एंजायटी के कारण भी आपका जी मिचलाता है, जानें इससे बचाव के 3 उपाय

जब आप अधिक तनाव में होते हैं तब आपकी पल्स रेट और दिल की धड़कन बढ़ जाती है।  ऐसे में आपको जी मिचलाना भी महसूस हो सकता है।
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एंजायटी के कारण भी आपका जी मिचलाता है, जानें इससे बचाव के 3 उपाय


एंजायटी या चिंता करना एक ऐसी स्थिति होती है जो हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी जरूर आती है और व्यक्ति में उसके लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। किसी से बात करने का मन न होना, अधिक स्ट्रेस और व्याकुलता आदि कुछ इसके आम लक्षण हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एंजायटी केवल मानसिक रूप से ही आपको प्रभावित नहीं करती बल्कि इसका असर शारीरिक तौर पर भी देखने को मिल सकता है। कभी-कभी एंजायटी के दौरान जी मिचलाना आपको बीमार भी कर सकता है। जैसे अपच, डायरिया और उल्टियां। इसलिए जी मिचलाना और एंजायटी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। आइए जानते हैं कैसे।

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एंजायटी और जी मिचलाने के बीच क्या संबंध है? 

हालांकि हर किसी व्यक्ति को एंजायटी होने पर जी मिचलाना जैसा लक्षण महसूस नहीं होता। जबकि कुछ लोग अधिक चिंतित महसूस करते समय जी मिचलाता हुआ भी महसूस करते हैं। साथ ही उन्हें उल्टियां आना शुरू हो जाती हैं। यह आपका शरीर जिस प्रकार काम करता है, उस पर आधारित है। जब आप अधिक चिंतित होते हैं तो आपके दिमाग से न्यूरोट्रांसमीटर नामक केमिकल रिलीज होते हैं। जो आपको इस खतरे से बचाने में मदद करते हैं। आपके पाचन तंत्र और दिमाग में एक संबंध है। इसलिए पाचन तंत्र में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर आपके दिमाग को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ न्यूरोट्रांसमीटर आपके पेट में मौजूद बैक्टीरिया का संतुलन बिगाड़ देते हैं जिससे जी मिचलाने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।

जी मिचलाना एंजायटी की दवाइयों का भी हो सकता है लक्षण

अगर आप एंजायटी डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं और इसके उपचार में दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो जी मिचलाना और पाचन से जुड़ी समस्याएं इन दवाइयों का भी साइड इफेक्ट हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन दवाइयों से आपके शरीर में सेरोटोनिन लेवल बढ़ जाते हैं। इससे आपके दिमाग का वह हिस्सा स्टिमुलेट हो जाता है जो जी मिचलाने जैसे लक्षणों को नियंत्रित करता है।

एंजायटी और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के बीच क्या संबंध है? 

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के दौरान भी आपको जी मिचलाना महसूस हो सकता है। इस दौरान पेट में दर्द, पेट फूलना, डायरिया, कब्ज, अधिक गैस बनने की शिकायत हो सकती है।

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एंजायटी के दौरान जी मिचलाना से कैसे बचा जा सकता है (Tips To Prevent Nausea)

कैफ़ीन का सेवन बंद कर दें : कैफ़ीन से चिंता करने के दौरान होने वाले लक्षण और अधिक बढ़ सकते हैं। इससे आपका उल्टियां और जी मिचलाने बढ़ सकता है। इसलिए अगर आप कैफ़ीन का सेवन कर रहे हैं और रोजाना एंजायटी महसूस करते हैं तो कैफ़ीन का सेवन बंद कर दें।

1. पर्याप्त नींद लें 

जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है अक्सर उन्हें ही एंजायटी और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों का अधिक सामना करना पड़ता है। इसलिए अगर आप एक चैन भरी नींद पूरी करते हैं तो आपका दिमाग काफी रिलैक्स महसूस करता है जिससे इस प्रकार के लक्षण भी गायब हो जाते हैं।

2. एक्सरसाइज करें 

अगर आप शारीरिक गतिविधि करते हैं तो इससे एंजायटी के कारण होने वाली मसल टेंशन रिलीज हो जाती है। इससे आपका शरीर काफी हल्का और रिलैक्स महसूस करता है। एक्सरसाइज करने से आपका मूड भी काफी खुश रहता है जिससे चिंता कम महसूस होती है।

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3. म्यूजिकल थेरेपी ट्राई करें 

अगर आप संगीत सुनते हैं तो इससे दिमाग से चिंता और परेशानी काफी हद तक कम हो जाती है और मन हल्का हो जाता है। अगर आप गाना गाना पसंद करते हैं तो अपने आप को रिकॉर्ड भी कर सकते हैं। म्यूजिक को चिंता कम करने के लिए सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है।

अगर यह लक्षण दवाइयों का साइड इफेक्ट है तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। आप चाहें तो घरेलू उपचार भी ट्राई कर सकते हैं। चिंता का मुख्य कारण पता करें और उस कारण को दूर करें।

All images credit: freepik

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