देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर तमाम कोशिशों के बाद भी काबू में आने का नाम नहीं ले रही है (Covid Second Wave in India)। लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में थोड़ी बहुत कमी आनी शुरू हुई है। कोरोना से ठीक होने वाले लोग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस बीच कोरोना मरीजों और कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस के खतरे ने चिंता बढ़ा दी है (Mucormycosis or Black Fungus)। ब्लैक फंगस को एक गंभीर बीमारी बताया जा रहा है, जिससे व्यक्ति की जान जाने का खतरा भी बना रहता है। ज्यादातर कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों में इसके लक्षण नजर आ रहे हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए लोगों को कोरोना होने के समय से ही अपना बचाव करके रखना चाहिए, जिससे बाद में वे ब्लैक फंगस इंफेक्शन से बच सकें। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर विवेक चौकसे से जानें ब्लैक फंगस से बचने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना है।
क्या है ब्लैक फंगस (What is Black Fungus or Mucormycosis)
कोरोना वायरस से ठीक होने वाले लोगों में ब्लैक फंगस की बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है। इसे मेडिकल टर्म में म्यूकरमायकोसिस (Mucormycosis) कहा जा रहा है। ब्लैक फंगस मरीज के दिमाग, फेफड़ों और स्किन पर अटैक कर सकता है। यहां तक कि इस बीमारी की वजह से कई मरीजों की आंखों की रोशनी भी जा रही है। इतना ही नहीं इसमें कई मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी के गलने की भी समस्या सामने आ रही है। इतना ही नहीं यह मरीज की जान भी ले सकता है।
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टॉप स्टोरीज़
ब्लैक फंगस के लक्षण (Symptoms of Black Fungus or Mucormycosis)
- नाक और आंख के आस-पास दर्द होना
- बुखार और सिरदर्द
- मानसिक रूप से अस्वस्थ
ब्लैक फंगस से बचाव के लिए रखें इन बातों का ध्यान (How to Prevent Risk of Black Fungus or Mucormycosis)
अगर आप चाहते हैं कि कोविड रिकवरी के बाद आपको ब्लैक फंगस जैसे खतरनाक इंफेक्शन का सामना न करना पड़े, तो इस दौरान आपको कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना होगा। इससे आप इस इंफेक्शन से खुद को बचा सकते हैं।
- बेवजह स्टेरॉइड्स लेने से आपको बचना चाहिए। कोरोना के दौरान आपको स्टेरॉइड्स का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए। आप कभी भी अपने आप स्टेरॉइड्स का सेवन न करें। डॉक्टर की सलाह पर ही आपको इसका सेवन करना चाहिए।
- इसके साथ ही अगर आप कोविड पेशेंट हैं और ब्लैक फंगस से बचना चाहते हैं, तो आपको ऑक्सीजन सिलेंडर के ह्यूडीफायर (ऑक्सिफ्लो मीटर में लगी एक पानी की बोतल) में सेलाइन वॉटर का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इससे कोरोना से ठीक होने के बाद आपको ब्लैक फंगस होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
- कई लोग कोरोना होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स धड़ल्ले से ले रहे हैं। आपको बता दें कि कोविड एक वायरस है, जबकि एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ाई करने के लिए दी जाती है। बहुत ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक्स लेने से आप वायरस को नहीं मार सकते हैं। इसलिए आपको इस दौरान डॉक्टर की सलाह पर ही एंटीबायोटिक्स का सेवन करना चाहिए। डॉक्टर के द्वारा बताया गया उतना ही डोज लें, जितने में कोई दूसरा सुपर एडेड इंफेक्शन न हो।
- कोरोना होने पर अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल डाउन होता है, तो ऑक्सीजन दी जाती है। ऐसे में दूसरे मरीजों का ऑक्सीजन मास्क इस्तेमाल करने से भी आपको बचना चाहिए। इससे भी ब्लैक फंगस होने की बहुत ज्यादा संभावना रहती है। ऐसे में आपको अपना अलग मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
- ब्लैक फंगस का सबसे ज्यादा खतरा डायबिटीज पेशेंट को रहता है। ऐसे में उन्हें अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी होता है। शुगर लेवल कंट्रोल में रहने पर ब्लैक फंगस के इंफेक्शन से बचा जा सकता है।
- इसके साथ ही ब्लैक फंगस जैसे इंफेक्शन से बचने के लिए आपको दिनभर में 3-4 बार अपने नाक और आंखों को साफ पानी से साफ करें। इसके साथ ही दिन में 2 बार की स्टीम लें।
- इतना ही नहीं कोरोना के बाद ब्लैक फंगस से बचने के लिए आपको बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी स्टेरॉइड्स ड्रॉप या घरेलू नुस्खों की ड्रॉप बनाकर नाक में डालने से भी आपको बचना चाहिए।
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अगर कोरोना वायरस होने के दौरान आप इन सभी सावधानियों का पालन करते हैं, तो आपको ब्लैक फंगस होने की संभावना न के बराबर रहती है। इसलिए आपको इनका पालन जरूर करना चाहिए। कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा लेने से आपको बचना चाहिए।
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