माचिस की तीली से साफ करते हैं कान तो जान लें इसके नुकसान, कान के डॉक्टर से जानें कितना खतरनाक है ऐसा करना

कान साफ करने के लिए माचिस की तिल्ली का इस्तेमाल करना, हमारी सुनने की क्षमता को छीन सकता है।
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माचिस की तीली से साफ करते हैं कान तो जान लें इसके नुकसान, कान के डॉक्टर से जानें कितना खतरनाक है ऐसा करना

‘कान में तिनका नाक में उंगली मत कर मत कर’ ये वो मुहावरा है जो अक्सर घर के बड़े बुजुर्ग कहा करते थे। दरअसल वे कान और नाक को लेकर मेडिकल साइंस के आने से पहले ही हमारे बड़े बुजुर्ग जागरूक थे। लेकिन ऐसा बहुत बार होता है कि हम कान साफ करने से लेकर उसमें थोड़ी सी खुजली होने पर भी माचिस की तीली डालते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार कान में माचिस की तीली डालना आपकी सुनने की क्षमता पर असर डाल सकता है। आज दुनिया भर में वर्ल्ड हियरिंग डे  (World hearing day) मनाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें उन्होंने लोगों को कान की समस्या के प्रति सतर्क रहने को कहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि 2050 तक हर 4 में से 1 व्यक्ति हियरिंग प्रॉब्लम्स को झेलेगा।  भविष्य में होने वाली इन हियरिंग प्रॉब्ल्म्स को लेकर हमें अभी से सजग हो जाना चाहिए। इसी जागरुकता की कड़ी में फोर्टिस एस्कोर्ट्स अस्पताल में सीनियर इएनटी कंसल्टेंट डॉ. गीता कथूरिया ने बताया कि कान साफ करने की लोगों में आदत होती है इसके लिए वे  माचिस का तीली का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह माचिस की तीली कान की सुनने की क्षमता पर गहर असर डालती है। बार-बार तीली डालने का परिणाम पूरी तरह से बहरपान होता है। 


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डॉक्टर कथूरिया का कहना है कि हमारे कान में बाहरी, मध्यम और अंदरूनी तीन हिस्से होते हैं। कान की त्वचा हड्डी के ऊपर होती है। कान में इयरबड डालना या माचिस की तीली डालना दोनों ही नुकसानदायक होते हैं। डॉ. गीता के मुताबिक कान में माचिस की तीली डालने के निम्न नुकसान होते हैं।

1. बहरेपन की समस्या

डॉ. कथूरिया ने बताया कि हमारे कान में पहले त्वचा होती है बाद में हड्डी। कान की स्किन बहुत मुलायम होती है। जब हम कान में तीली डालते हैं तो उस त्वचा पर स्केचिस आ सकते हैं। जिससे कान में सूजन आएगी। जब सूजन आएगी तो कैनाल छोटी हो जाएगी। जिससे सुनने की क्षमता पर असर पडे़गा।

2. कान में मवाद होना

कान नाक गला विशेषज्ञ डॉ. गीता का कहना है कि बार-बार तीली डालने से कान में जो सूजन आई थी उस संक्रमण की वजह से कान में पस पड़ सकता है। जिससे फिर रास्ता छोटा होगा और सुनने की क्षमता पर असर पडे़गा। कई मामलों में देखा गया है कि सुनने की क्षमता पूरी तरह से जा सकती है।

3. कान का पर्दा फटने का डर

अगर आप कान में माचिस की तीली डाल रहे हैं तो उससे आपके कान में चोट लग सकती है और पर्दा फटने का डर रहता है। कान का पर्दा बहुत ही मुलायम त्वचा होती है। अगर वह फट गया तो आपकी सुनने की क्षमता हमेशा के लिए जा सकती है। 

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4. कान की हड्डी को नुकसान

अगर आपने कान में अंदर तक तिल्ली या इयरबड डाल दिया है तो इससे कान की हड्डी को नुकसान होता है। ऐसा करने से भा सुनने की क्षमता पर असर पड़ता है। 

5. माचिस का मसाला नुकसानदायक

माचिस की तिल्ली में आगे की ओर लगा मसाला कान के पर्दे पर असर डालता ही है। साथ ही अगर किसी को एलर्जी है तब भी यह मसाला कान की स्किन को नुकसान पहुंचाता है। उस मसाले से कान में मवाद, संक्रमण आदि परेशानियां हो सकती हैं। बार-बार मवाद निकलने से कान में इंजरी की आशंका की बढ़ जाती है। कान में अगर मसाला चला जाए तो कैमिकलटॉक्सीसिटी हो सकती है। कॉटन कान में बाहर की तरफ नुकसान कर सकता है, लेकिन तिल्ली का मसाला कान में ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

कान में खुजली होने पर न डालें तीली : डॉ. गीता 

डॉ. गीता का कहना है कि जिन लोगों को कान में खुजली होती है और वे उसे मिटाने के लिए तीली डालते हैं। तो उससे खुजली जाती नहीं है। बल्किक हम जितनी खुजली करते हैं उतनी ज्यादा खुजली होती है। हमें आदत पड़ जाती है उस खुजली की। फिर हमें बार-बार करना पड़ता है। इसलिए हमारे बड़े बुजुर्ग कहकर जाते गए कि कान में तिनका, नाक में उंगली मत कर मत कर। उन्होंने कहा कि अगर कान में बहुत ज्यादा खुजली मच रही है तो कान में बाहर की ओर त्रिकोण जैसा क्षेत्र होता है उसमें खुजली कर सकते हैं। अगर आपको बार-बार इचिंग हो रही है तो इसका मतलब है कि आपको कोई एलर्जी हो गई है। इसलिए आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। बहुत बार बालों में डैंड्रफ के कारण भी इचिंग होती है। लेकिन हमें बार-बार कान में खुजली नहीं करनी चाहिए। इससे इचिंग करने का एक साइकिल बन जाता है।

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कान को साफ करने के तरीके

1. डॉ. गीता कथूरिया ने बताया कि वैसे तो कुदरत ने हमारे कान को नेचुरल तरीके से साफ करने का तरीका बनाया है, लेकिन अगर फिर भी कान में बार-बार वैक्स बन रहा है तो हमें डॉक्टर को दिखाना चाहिए। 

2. कान को साफ करने वाले उपकरण से कान साफ कराना चाहिए। दूसरा कान में बार-बार वैक्स क्यों बन रही है इसके कारणों को भी देखना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं फंगस बन रही हो। 

3. नहाने के बाद सॉफ्ट रूमाल या तौलिए से कान को साफ करें। या नहाने के बाद सिर को टेढ़ा करके कान साफ कर लें। इससे भी कान का गंद बाहर निकल जाता है।

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4. कान में हवा जाती रहती है, इसलिए कान खुद ही सूख जाता है। अगर किसी को जेनेटिकली प्रॉब्लम है और उसे ज्यादा वैक्स बनती है तो हम खुद ही वैक्स को धक्का मारकर पीछे कर देते हैं।

5. हर छह महीने में या साल में कान की जांच डॉक्टर से करानी चाहिए। इससे कान में होने वाली किसी अन्य परेशानी का भी पता चल जाता है। 

6. हर साल हियरिंग टेस्टिंग कराते रहना चाहिए।

कान हमारे शरीर का एक मुख्य अंग हैं, इसलिए जरूरी है कि हम इनकी देखभाल करें। कान की पेरशानियों को नजरअंदाज न करें। अगर आपके कान में भी बार-बार खुजली हो रही या कान को साफ करने के लिए माचिस की तिल्ली का इस्तेमाल करते हैं तो कृपया इसे आज से ही बंद कर दीजिए। कान बहुत संवेदनशील पार्ट है, अगर इसकी मुलायम त्वचा पर तिल्ली का खुरदरापन ज्यादा होगा तो आपके सुनने की क्षमता पूरी तरह से जा सकती है। इसलिए इस हियरिंग डे पर प्रण कर लें कि कान की देखभाल आज से ही शुरू करनी है।

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