हमारे कान बहुत नाजुक होते हैं। अगर इन्हें ठीक से साफ न किया जाए तो इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि कानों की अच्छी स्थिति के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। कुछ लोग कॉटन स्वैब से कानों की सफाई करते हैं। पर ऐसा करने से कान साफ होने के बजाय खराब हो सकते हैं। कान से लगातार वैक्स निकालने के कारण कई नुकसान कान को हो सकते हैं। इससे पर्दा भी फट सकता है। गंभीर स्थिति होने पर इंसान को पूरी तरह सुनना बंद हो सकता है। इन हालातों से बचने के लिए चलिए जानते हैं कानों को स्वस्थ्य रखने का सही तरीका।
1. 11 क्या होता है कॉटन स्कैब? (What is cotton swab)
ईयर कैनाल में मौजूद कोशिकायें कैरुमन का निर्माण करती हैं, जिसे सामान्य भाषा में ईयर वैक्स कहा जाता है। कुछ लोगों में यह ईयर वैक्स दूसरों के मुकाबले अधिक निर्मित होती है। इससे जमी वैक्स कुछ हद तक सुनने की क्षमता को कम कर देती है। साथ ही इसमें दर्द भी होता है। किसी डॉक्टर की मदद लेने के बजाय अधिकतर लोग कॉटन स्कैब से यह वैक्स हटाने का आसान रास्ता अपनाते हैं। लोगों को लगता है कि डॉक्टर के पास जाकर समय और पैसे बर्बाद करने से अच्छा है कि इस वैक्स को खुद ही निकाल लिया जाए। लेकिन इससे उन्हें फायदा कम नुकसान ज्यादा होता है।
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पर्दे को नुकसान (Hear loss)
रूई का यह फोहा आसानी से कान के पर्दे तक पहुंच जाता है। कान का पर्दा बहुत संवेदनशील होता है और स्कैब के मामूली दबाव से भी वह क्षतिग्रस्त हो सकता है। जिस व्यक्ति के कान का पर्दा क्षतिग्रस्त हुआ हो, उससे पूछिये कि इसका दर्द क्या होता है। यह दर्द इतना भयानक होता है कि व्यक्ति को खाने-पीने में भी तकलीफ होती है। पंक्चर हुआ कान का पर्दा धीरे-धीरे ठीक हो जाता है, लेकिन सुनने की क्षमता को सामान्य स्तर पर पहुंचने में समय लगता है।
1. कानों का रखें साफ (Keep your ears clean)
तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हमें वाकई अपने कान साफ करने की जरूरत होती है। इसका जवाब भी थोड़ा दुविधा भरा है। इसके जवाब में हां और ना दोनों शामिल हैं। कान का बाहरी हिस्सा जो नजर आता है, उसे कभी-कभार साफ किया जाना चाहिये। इस काम को आप थोड़े से साबुन, पानी और तौलिये से कर सकते हैं।
2. कॉटन स्कैब से सुनने की क्षमता जा सकती है (Cotton swab can lead to hear loss)
ज्यादातर मामलों में ईयर कैनाल को साफ करने की जरूरतन नहीं होती। नहाते या शॉवर के समय हमारे कान में इतना पानी चला जाता है कि जमी हुई वैक्स अपने आप ही ढीली हो जाती है। इसके साथ ही कान के अंदर की त्वचा कुदरती रूप से कुंडलीय आकार में बढ़ती रहती है। जैसे ही यह हटती है, वैक्स भी अपने आप हट जाती है। कई बार जब आप सो रहे होते हैं, तो वैक्स अपने आप ही बाहर निकल जाती है। कॉटन स्कैब की जरूरत सही मायनों में तो है ही नहीं।
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3. कान में जम गई है वैक्स तो क्या करें (Treatment of excessive ear wax)
ऐसे लोग जिनके कान में बहुत ज्यादा वैक्स जमा होती है, उन्हें डॉक्टरी सहायता की जरूरत होती है। डॉक्टर पानी में थोड़ा सा पेरोक्साइड मिलाकर उसे कान में इंजेक्ट कर आसानी से वैक्स को बाहर निकाल सकते हैं। इस प्रक्रिया में दर्द बिलकुल नहीं होता। कान में जमी वैक्स निकालने के लिए यह तरीका बेहद प्रभावशाली है। अगर यह समस्या काफी ज्यादा रहती है तो मरीज अपने डॉक्टर से यह प्रक्रिया समझकर इसे घर पर ही कर सकता है। अगर आपके कान में वैक्स और गंदगी जमा हो रही है, तो आप चिकित्सक की सहायता ले सकते हैं। आप उससे पूछ सकते हैं कि सुरक्षित तरीके से अपने कान कैसे साफ किये जाएं। अपने कान में कभी भी कोई भी चीज न डालें, अपनी उंगली भी नहीं। इससे वैक्स भी और ज्यादा होगी और साथ ही इससे आपका ईयर ड्रम भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। सही तरीका तो यह है कि अगर आपको समझ में न आ रहा हो कि क्या किया जाए, तो आपको डॉक्टर से सहायता लेनी चाहिये।
4. सफाई (Clean your ears)
ईयरवैक्स ईयरकैनाल के बाहरी हिस्से की मृत त्वचा कोशिकाओं को पकड़ लेती है। जहां बाकी शरीर की मृत कोशिकायें कपड़ों से रगड़कर और पानी आदि से अपने आप हट जाती हैं। वहीं कान की डेड स्किन वैक्स के जरिये ही हटती है। ईयरवैक्स सफाई, लुब्रिकेशन और रक्षा की तिहरी भूमिका निभाती है।
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5. लुब्रिकेशन (Use lubricant)
ईयरवैक्स लुब्रिकेशन में भी मदद करती है। यह एपिडर्मिस यानी बाहरी त्वचा को हाइड्रेट करती है। इससे जलन की आशंका कम हो जाती है। और अंत में ईयरवैक्स कान की अंदरूनी त्वचा की रक्षा करती है। धूल मिट्टी और गंदगी इससे चिपक जाती है, जिससे कान को नुकसान होने का खतरा कम हो जाता है।
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