कम किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज में वजन को असरदार तरीके से नियंत्रित करने के लिए इन सुझावों पर ध्यान दें।

  • - सेहतमंद और कम चीनी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। आपको सही मात्रा में पोषण मिल रहा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। 
  • - कुकीज़, कैंडी जैसे ज्यादा शुगर वाले स्नैक्स की बजाय फल, किशमिश जैसे नैचुरल शुगर वाले स्नैक्स का सेवन करें। 
  • - ज्यादा मात्रा में ताजी सब्जियों और साबुत अनाज को अपने भोजन में शामिल करें।
  • - रोजाना निश्चित समय पर भोजन करें। तीन बार भोजन और दो बार स्नैक्स लें।
  • - रोजाना 40% कार्ब्स और 20% प्रोटीन लें। इसके अलावा अधिक फाइबर वाले कार्ब्स का सेवन करें। जिसमें वसा 25% से 30% के बीच हो। 
  • - साबुत अनाज की रोटी या ब्रेड, सीरियल्स, ब्राउन राइस, ओटमील जैसे अधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इस दौरान डॉक्टर आपको आपकी चिकित्सा, जीवनशैली और व्यक्तिगत कारकों को ध्यान में रखते हुए डायट प्लान बना सकते हैं। इसे मेडिकल न्यूट्रिशनिस्ट थैरेपी कहा जाता है। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है और वजन भी नियंत्रित होता है।

शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहें (Be Physically Fit)

  • - जेस्टेशनल डायबिटीज में अपने डॉक्टर की सलाह पर आप  एक्सरसाइज और योगा को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं। इस दौरान शरीर को सक्रिय और चुस्त-दुरुस्त रखने से आपका ब्लड शुगर नियंत्रित हो सकता है। 
  • - इसके अलावा एक्टिव रहने से पीठदर्द और थकान जैसी कुछ सामान्य समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं। 
  • - रोजाना 30 मिनट चलना, तैरना, योगा और पिलेट्स व्यायाम के कुछ अच्छे विकल्प हैं।

घर पर अपने शुगर लेवल की जांच करें (Check Your Sugar Level at Home)

आपको अपने घर पर भी शुगर की जांच करती रहनी चाहिए। नियमित रूप से भोजन से पहले और भोजन के 1 या 2 घंटे बाद अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए ग्लूकोमीटर (Glucometer) खरीद लें। व्यायाम से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है। इसलिए, वर्कआउट करते समय अपने पास थोड़े किशमिश या ग्लूकोज की गोलियां रखें और व्यायाम के बाद अपने ग्लूकोज के स्तर की जांच करें।

गर्भावस्था में डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को सिर्फ सेहतमंद आहार का ही सेवन करना चाहिए। हल्के व्यायाम करने चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाईयों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। 

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