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प्रेगनेंसी में भ्रूण रात को ज्यादा एक्टिव क्यों होते हैं? डॉक्टर से जानें

प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार भ्रूण रात को एक्टिव होता है। ऐसे में अक्सर महिलाओं के मन में सवाल उठता है कि ऐसा क्यों होत है? आइए लेख में जानें -
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प्रेगनेंसी में भ्रूण रात को ज्यादा एक्टिव क्यों होते हैं? डॉक्टर से जानें


Why Are Fetus More Active At Night During Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलावों के कारण उनको कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इसी दौरान अक्सर भ्रूण पेट में दिन के मुकाबले रात के समय ज्यादा हलचल करता है। ये गतिविधियां महिलाओं को महसूस होती हैं। ये एक तरह की सामान्य प्रकृतिक घटना है, लेकिन इसके पीछे कुछ शारीरिक और साइंटिफिक कारण हो सकता है। ऐसे में आइए गुरुग्राम के सेक्टर-14 के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की निदेशक डॉ. चेतना जैन (Dr. Chetna Jain Director Dept of Obstetrics & gynecology, Cloudnine Group of hospitals, Sector 14, Gurgaon) से जानें प्रेग्नेंसी में भ्रूण रात को ज्यादा एक्टिव क्यों होते हैं?

भ्रूण रात को ज्यादा एक्टिव क्यों होते हैं? - Why are fetuses more active at night?

डॉ. चेतना जैन के अनुसार, भ्रूण की हलचल का नियमित पैटर्न पहचानना प्रेग्नेंसी की निगरानी के लिए जरूरी है। रात में किक काउंट (kick count) करने से भ्रूण के स्वास्थ्य के बारे में जरूरी जानकरी मिल सकती हैं। बता दें, आमतौर पर, 2 घंटों में भ्रूण की 10 हलचलें महसूस होना सामान्य माना जाता है।

रात में भ्रूण का अधिक एक्टिव होना नेचुरल प्रक्रिया है। यह मां और बच्चे के बीच के गहरा संबंध बनाने का एक अच्छा अवसर भी है। ऐसे में बच्चे की हलचल को चिंता का कारण न बनाएं और इसको अच्छे अनुभव को अपनाएं।

हार्मोन्स में बदलाव के कारण

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जिसमें हार्मोन्स के स्तर में बदलाव आना भी शामिल है। ऐसे में रात के समय में मेलाटोनिन जैसे हार्मोन अधिक मात्रा में बनते हैं। ये हार्मोन भ्रूण की एक्टिविटी पैटर्न और स्लीप-साइकिल को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे भ्रूण रात को ज्यादा एक्टिव हो जाता है।

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मां कि दिनभर की एक्टिविटिज

दिनभर में काम के कारण महिलाएं चलती-फिरती रहती हैं, जो भ्रूण के लिए एक तरह के झुले जैसा अनुभव होता है, जिससे वे ज्यादातर समय सोया रहता है, लेकिन जैसे ही प्रेग्नेंट महिला रात को आराम करने के लिए लेटती हैं, तो शरीर का हिलना कम हो जाता है और झुले वाला अनुभव कम हो जाता है, जिसके कारण भ्रूण ज्यादा एक्टिव हो जाता है।

भ्रूण का नींद से जागने

भ्रूण की ग्रोथ के साथ वह गर्भ में नींद से जागने की लय विकसित कर लेता है, जो जरूरी नहीं कि मां की दिनचर्या के अनुसार हो। कई बार बच्चे के जागने के समय मां के सोने के समय पर होता है, जिसके कारण रात के समय बच्चे की गर्भ में गतिविधि बढ़ जाती है।

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शांत वातावरण में रहना

दिनभर में मां के आसपास काफी हलचल और शोर होता रहता है। ऐसे में रात के समय वातावरण शांत हो जाता है। ऐसे में वातावरण शांत होता है, तब मां भी अपने शरीर में होने वाली हलचलों को ज्यादा स्पष्टता से महसूस कर पाती है। ऐसे में रात के समय भ्रूण की होने वाली हलचल ज्यादा महसूस होती है।

ब्लड सर्कुलेशन के बढ़ने पर

जब रात को मां के लेटने पर, खासकर बाईं करवट में लेटने पर गर्भ में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर होता है। इससे भ्रूण को अधिक पोषण देने और ऑक्सीजन के फ्लो को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इससे भ्रूण को एनर्जी मिलती है और उसकी गतिविधि को बढ़ा सकता है।

सावधानियां

रात में भ्रूण का अधिक एक्टिव होने सामान्य है और उसके एक्टिव विकास और अच्छे स्वास्थ्य का संकेत है। लेकिन अगर अचानक से भ्रूण की हलचलों में बहुत कमी आती है या बढ़ जाती है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

निष्कर्ष

रात को भ्रूण की हलचल शरीर में हार्मोन्स में बदलाव के कारण, भ्रूण का नींद से जागने, मां कि दिनभर की एक्टिविटिज, शांत वातावरण में रहना और ब्लड सर्कुलेशन के बढ़ने के कारण होती है। ऐसे में इसको चिंता का कारण न बनाएं, बल्कि इसको इंजॉय करें। ध्यान रहे, असामान्य बदलाव होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • प्रेग्नेंट महिला को सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?

    प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, दालें, फल और साबुत अनाज जैसे हेल्दी और पोषक तत्वों से युक्त फूडस को डाइट में शामिल करें। इनसे मां के साथ-साथ बच्चे को भी स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
  • प्रेगनेंसी के शुरुआती में क्या नहीं खाना चाहिए?

    प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चा मीटस अंडे, अल्कोहल, कैफीन, प्रोसेस्ड फूड और स्मोकिंग को करने से बचना चाहिए। इससे स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं।
  • गर्भावस्था में कौन सा योग नहीं करना चाहिए?

    प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को भुजंगासन, नौकासन, चक्रासन, धनुरासन और हलासन को करने से बचना चाहिए। इस दौरान योग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें और यग प्रशिक्षक की निगरानी में ही करें। 

 

 

 

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