White Lung Syndrome in Hindi: दुनिया अभी कोरोना वायरस के कहर से उबरी ही थी कि फिर से चीन में एक रहस्यमयी बीमारी ने दस्तक दे दी है। यह बीमारी चीन से शुरू हुई और अब इसके मामले अन्य देशों में भी सामने आ रहे हैं। चीन के बाद यह रहस्यमयी निमोनिया अमेरिका में भी फैल चुका है। अभी तक इसे मिस्ट्री वायरस के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस को व्हाइट लंग सिंड्रोम का नाम दिया है। यह वायरस बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है। आपको बता दें कि यह सिंड्रोम बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है। इस वायरस की वजह से पीड़ित व्यक्ति के फेफड़ों में सफेद रंग के पैच नजर आने लगते हैं। साथ ही, फेफड़ों में सूजन आती है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इसलिए इसका नाम व्हाइट लंग सिंड्रोम रखा गया है। इस वायरस के लक्षणों का शुरुआत में ही पता लगाना बहुत जरूरी होता है। अन्यथा यह आगे चलकर गंभीर रूप ले सकता है। आइए, फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के डॉक्टर रमन कुमार से जानते हैं व्हाइट लंग सिंड्रोम के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय (White Lung Syndrome)-
व्हाइट लंग सिंड्रोम कैसे फैलता है?- How White Lung Syndrome Spread in Hindi
आपको बता दें कि व्हाइट लंग सिंड्रोम एक संक्रामक बीमारी है। जो एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल सकता है। यानी अगर स्वस्थ व्यक्ति, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से प्रभावित हो सकता है। यह संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने के दौरान निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने से फैल सकता है। इसके अलावा, व्हाइट लंग सिंड्रोम गंदे हाथों के संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
व्हाइट लंग सिंड्रोम के लक्षण- White Lung Syndrome Symptoms in Hindi
- ठंड लगना
- थकावट और कमजोरी महसूस होना
- खांसी और जुकाम लगना
- नाक बहना
- नाक का बंद होना
- गले में खराश महसूस होना
- बुखार
- सांस लेने में तकलीफ होना
अगर आपको इन लक्षणों का अनुभव हो, तो इन्हें नजरअंदाजन न करें और डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
इसे भी पढ़ें- चीन में फैल रहे रहस्यमयी निमोनिया पर भारत सरकार अलर्ट, जानें इससे जुड़े सभी लेटेस्ट अपडेट
व्हाइट लंग सिंड्रोम के कारण- White Lung Syndrome Causes in Hindi
CDC के अनुसार माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया, श्वसन तंत्र में हल्के संक्रमण का कारण बनता है। कुछ मामलों में ये बैक्टीरिया फेफड़ों के संक्रमण का कारण भी बन सकते हैं। ये बैक्टीरिय गले, श्वसन प्रणाली और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है।
इसे भी पढ़ें- ठंड के मौसम में बढ़ जाता है निमोनिया का खतरा, जानें इसके लक्षण
व्हाइट लंग सिंड्रोम के बचाव के टिप्स- White Lung Syndrome Prevention Tips in Hindi
- इस सिंड्रोम से बचने के लिए आपको हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए।
- इसके लिए आप खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं।
- आपको मुंह, नाक और आंखों को छूने से भी बचना चाहिए।
- छींकते समय मुंह और नाक को ढक लें।
- संक्रमित होने के बाद आपको घर पर ही रहना चाहिए। इस दौरान बाहर और लोगों से मिलने से बचें।
- घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।