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भारतीय महिलाएं क्यों लगाती हैं बिंदी? जानें इस परंपरा के पीछे के वैज्ञानिक कारण

भारत में बिंदी का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यहां जानिए, भारतीय महिलाएं बिंदी क्यों लगाती हैं और बिंदी लगाने के क्या-क्या फायदे होते हैं।
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भारतीय महिलाएं क्यों लगाती हैं बिंदी? जानें इस परंपरा के पीछे के वैज्ञानिक कारण


भारत में बिंदी सिर्फ एक श्रृंगार का प्रतीक नहीं, बल्कि भारतीय महिलाओं की पहचान का हिस्सा भी है। यहां बिंदी को सौंदर्य और समृद्धि का प्रतीक माना गया है, जो विवाहित महिलाओं के लिए सुहाग की निशानी है। हालांकि, बिंदी का महत्व केवल धार्मिक मान्यताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक और स्वास्थ्य से जुड़े फायदे भी छिपे हैं। योग और आयुर्वेद में, बिंदी को 'अजना चक्र' या 'तीसरी आंख' पर लगाया जाता है, जो हमारी भौहों के बीच स्थित होता है। यह चक्र मस्तिष्क, आंखों और पीनियल ग्रंथि से संबंधित होता है और इसे ज्ञान, जागरूकता और आत्म-नियंत्रण का सोर्स माना जाता है। बिंदी लगाने से इस बिंदु पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक शांति, ध्यान और स्मरणशक्ति में बढ़ोतरी होती है। हाल ही में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार ने सोशल मीडिया पर बिंदी लगाने के फायदे और महत्व के बारे में बताया है।

अजना चक्र और बिंदी का संबंध

योग के अनुसार, हमारे शरीर में सात प्रमुख चक्र होते हैं, जिनमें 'अजना चक्र' छठा चक्र है। यह चक्र हमारी भौहों के बीच में स्थित होता है, जिसे 'तीसरी आंख' भी कहा जाता है। यह चक्र मस्तिष्क, आंखों, पीनियल ग्रंथि और पिट्यूटरी ग्रंथि को प्रभावित करता है। जब महिलाएं बिंदी लगाती हैं, तो वे इस चक्र को एक्टिवेट करती हैं, जो शरीर और मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

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बिंदी लगाने के धार्मिक और सांस्कृतिक कारण

भारतीय संस्कृति में बिंदी को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए बिंदी लगाती हैं। इसके साथ ही, बिंदी को सौभाग्य, समृद्धि और सम्मान का प्रतीक भी माना जाता है। हिंदू धर्म में बिंदी को तीसरी आंख पर लगाने का एक धार्मिक महत्व है, जो आत्मज्ञान और जागरूकता का प्रतीक है।

पुरुषों के लिए भी लाभकारी है बिंदी या तिलक

बिंदी लगाने का लाभ सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं है। पुरुष भी अपने माथे पर कुमकुम या तिलक लगाकर इसी बिंदु पर लाभ पा सकते हैं। तिलक लगाने से तीसरी आंख पर दबाव पड़ता है, जिससे मस्तिष्क की गतिविधि बेहतर होती है। पुरुष अगर इसे दिन में 100 बार दबाएं, तो उन्हें भी इसका लाभ मिल सकता है।

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Bindi

बिंदी लगाने के फायदे

  • बिंदी लगाने से भौहों के बीच की बिंदु पर दबाव पड़ता है, जिससे सिरदर्द में राहत मिलती है।
  • जो लोग साइनस की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए बिंदी का स्थान एक एक्यूप्रेशर पॉइंट के रूप में काम करता है। यह साइनस को साफ करने में मदद करता है और सांस लेने में सुधार करता है।
  • बिंदी लगाने से आंखों के आसपास की नसों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे आंखों की थकान कम होती है।
  • बिंदी लगाने से त्वचा हेल्दी रहती है।
  • अजना चक्र पर बिंदी लगाने से मानसिक शांति मिलती है और अवसाद से बचाव होता है। यह मानसिक तनाव और चिंता को भी कम करता है।
  • बिंदी लगाने से मस्तिष्क के उस भाग को सक्रिय किया जाता है, जो स्मरणशक्ति और ध्यान को बढ़ावा देता है। 
  • बिंदी लगाने से मस्तिष्क की नसों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे तनाव कम होता है और माइग्रेन से राहत मिलती है।

बिंदी कैसे लगानी चाहिए?

बिंदी लगाने का तरीका बहुत सरल है, लेकिन इसे सही तरीके से लगाने पर ही इसका पूरा लाभ मिलता है। बिंदी को ठीक से अपनी भौहों के बीच में रखें और हल्के से दबाएं। अगर आप तिलक या कुमकुम लगाते हैं, तो इसे उसी बिंदु पर लगाएं और हल्के से दबाएं। कुछ लोगों को बिंदी लगाने से एलर्जी या जलन हो सकती है। ऐसे में आप हर्बल या एंटी-एलर्जिक बिंदी का उपयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष

बिंदी का महत्व सिर्फ सौंदर्य या धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं, जो हमारे शरीर और मन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है। अगर आप बिंदी नहीं लगाते, तो दिन में 100 बार तीसरी आंख वाले बिंदु को दबाने से आप भी इसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

 

 

 

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All Images Credit- Freepik

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