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कैंसर के मरीजों को फंगल इंफेक्शन होने पर क्या जोखिम हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें

कैंसर का इलाज कराने वाले मरीजों की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है। ऐसे में उनको अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा अधिक रहता है। आगे जानते हैं इस दौरान किन समस्या का जोखिम हो सकता है?
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कैंसर के मरीजों को फंगल इंफेक्शन होने पर क्या जोखिम हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें


Risk Factor Of Fungal Infection In Cancer Patient In Hindi: शरीर में निरंतर कोशिकाएं बनती है तो पुरानी कोशिकाएं नष्ट होती है। जब इस प्रक्रिया में बाधा आती है या कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है तो इससे कैंसर बनने की संभावना बढ़ जाती है। सही समय पर कैंसर की पहचान करने से इसके इलाज के समय कम किया जा सकता है। कैंसर का इलाज किमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के द्वारा किया जाता है। इन थेरेपी का असर व्यक्ति की इम्यूनिटी पर पड़ता है। कैंसर के इलाज के दौरान इम्यूनिटी पावर कमजोर हो जाती है। ऐसे में कई मरीजों को इंफेक्शन का जोखिम अधिक होता है। डॉक्टर्स के अनुसार कैंसर के मरीजों को फंगल संक्रमण का खतरा सामान्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक होता है। यह संक्रमण कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है, इसलिए इसे समय पर पहचानना और रोकथाम करना बेहद जरूरी है। इस लेख में अर्टिमिस अस्पताल के ऑनकोलॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तपन से जानते हैं कि कैंसर मरीज को फंगल इंफेक्शन होने पर क्या जोखिम (Risk Factor Of Fungal Infection In Cancer Patient) होता है?

कैंसर रोगियों में फंगल संक्रमण का खतरा अधिक क्यों होता है? - Risk Factor Of Fungal Infection In Cancer Patient In Hindi

लंबे समय तक अस्पताल में रहना

कैंसर रोगियों को लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है, जहां संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में फंगल इंफेक्शन और अन्य इंफेक्शन होने का जोखिम रहता है।

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इम्यून पावर कमजोर होना (Immunosuppression)

कैंसर और इसके इलाज के दौरान ली जाने वाली थेरेपी से इम्यूनिटी पावर कमजोर हो जाती है। कमजोर इम्यून सिस्मटम की वजह से त्वचा संवेदनशील हो जाती है औ फंगल इंफेक्शन होने का जोखिम रहता है।

दवाओं का प्रभाव

कैंसर के इलाज के दौरान दी जाने वाली स्टेरॉयड और इम्यूनोस्प्रेसिव दवाइयां फंगल संक्रमण के जोखिम को बढ़ा देती हैं। इसके अलावा, त्वचा का संक्रमण भी बढ़ जाता है।

नेयूट्रोपेनिया (Neutropenia)

कीमोथेरेपी के दौरान ब्लड में सफेद रक्त कोशिकाओं (नेयूट्रोफिल्स) की संख्या घट जाती है। इसे नेयूट्रोपेनिया कहा जाता है। नेयूट्रोफिल्स शरीर के इम्यून सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी फंगल संक्रमण के जोखिम को बढ़ा देती है।

पोषण की कमी (Malnutrition)

कैंसर के मरीजों में भूख की कमी और पोषण की कमी आम समस्या है। कमजोर पोषण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को और भी अधिक कम कर देता है, जिससे फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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Risk Factor Of Fungal Infection In Cancer Patient In Hindi: कैंसर के इलाज के दौरान फंगल इंफेक्शन के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। शुरुआती समय में इलाज से इलाज के दुष्प्रभावों को कंट्रोल करना आसान होता है। हालांकि, कैंसर के इलाज का शरीर पर पड़ने वाला प्रभाव हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। डॉक्टर इस दौरान रोगी की लाइफस्टाइल और खानपान में कुछ बदलाव कर सकते हैं।

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