पूरी दुनिया में आप वर्ल्ड हियरिंग डे 2021 (World Hearing Day 2021) मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में अपने सुनने की क्षमता को मजबूत करने औप श्रवण हानि रोकने के लिए जागरुकता फैलाने और दुनियाभर में कान की देखभाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। सुनने की समस्या होने पर ना सिर्फ हमें परेशानी होती है, बल्कि हमारे आसपास मौजूद लोगों को भी हम से बातचीत करने में काफी परेशानी होती है। क्योंकि उन्हें आपसे बात करने के लिए ऊंची आवाज में बात करना होगा या फिर वे अपने बातों को आपके साथ इशारे से व्यक्त करेंगे। आज के दौर में बहुत से लोग सुनने की परेशानी से जूझ रहे हैं, इसका कारण हमारी खराब आदतें भी हो गई है। हाल ही में डब्यूएचओ द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि साल 2050 तक हर 4 में से 1 व्यक्ति को सुनने में परेशानी होगी। इसका कारण व्यक्ति की खराब आदतें बताई गई हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसे बचाव के बारे में बताएंगें, जिससे आप अपने कानों की सुनने की क्षमता को मजबूत कर सकोगे। साथ ही इससे आपके सुनने की क्षमता लंबे समय कर रहेगी। कई बड़े-बुजुर्गों को आपने देखा होगा कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनके सुनने की क्षमता भी कमजोर होने लगती है। ऐसे में स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर बड़े-बुजुर्गों की इस परेशानी को दूर किया जा सकता है। इससे पहले जानते हैं सुनने में परेशानी के लक्षण और कारण क्या-क्या होते हैं?
सुनने की क्षमता में परेशानी के लक्षण (Symptoms of Hearing Loss)
- तेज ध्वनि भी धीमी सुनाई देना।
- कुछ विशेष शब्द समझने में परेशानी होना।
- लोगों की बातों को समझने में परेशानी होना।
- भीड़ होने पर किसी के बोलने की आवाज ना समझ पाना
- पीछे से आने वाली अवाज को सुनने में परेशानी
- टीवी की आवाज को तेज सुनना
इत्यादि लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इन समस्यओं को नजरअंदाज करने पर आपकी परेशानी बढ़ सकती है।
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सुनने की परेशानी के कारण (Causes of Hearing Loss)
- कान के भीतरी हिस्से में क्षति पहुंचना
- कान में मैल होना।
- कान में संक्रमण फैलना
- कान के पर्दे में छेद होना।
- बढ़ती उम्र
- शोर वाले स्थान में रहना।
- वंशानुगत
- व्यवसायिक शोर
सुनने की परेशानी का निदान (Diagnosis of Hearing Loss)
शारीरिक परिक्षण - इस परीक्षण में डॉक्टर आपको कान का मैल या फिर उसमें फैल रहे संक्रमण से होने वाली सूजन के लिए कान का टेस्ट कराने की सलाह देता है।
स्क्रीनिंग टेस्ट - इस टेस्ट में डॉक्टर आपको अपना कान ढकने के लिए कहते हैं और यह जांचने की कोशिश करते हैं की आपको आसपास की कितनी आवाज आ रही है और आप उस पर क्या प्रतिक्रिया कर रहे हैं।
ऑडीओमीटर परीक्षण- ऑडियोलॉजिस्ट में डॉक्टर आपको विभिन्न शब्दों का इस्तेमाल करके उसे समझाने के लिए कहते हैं।
ट्यूनिंग फोर्ट परीक्षण - इस टेस्ट में कांटे द्वारा आपके सुनने की क्षमता की जांच की जाती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
फॉर्टिस हॉस्पिटल के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर सव्यासांची सक्सेना का कहना है कि आधुनिस समय में छोटे-छोटे बच्चे भी श्रवण हानि जैसी परेशानियों के शिकार हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण आसपास का वातावरण है। खासतौर पर ऐसे बच्चें, जो अधिक समय तक मोबाइल और टीवी पर लगें होते हैं उनके कान जल्दी खराब होने की संभावना होती है। वहीं, कुछ कान को गंदे हाथों से छूने के कारण भी संक्रमण फैलने का खतरा ज्याजा रहता है। कोशिश करें कि बच्चों की ऑनलाइन क्लास में उन्हें हैडफोन देने के बजाय उन्हें शांत माहौल दें ताकि वे बिना हैडफोन के भी क्लास लें सकें। इसके अलावा बच्चों को कम उम्र में ही हैडफोन की आदत ना डलवाएं। इससे उनके कान को अधिक हानि पहुंचती है। इसके अलावा बच्चों में कान की सफाई को लेकर गुड हैविट्स डालें।
श्रवण हानि से कैसे करें बचाव (Prevention of Hearing Loss)
अधिक आवाज वाली जगह पर अपने कानों को सुरक्षित रखें
अगर आपके आसपास बाहरी आवाज काफी तेज हो रही है, तो अपने कानों में इयरमफ (कानें को तेज आवाज से बचाने वाला यंत्र) लगाकर रखें। इयरमफ के इस्तेमाल से बाहरी शोर से कानों को बचाया जा सकता है। इसके अलावा अपने कानों को ढकने के लिए कभी भी फोम, प्लास्टिक या फिर रबड़ का इस्तेमाल ना करें। इससे आपके कानों को नुकसान पहुंच सकता है।
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नियमित रूप से कराएं कान की जांच
अगर आप ऐसे स्थान पर काम करते हैं, जहां पर काफी ज्यादा शौरगुल है, तो ऐसे में अपने कानों की नियमित रूप से जांच कराएं। कानों की नियमित रूप से जांच कराने से आप श्रवण हानि की परेशानी को पहले से पहचान करेगें। साथ ही इसका बचाव करने में आपको आसानी होगी। जांच कराने से आपको भविष्य में होने वाली परेशानी का अंदाजा पहले से ही लग सकेगा।
अधिक समय तक ईयरफोन या फिर हैडफोन लगाने से बचें
आज के समय में अधिकतर लोग ईयरफोन और हैडफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में लोगों के कान खराब होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ी है। अगर आपको गाना सुनने की आदत है, तो थोड़े समय के लिए ही ईयरफोन का इस्तेमाल करें। अधिक समय पर ईयरफोन के इस्तेमाल से कान के पर्दे फटने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही इससे आपके सुनने की क्षमता कमजोर होने लगती है।
शादी-पार्टी में हो रहे अधिक ध्वनि वाले स्थान से बचें
आज के दौर में शादी-पार्टी में डीजे लगाने की परंपरा काफी ज्यादा बढ़ रही है। कुछ लोगों को अधिक तेज डीजे के आवाज से परेशानी होती है। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, तो ऐसे स्थान से दूरी बनाकर रखें।
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डॉक्टर के पास ही कराएं कान की सफाई
कई लोगों को आपने देखा होगा कि कान में जरा सी समस्या होने पर वे कान में लकड़ी या फिर कोई नुकीली चीजें डालकर कान की सफाई करने लग जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा करना आपके कान के लिए नुकसानदेय हो सकता है। कान की सफाई कभी भी खुद से ना करें। अगर आपके कान में वैक्स ज्यादा इकट्ठे हो गए हैं, तो डॉक्टर के पास जाकर ही कान की सफाई कराएं।
अधिक गर्म तेल कान में डालने से बचें
कान में तेल डालना कान के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर आप अधिक गर्म तेल कान में डालते हैं, तो इससे आपके कान को क्षति पहुंच सकती है। इसलिए हमेशा तेल हल्का सा गुनगुना करके ही कान में डालें। अधिक गर्म तेल काने में डालने से बचें।
कोई भी दवाई खुद से ना लें
किसी भी तरह की तकलीफ होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। कभी भी खुद से कान में बिना सोचे-समझे ड्रॉप खरीदकर ना डालें। इससे आपके कान खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही कोई दवा लेने से पहले डॉक्टर से अच्छी तरह उसके बारे में जानना ही आपके लिए बेहतर है।
इन सभी बचावों को अपनाकर आप अपने कान की सुनने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। कान में किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। सही जानकारी और सतर्कता ही आपको हर समस्या से बचा सकती है।
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