Hemophilia Common in Male Child in Hindi: हीमोफीलिया एक दुर्लभ रक्त विकार है, जो जेनेटिक होता है। इस विकार में रक्त थक्का नहीं बनाता है। इसकी वजह से चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है। साथ ही, इसमें रक्तस्त्राव होने की संभावना भी ज्यादा होती है। रक्त में थक्का की मात्रा के आधार पर ही हीमोफीलिया की गंभीरता की जांच की जाती है। आपको बता दें कि गंभीर हीमोफीलिया वाले लोगों में रक्तस्त्राव जानलेवा हो सकता है। इन लोगों की मांसपेशियों और जोड़ों से रक्तस्त्राव अधिक हो सकता है। हीमोफीलिया बच्चों को जन्म के समय हो सकता है।
इसके अलावा, कुछ मामलों में बच्चे के पैदा होने के कुछ महीनों बाद भी हीमोफीलिया के लक्षण विकसित हो सकते हैं। आज विश्वभर में विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य हीमोफीलिया और रक्तस्त्राव संबंधित विकारों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है। इसी मौके पर हम आपको लड़कों में हीमोफीलिया होने के कारणों और इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए, एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के बाल रोग और जेनेटिक्स-मेटाबॉलिक रोग के सलाहकार डॉक्टर तन्मय देशपांडे से जानते हैं लड़कों में हीमोफीलिया के मामले ज्यादा क्यों होते हैं?
लड़कों में हीमोफीलिया के लक्षण- Hemophilia in Male Child Symptoms in Hindi
- मामूली चोट लगने पर भी अगर खून निकल आता है, तो यह एक लक्षण हो सकता है।
- सिर पर सूजन और गांठ बनना
- चिड़चिड़ापन होना। यह लक्षण तब विकसित हो सकता है, जब बच्चों की मांसपेशियों या जोड़ों से रक्तस्त्राव होने लगता है।
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लड़कों में हीमोफीलिया का कारण- Hemophilia Common in Male Child Causes in Hindi
डॉक्टर तन्मय देशपांडे बताते हैं कि में लड़कों में हीमोफीलिया के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हीमोफीलिया एक्स-लिंक्ड डिसऑर्डर ( X-Linked disorder) है। यानी यह जेनेटिक म्यूटेशन है, जिसकी वजह से यह डिसऑर्डर एक्स क्रोमोसोम (X Chromosome) पर बैठता है।
दरअसल, पुरुषों के पास एक्स क्रोमोसोम पर किसी भी जीन की सिर्फ एक कॉपी होती है। इसलिए उस जीन को होने वाली क्षति को ठीक करने के लिए भी वे एक अतिरिक्त कॉपी नहीं कर सकते हैं, जैसा कि महिलाएं कर सकती हैं। ऐसे में हीमोफीलिया ए एक्स लिंक्ड पुरुषों में अधिक आम हैं।
पुरुष बच्चों के लिए हीमोफीलिया का इलाज - Hemophilia Common in Male Child Treatment in Hindi
डॉक्टर तन्मय देशपांडे बताते हैं कि हीमोफीलिया का कोई इलाज नहीं है। लेकिन कुछ थेरेपी की मदद से हीमोफीलिया का इलाज में मदद मिल सकती है।
- 1. रक्त की मात्रा को बनाए रखने के लिए IV तरल पदार्थ, पैक्ड सेल ट्रांसफ्यूजन और फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन द्वारा किया जाता है।
- 2. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है।
- 3. हीमोफीलिया के मरीजों को मांसपेशियों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। ताकि उन्हें बार-बार गिरने से रोकने में मदद मिल सके।
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लड़कों में हीमोफीलिया के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। इसका मुख्य कारण एक्स लिंक्ड क्रोमोसोम है। इसकी वजह से ही पुरुषों में हीमोफीलिया के लक्षण नजर आ सकते हैं। अगर बच्चे के पैदा होने के बाद रक्तस्त्राव होता है या फिर बच्चे को मामूली चोट के बाद भी रक्तस्त्राव होने लगता है, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।
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