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30 साल से संभालकर रखे गए भ्रूण से हुआ बच्चे का जन्म, डॉक्टर से जानें भारत में क्या है एंब्रियो डोनेट के नियम?

अमेरिका के ओहियो में 1994 में एंब्रियो को फ्रीज किया गया था, जिसका जन्म अब जाकर हुआ है। ऐसे में आइए जानते हैं भारत में एंब्रियो डोनेट करने के क्या नियम हैं? 
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30 साल से संभालकर रखे गए भ्रूण से हुआ बच्चे का जन्म, डॉक्टर से जानें भारत में क्या है एंब्रियो डोनेट के नियम?


दुनिया में पहली बार 30 साल पुराने बच्चे (30 year old frozen embryo) ने जन्म लिया है। यह बात सुनने में बहुत चौंकाने वाली लग सकती है, जिस पर किसी के लिए भी भरोसा करना काफी मुश्किल है। दरअसल अमेरिका के ओहियो में 1994 में एंब्रियो को फ्रीज किया गया था, जिसका जन्म अब जाकर हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ओहियो के लिंडसे और टिम पियर्स इस बच्चे के माता पिता हैं। बता दें कि जब उनके बच्चे का भ्रूण ट्रांसफर के लिए तैयार हुआ उस समय टिम और लिंडसे की उम्र खुद 3 से 4 साल रही होगी। आइए बिरला फर्टिलिटी और आईवीएफ सेंटर की हेड ऑफ एम्ब्रीयोलोजी डॉ. वर्षा सैमसन रॉय से जानते हैं क्या है पूरा मामला, और भारत में एंब्रियो डोनेट (embryo freezing) करने का क्या नियम है?

एंब्रियो फ्रीज से 30 साल बाद जन्म लेने वाला पहला बच्चा

आपको बता दें कि एंब्रियो फ्रीजिंग से जन्म लेने वाले थैडियस ने अब तक सबसे बुजुर्ग शिशु होने का रिकॉर्ड बनाया है। लिंडसे के अनुसार जब उन्हें भ्रूण की उम्र के बारे में पता चला तो यह सुनकर उन्हें काफी अजीब लगा, क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि इतने समय पहले भी भ्रूण को फ्रीज करके रखा जाता था। आपको बता दें कि थैडियस की एक 30 साल की बहन भी है, जिसकी बेटी खुद 10 साल की है। मिली जानकारी के मुताबिक थैडियस के एंब्रियो को 1994 में लिंडा आर्चर्ड और उनके एक्स पति के IVF ट्रीटमेंट के दौरान 3 अन्य एंब्रियो फ्रीज किया गया था। पहली बच्ची के जन्म के बाद इस कपल का तलाक हो गया था, लेकिन अपने बाकी 3 एब्रियो को सुरक्षित फ्रीज रखने के लिए वे हर साल लगभग 1 हजार डॉलर देती थी।

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भारत में एग फ्रीजिंग के बारे में क्या कहते हैं डॉक्टर?

डॉ. वर्षा सैमसन रॉय का कहना है कि, क्रायोप्रिजर्वेशन, जिसे एंब्रियो फ्रीजिंग के रूप में भी जाना जाता है, लंबे समय से आईवीएफ प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा रहा है, लेकिन हाल ही में 30 साल पुराने फ्रीज (embryo freezing) किए गए भ्रूण से हुए बच्चे के जन्म की क्षमता का संकेत है। भारत में एग या स्पर्म फ्रीजिंग के बारे या एंब्रियो फ्रीजिंग के बारे में आज भी खुलकर बात नहीं की जाती है। ज्यादातर कपल्स नेचुरल तरीके से कंसीव करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब तक वे IVF कराने के बारे में सोचते हैं उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है। बता दें कि शुक्राणु, अंडों या भ्रूणों को फ्रीज करने से प्रजनन क्षमता को बेहतर रखने और कभी भी कंसीव करने की उम्मीद बढ़ जाती है।

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भारत में एंब्रियो डोनेट करने के नियम

IVF ट्रीटमेंट के दौरान कई शुक्राणुओं और अंडों से एंब्रियो तैयार किए जाते हैं, जिसमें से एक या दो ही एंब्रियो को ट्रांसफर किया जाता है, बाकी बचे एंब्रियो को फ्रीज करके रख दिया जाता है, ताकि भविष्य में अगर उन्हें बच्चे को जन्म देना हो तो उन्हें किसी तरह की मुश्किल न हो। बता दें कि भारत में एम्ब्रियो डोनेशन (embryo donation) के नियमों को Assisted Reproductive Technology (ART) Act, 2021 और उसके नियमों (2022) के आधार पर पर तैयार किया गया है। आइए जानते हैं क्या है वे नियम-

  • भारत में एंब्रियो डोनेट करने के वाली महिला की उम्र 23 से 35 साल की बीच होने चाहिए, महिला शादीशुदा होनी चाहिए और कम से कम एक 3 साल के बच्चे की मां होने चाहिए। एक महिला अपनी लाइफ में सिर्फ 1 बार एग डोनेट कर सकती है, जिसमें एक बार में ज्यादा से ज्यादा 7 एग निकाले जा सकते हैं।
  • भारत में शुक्राणु डोनेट करने के लिए पुरुषों की उम्र 21 से 55 साल के बीच होनी चाहिए। साथ ही एक डोनर का शुक्राणु सिर्फ एक इंटेंडेड कपल या महिला को दी जा सकती है।
  • भारत में किसी अन्य कपल का एंब्रियो लेने के लिए जरूरी है कि कपल शादीशुदा हो, जो नेचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर सकते हैं या महिला तलाकशुदा हो या फिर तलाकशुदा हो।
  • भारत में एंब्रियो स्टोर करने का अधिकतम समय 10 साल (How long can I freeze my embryo?) रखा गया है। इसेक बाद अगर एंब्रियो का उपयोग न हो तो उन्हें रजिस्ट्रेड ART बैंक की इजाजत से नष्ट किया जा सकता है या रिसर्च के लिए दिया जा सकता है।
  • एंब्रियो डोनेट करने या प्राप्त करने के लिए दाता और प्राप्तकर्ता दोने से लिखित में सहमति होना जरूरी और अनिवार्य है। कई बार इस प्रक्रिया में डोनर की पहचान छिपाकर रखी जा सकती है।
  • एंब्रियो को फ्रीज रखने और डोनेट करने के लिए सभी ART क्लीनिक्स और gamete बैंक को सरकारी नेशनल रजिस्टरी ऑफ बैंक्स एंड क्लिनिक में रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होता है।

निष्कर्ष

30 साल तक एंब्रियो को फ्रीज रखने और उससे एक हेल्दी बच्चे के जन्म ने दुनियाभर में कई लोगों को चौंका दिया है। आज के समय में लोगों के बीच बढ़ते इनफर्टिलिटी के मामलों को देखते हुए एंब्रियो फ्रीजिंग या एग फ्रीजिंग का महत्व बढ़ गया है। इसलिए, जो लोग देरी से फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं, उनके लिए जरूरी है कि वे समय पर अपने एग को फ्रीज करवा लें, ताकि उम्र बढ़ने के बाद और फर्टिलिटी में कमी आने के बाद भी वे आसानी से प्रेग्नेंट हो सके।
Image Credit: Freepik

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