देशभर में ब्लैक फंगस का कहर लगातार बढ़ रहा है। इस बीच एक और खतरे ने भारत में दस्तक दे दी है। बिहार की राधनानी पटना में व्हाइट फंगस (White fungus) के चार मामले सामने आए हैं, जो बेहद ही चौंकाने वाले हैं। कुछ लोगों का कहना है कि व्हाइट फंगस, ब्लैक फंगस (Black Fungus) की तुलना में अधिक खतरनाक है। यह हमारे फेफड़ों के साथ-साथ दिमाग, अमाशय, स्किन, नाखून, मुंह का अंदरुनी हिस्सा, आंत, किडनी और गुप्तांग जैसे अंग पर बुरा असर डाल सकता है। इस खबर के आते ही लोगों के मन में एक और नया डर बैठ गया है। अब सवाल यह है कि क्या वाकई में ब्लैक फंगस से खतरनाक होता है व्हाइट फंगस (White fungus)? चलिए इस बारे में जानते हैं एक्सपर्ट की क्या है राय?
व्हाइट फंगस पर क्या है डॉक्टर्स की राय?
व्हाइट फंगस के विषय में जानने के लिए हमने स्किनफाइन क्लीनिक के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिनव सिंह से बात की। उन्होनें बताया व्हाइट फंगस को मेडिकल भाषा में Candidiasis कहते हैं। यह फंगस हम सभी के शरीर में सामान्यतौर पर रहता ही है। लेकिन जब बॉडी की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, तो हमारे शरीर को प्रभावित करने लग जाता है। डॉक्टर अभिनव का कहना है कि यह ब्लैक फंगस से अधिक खतरनाक नहीं है। ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस की तुलना में हमारे शरीर में काफी तेजी से ग्रो करता है।
मेदांता हॉस्पिटल के चेस्ट सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि व्हाइट फंगस लंग्स पर भी इफेक्ट करता है। हर तरह का फंगस लंग्स पर इफेक्ट करता है। पहले भी करता था और आज के समय भी करता है। ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस की तुलना में अधिक खतरनाक होता है। क्योंकि ब्लैक फंगस तेजी से शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करता है। लेकिन व्हाइट फंगस इस तरह का प्रभाव नहीं करता। ऐसे में ब्लैक फंगस ही ज्यादा घातक है। क्योंकि ब्लैक फंगस ज्यादा अग्रेसिव किस्म का फंगस है और बहुत ही तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है और अधिकतर दवाइयां इसपर काम नहीं करती हैं। केवल एंफोटेरेसिन इसपर काम करती हैं।
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स्किन पर व्हाइट फंगस का असर (How does White fungus Affect Your Skin)
डॉक्टर अभिनव का कहना है कि स्किन की बात की जाए, तो मुंह के हिस्से पर इसका ज्यादा असर दिखता है। वहीं, शरीर के जिस हिस्से पर नमी रहती है वहां पर इसका ज्यादा असर दिखता है।
व्हाइट फंगस लंग्स पर कैसे डालता है असर? (How does White fungus Affect Your Lungs)
डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि व्हाइट फंगस सांस के जरिए लंग्स में जाकर फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है। इससे मरीज को निमोनिया हो सकता है। लंग्स में फंगल बॉल्ब बन सकते हैं। इस तरह से फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है।
व्हाइट फंगस का पहचान करना है थोड़ा मुश्किल
डॉक्टर अभिनव का कहना है कि व्हाइट फंगस को लोग इसलिए ज्यादा खतरनाक बोल रहे हैं क्योंकि इससे डिटेक्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है। अन्य फंगस इंफेक्शन होने पर तेजी से बुखार आने लगता है, जिसे इटेक्ट करना आसान है। लेकिन व्हाइट फंगस में इस तरह के लक्षण नहीं दिखते हैं। इसलिए इसका इलाज थोड़ा लेट शुरू हो पाता है। इसलिए इलाज में थोड़ी परेशानी आती है।
व्हाइट फंगस के लक्षण (White Fungus Symptoms)
डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि व्हाइट फंगस के लक्षण काफी देर से सामने आते हैं। जब इस फंगस से फेफड़े संक्रमित होते हैं, तो आपके शरीर में निम्न तरह के लक्षण दिख सकते हैं-
- मरीज को खांसी होना।
- हल्का बुखार होना।
- सांस फूलना
- निमोनिया के सभी लक्षण मरीज में दिख सकते हैं।
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व्हाइट फंगस होने के कारण (White fungus Causes)
डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि सभी फंगस हवा में मौजूद होते हैं, ऐसे में जब हम सांस लेते हैं तो यह सभी फंगस हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। लेकिन शरीर की इम्यूनिटी इन फंगस को पैर जमाने से रोकती है। इन दिनों लोगों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं, इसलिए यह फंगस लोगों के सामने उभरकर आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ अन्य कारण निम्न हैं-
- शरीर पर नमी
- इम्यूनिटी कमजोर होना
- स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल
- डायटीबिटज होना
- लंबे समय तक एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करना
कैसे किया जाता है डिटेक्ट? (diagnosis of white fungus)
- ब्लड कल्चर टेस्ट
- कफ का फंगल कल्चर टेस्ट
- स्किन पर KOH फंगस जानने की कोशिश
कैसे किया जाता है इलाज (Treatment of White fungus)
डॉक्टर अभिनव सिंह बताते हैं कि व्हाइट फंगस होने पर मरीज को एंटी-फंगस की हैवी डोज की जाती है। मरीजों को समय पर यह डोज देना बहुत ही जरूरी है।
कितना है गंभीर व्हाइट फंगस? (How Risky of White fungus)
समय पर हैवी एंटीफंगल डोज नहीं दिया गया, तो यह घातक भी हो सकता है। शरीर में व्हाइट फंगस ज्यादा बढ़ने से खाने की नली पर असर पड़ता है। डॉक्टर अभिनव सिंह बताते हैं कि जब यह हमारे ब्लड में इन्वॉल्व होता है, तो इसका असर दिमाग और किडनी पर भी दिखता है। इतना ही नहीं, इससे लंग्स भी संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन ब्लैक फंगस की तरह जल्दी ग्रो नहीं करता है।
डॉक्टर अरविंद कुमार का व्हाइट फंगस के बारे में कहना है कि ब्लैक फंगस का अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह बहुत सारे मरीजों की जान ले सकता है। लेकिन व्हाइट फंगस अन्य फंगस के मुकाबले कम घातक है। किसी भी इंफेक्शन का अगर आप समय पर इलाज नहीं कराते हैं, तो यह आपके लिए घातक हो सकता है।
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व्हाइट फंगस से कैसे किया जा सकता है बचाव (Prevention of White Fungus)
- शुगर को कंट्रोल रखिए।
- ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक का इस्तेमाल न करें।
- इम्यून को बूस्ट करने वाले आहार का सेवन करें।
- स्टेरॉयड का कम से कम मात्रा में और कम से कम समय में यूज करें।
- डायटबिटीज को हेल्दी लाइफस्टाइल से कंट्रोल में रखें।
- अपने लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
डॉक्टर्स द्वारा दी जानकारी से यह साफ होता है कि ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस की तुलना में अधिक खतरनाक होता है। लेकिन अगर आप किसी भी फंगस का समय पर इलाज नहीं करवाते हैं, तो यह आपके लिए घातक हो सकता है। इसलिए अपने लक्षणों को नजरअंदाज न करें और सही समय पर डॉक्टर्स से संपर्क करें।
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