
Bleeding Disorder Hemophilia: हीमोफीलिया एक अनुवांशिक ब्लीडिंग डिसआर्डर है। यह रोग, बहुत कम लोगों में पाया जाता है। जिन लोगों को हीमोफीलिया होता है, उनके शरीर से बह रहा खून, जल्दी रुकता नहीं है। इस कारण से, व्यक्ति के शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं। इस बीमारी को कंट्रोल न किया जाए, तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस 2023 (World Hemophilia Day 2023) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरुक बनाना। वर्ल्ड हीमोफिलिया फेडरेशन द्वारा वैश्विक स्तर पर विश्व हीमोफिलिया दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम है 'सभी के लिए पहुंच: देखभाल के वैश्विक मानक के रूप में रक्तस्राव की रोकथाम'। आगे लेख में जानेंगे, हीमोफीलिया के लक्षण, इलाज और जरूरी जांचें। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
हीमोफीलिया होने पर ये लक्षण नजर आते हैं- Hemophilia Symptoms in Hindi
हीमोफीलिया के गंभीर लक्षण
1. जिन लोगों को हीमोफीलिया हो जाता है, उनकी चोट जल्दी ठीक नहीं होती और बहते खून को रोकना मुश्किल हो जाता है।
2. हीमोफीलिया होने पर व्यक्ति को बार-बार उल्टी आ सकती है।
3. हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति को, ज्यादा थकान महसूस होती है।
4. यह बीमारी होने पर, घुटने, कोहनी, कूल्हे, कंधे, जोड़ों में अचानक दर्द उठ सकता है।
5. हीमोफीलिया होने पर, सिर में दर्द या गर्दन के हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है।
हीमोफीलिया के सामान्य लक्षण
6. हीमोफिलिया होने पर जोड़ों में दर्द, सूजन या जकड़न महसूस हो सकती है।
7. दांत की बीमारी में, लगातार ब्लीडिंग होना, नाक से खून बहना, यूरिन या मल के साथ खून निकलना आदि।
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हीमोफीलिया का पता कैसे लगाया जाता है?- Diagnosis Of Hemophilia
हीमोफीलिया का इलाज करने के लिए, पहले जांच जरूरी है। डॉक्टर, पहली मुलाकात में मरीज की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानते हैं। हीमोफीलिया का इलाज करने के लिए, स्क्रीनिंग टेस्ट किया जाता है। यह एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है। ब्लड टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जाता है कि खून के थक्के जमने की प्रक्रिया सामान्य रूप से काम कर पा रही है या नहीं।
कंप्लीट ब्लड काउंट- Complete Blood Count (CBC)
कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट, की मदद से हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है। हीमोग्लोबिन में, रेड ब्लड सेल्स होते हैं। इन सेल्स में ऑक्सीजन, वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स पाए जाते हैं। जिन लोगों को हीमोफीलिया होता है, उनका हीमोग्लोबिन भी नॉर्मल ही रहता है। केवल जिन लोगों में हीमोफीलिया के कारण हैवी ब्लीडिंग होती है, उनमें रेड ब्लड सेल्स का काउंट कम हो सकता है।
क्लॉटिंग फैक्टर टेस्ट- Clotting Factor Test
ब्लीडिंग डिसआर्डर जैसे हीमोफीलिया की जांच करने के लिए, क्लॉटिंग फैक्टर टेस्ट किया जाता है। ब्लड टेस्ट के जरिए, हीमोफीलिया और उसकी गंभीरता का पता लगाया जाता है।
फाइब्रिनोजन टेस्ट- Fibrinogen Test
फाइब्रिनोजन टेस्ट की मदद से, ब्लड क्लॉट का पता लगाया जाता है। इसके अलावा प्रोथ्रोम्बिन टाइम टेस्ट (Prothrombin Time Test) भी किया जाता है। इसके अलावा ऐक्टिवेटेड पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टेस्ट (Activated Partial Thromboplastin Time) भी किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए यह पता लगाते हैं, कि ब्लड क्लॉट बनने में कितना समय लगता है।
हीमोफीलिया का इलाज- Hemophilia Treatment
- हीमोफीलिया होने पर, इंजेक्शन या नेजल स्प्रे की मदद से क्लॉटिंग फैक्टर की बढ़ी हुई मात्रा को ठीक किया जाता है। इंजेक्शन के जरिए, अनुपस्थित क्लॉटिंग फैक्टर को रिप्लेस किया जाता है।
- दवाओं की मदद से भी हीमोफीलिया के लक्षणों को कंट्रोल किया जाता है। दवाओं की मदद से, खून के थक्कों को कम करने में मदद मिलती है।
- हीमोफीलिया होने पर, ज्वॉइंट्स प्रभावित हो सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर, सर्जरी करने की सलाह देते हैं।
- जीन थेरेपी की मदद से भी हीमोफीलिया का इलाज किया जाता है।
- हीमोफीलिया के कारण, शरीर के जो अंग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें फिजिकल थेरेपी की मदद से ठीक किया जाता है।
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