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पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है एंग्जाइटी डिसऑर्डर, जानें इसके कारण

एंग्जाइटी में लोगों को डर लगना, मांसपेशियों में तनाव, चिंता व आत्महत्या के विचार आ सकते हैं। आगे जानते हैं कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा एंग्जाइटी क्यों होती है।
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पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है एंग्जाइटी डिसऑर्डर, जानें इसके कारण


Why Anxiety Disorder More Common In Females In Hindi : समय के साथ लोगों की बदलती लाइफस्टाइल से कई तरह के रोगों का जोखिम बढ़ गया है। इसमें शारीरिक और मानसिक रोगों को शामिल किया जा सकता है। एंग्जाइटी होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। मनुष्य का मानसिक स्वास्थ्य जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है, और इसमें पुरुषों और महिलाओं के बीच भी महत्वपूर्ण अंतर देखा जाता है। विशेष रूप से, महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक तनाव और एंग्जाइटी डिसऑर्डर (Why Are Women More Prone to Anxiety Disorders?) का शिकार होती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारक शामिल हैं। इस लेख में, आगे डॉ राहुल कक्कड़, कंसलटेंट साइकैटरिस्ट एंड साइकोथैरेपिस्ट नारायणा अस्पताल से जानेंगे कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक एंग्जाइटी क्यों होती है। 

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा क्यों होता है एंग्जाइटी डिसऑर्डर? - Why Women Are More Prone To Anxiety Disorder As Compared To Men In Hindi 

हार्मोनल बदलाव - Hormonal Changes 

महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन अक्सर तनाव और चिंता का कारण बन सकते हैं। मासिक धर्म, प्रेग्नेंसी, प्रसव और मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव महिलाओं के मूड और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) और प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD) जैसी स्थितियों में महिलाएं अधिक तनाव और चिंता का अनुभव कर सकती हैं।

Why Women Are More Prone To Anxiety Disorder As Compared To Men In Hindi

भावनात्मक प्रभाव - Emotional Effects

महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य उनके जीवन के अनुभवों से भी प्रभावित होता है। दरअसल, महिलाएं अक्सर अधिक संवेदनशील होती हैं। वह किसी भी घटना पर तुरंत भावनात्मक प्रतिक्रियाएं प्रकट करती हैं। यह संवेदनशीलता उन्हें तनावपूर्ण घटनाओं के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाती है।

सामाजिक जिम्मेदारियां- Social Responsibility 

समाज में महिलाओं की भूमिका और जिम्मेदारियां भी उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। पारंपरिक रूप से, महिलाओं को परिवार की देखभाल, बच्चों की परवरिश और घरेलू कार्यों की जिम्मेदारी अधिक सौंपी जाती है। ये जिम्मेदारियां उन्हें अधिक मानसिक दबाव में डाल सकती हैं। इसके अतिरिक्त, कार्यस्थल पर भी महिलाओं को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह भी उनकी एंग्जाइटी का कारण हो सकता है। 

सामाजिक शोषण 

आज भी समाज में महिलाओं को शोषण का शिकार होना पड़ता है। ग्रामीम इलाकों में आज भी महिलाओं को पुरुषों के साथ बराबरी का मौका नहीं दिया जाता है। यही कारण हैं कि महिलाओं को एंग्याइटी का शिकार होना पड़ता है। 

उपचार - Treatment 

तनाव और एंग्जाइटी को दूर करने के लिए महिलाओं को पुरुषों की तरह समान अधिकार दिए जाने चाहिए। यदि, बहुत जरूरी हो तो ऐसे में काउंसलर या अन्य एक्सपर्ट की सलाह ही जा सकती है। 

इसे भी पढ़ें: एंग्जाइटी से बचने के लिए मॉर्निंग रूटीन में शामिल करें ये जरूरी आदतें

Why Anxiety Disorder More Common In Females: महिलाएं की मानसिक स्थिति से संवेदनशील होती हैं। इसलिए उन्हें अक्सर छोटी-छोटी बातों से भी स्ट्रेस और तनाव हो सकता है। चिंता और एंग्जाइटी से बचने के लिए आप नियमित योग और प्राणायाम कर सकते हैं। इससे ब्रेन में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है और स्ट्रेस में आराम मिलता है। 

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