कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को नाउम्मीदी में डाल दिया है। एक तरफ अस्पताल न जाने की दिक्कत दूसरी तरफ मेडिकल सुविधाओं की कमी। इस वजह से लोगों में शारीरीक और मानसिक दोनों तरह की परेशानियां बढ़ रही हैं। और यही वजह है कि शरीर में ऑक्सीजन लेवल ऊपर-नीचे होने लगता है। सोशल मीडिया पर हर दूसरी पोस्ट किसी को मौत की देखकर लोग और घबरा रहे हैं और उनकी सांसों पर असर पड़ रहा है। तो अगर आप भी ऐसी परेशानियों से गुजर रहे हैं तो विन्यास टेक्नीक आपकी इन परेशानियों में मदद कर सकती है। विन्यास टेक्नीक क्या है, यह कोरोना मरीजों में सांस की परेशानी को कैसे ठी करती है तो वहीं आम लोग जिन्हें कोरोना नहीं है और चिंता की वजह से सांस की दिक्कत हो रही है, तो उन्हें भी विन्यास टेक्नीक कैसे मदद करती है, इन सभी सवालों के जवाब दिए इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार ने। तो आइए विस्तार से जानते हैं विन्यास टेक्नीक के बारे में।
क्या है विन्यास टेक्नीक?
योग एक्सपर्ट भोली परिहार के मुताबिक विन्यास टेक्नीक योग का ही हिस्सा है। इसे विन्यास टेक्नीक और विन्यास फ्लो दोनों नामों से जाना जाता है। विन्यास फ्लो वह फ्लो है जिसमें हम अपनी सांसों और आसनों के बीच समन्वय (Cordination) बैठाते हैं और आसन को सांसों के साथ सही टेक्नीक के साथ करते हैं। विन्यास टेक्नीक में कई आसन शामिल होते हैं, पर शुरूआत चतुरंगा, अधोमुख स्वानासन, भुजंगासन और अपवर्ड फेसिंग डॉग से की जाती है। इन आसनों को करते समय थोड़े समय का विश्राम होता है, बाकी लगातार एक आशन के बाद दूसरा आसन करना होता है। आसन के साथ-साथ सांसों पर भी काम करना पड़ता है। इसमें आसन और सांसों का फ्लो साथ चलता है।
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कोरोनाकाल में विन्यास टेक्नीक के फायदे (Benefits of vinyasa technic during corona period)
शरीर में ऑक्सीजन लेवल रखे ठीक
विन्यास टेक्नीक में सारा खेल सांसों का होता है। हर आसन के साथ सांसों को छोड़ना और लेना होता है। इस वजह से शरीर में ऑक्सीजन लेवन ठीक रहता है। विन्यास टेक्नीक में अपवर्ड फेसिंग डॉग करने से छाती वाला हिस्सा खुल जाता है जिससे सांस लेने में मदद मिलती है। शरीर में ऑक्सीजन ठीक से पहुंचती है।
फेफड़ों को मजबूती
कोरोना होने पर सबसे ज्यादा फेफड़े प्रभावित होते हैं। विन्यास टेक्नीक करने से फेफड़ों तक ऑकसीजन ठीक से पहुंचती है और फेफड़े मजबूत होते हैं। जिन लोगों को सांस फूलने की दिक्कत है उनके लिए भी विन्यास टेक्नीक मददगार है।
तनाव दूर करे
कोरोना के समय में अपनों को खोने का डर या खुद की सेहत की चिंता सबसे ज्यादा हो रही है। ऐसे में तनाव बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर हर दूसरी पोस्ट किसी के मरने की आने की वजह से अपनों को खोने का डर मन में बैठ जाता है। ऐसे में चिंता, तनाव, डिप्रेशन होना लाजिमी है। विन्यास टेक्नीक इन परेशानियों से भी बाहर निकलती है। इस तकनीक में बार-बार सांस शरीर से अंदर से और बाहर जाती है जिससे दिमाग शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। इसमें ध्यान यह रखना होता है कि ब्रिदिंग पैटर्न ठीक रहे, जिससे आपको चिंता, तनाव से मुक्ति मिले।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
कोविड के समय में सब रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में विन्यास टेक्नीक बहुत मददगार है। विन्यास टेक्नीक करने से तनाव कम होता है और पेट की समस्याएं भी ठीक होती हैं। इन सभी कारणों से इम्युनिटी बूस्ट होती है।
छाती को मजबूती
विन्यास टेक्नीक करने से छाती वाले हिस्सो को मजबूती मिलती है। विन्यास टेक्नीक में जितने भी आसन करते हैं वे सभी आसन पेट और हाथों से संबंधित हैं, जिसकी वजह से छाती वाला हिस्सा खुलता है और छाती मजबूत होती है।
कोरोना की घबराहट को करे दूर
बहुत से लोगों को घरों में रहकर ही कोरोना से घबरहाट हो रही है। ऐसे लोगों के लिए भी विन्यास टेक्नीक बहुत फायदेमंद है। योग एक्सपर्ट भोली परिहार का कहना है कि जिन लोगों को कोरोना का डर लग रहा है और घबराहट हो रही है तो वे लोग धीरे-धीरे इस टेक्नीक को करें। इसके तीन चार फ्लो एक साथ करें जिससे आप रिलैक्स महसूस करेंगे।
सिरदर्द में सहायक
अधोमुख स्वानासन में जब आप रहते हैं तब हमारी बॉडी का ब्लड फ्लो सिर की तरफ होता है जिन लोगों को सिर दर्द है उन्हें रिलीफ मिलता है। साथ ही साथ हमारे सिर वाले हिस्से में ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाता है, जिसके कारण हम रिलैक्स महसूस करते हैं। इससे
मिलती है।
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छोटे मोटे संक्रमण को रखे दूर
विन्यास टेक्नीक छोटे-मोटे वायरस को दूर रखता है। योग एक्सर्ट भोली परिहार का कहना है कि विन्यास टेक्नीक शरीर में ऑक्सीजन लेवल के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक करता है। जिसके कारण छोटी-मोटी बीमारियां अपने आप ठीक हो जाती हैं। अगर किसी को छोटा मोटा इंफैक्शन है तो उसको भी यह टेक्नीक ठीक करती है।
जांघ, कमर, पेट को मजबूती
जब हम चतुरंगा करते हैं तब उस समय हमें अपनी पेट, कमर व जांघ वाले हिस्से को टाइट करना पड़ता है। जब हम इसे ढीला करते हैं तब हमारी मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती हैं, जिस समय हम चतुरंगा आसन में रहते हैं, उस समय मांसपेशियों को टाइट करने के कारण हमारे पेट, कमर व जांघों वाले हिस्से में मजबूती आती है।
वजन कम करने में मददगार
इस आसन को करते समय कई आसन एक साथ कर रहे होते हैं जिससे पसीना ज्यादा निकलता है जिसके कारण वजन कम होता है।
विन्यास टेक्नीट करने का पैटर्न
विन्यास टेक्नीक में कई आसन एक साथ सांसों के साथ किए जाते हैं। यहां योग एक्सपर्ट भोली परिहार ने विन्यास टेक्नीक शुरू करने के लिए शुरूआती आसन बताए हैं जिन्हें आप घर बैठे कर सकते हैं
अधोमुख स्वानासन (Downward facing dog)
विन्यास टेक्नीक में सबसे पहले अधोमुख स्वानासन करते हैं जिसे करने की विधि निम्न है।
- -वज्रासन में बैठ जाएं।
- -धीरे से अपनी दोनों बाहों को सामने की ओर खोलें।
- -अपने घुटनों को उठाते हुए पर्वत आसन की ओर जाएं।
- -अपने ऊपरी सिर (Crown head) को नीचे की तरफ या मैट की तरफ पुश करें। आपके घुटने हल्के छुके हुए रहेंगे।
- -इस आसन में 10 सैकेंड होल्ड करें। गहरी लंबी सांसें लें।
चतुरंग आसन
- अधोमुख आसन करने के तुरंत बाद चतुरंगा आसन करना होता है। इसे करने के विधि निम्न है।
- अधोमुख आसन में होल्ड करने के बाद गहरी लंबी सांस लेने के बाद सांस भरते हुए कुंभक आसन में आएं।
- इस आसन में कुछ देर होल्ड करें और 10-15 गहरी सांसें लें।
- सांस छोड़ते हुए चतुरंगा की ओर जाएं।
- चतुरंगा में आपके घुटने जमीन पर रहेंगे और ऊपरी शरीर हवा में रहेगा। चतुरंगा में 10 सैकेंड होल्ड करें। उसके बाद धीरे से अपनी बॉडी को जमीन पर छोड़ दें।
भुजंगासान
चतुरंगा आसन की अंतिम लाइन के बाद कंटीन्यूएशन में सांस भरते हुए दोनों हाथ वहीं बगल में रहेंगे। कंधों के नीचे। धीरे से अपनी अपर बॉडी को ऊपर उठाएं और भुजंगासान में आ जाएं।
- इस आसन में कुछ देर विश्राम करें। 10-15 मिनट होल्ड करें व लंबी गहरी सांस लें।
- अपने कंधों को पीछे की ओर खिचाव दें। अपनी छाती वाले हिस्से को आगे की तरफ खींचे।
- इस आसन को करते समय कुछ दबाव आपकी छाती पर और कुछ पीठ पर आएगा।
- धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अधोमुख स्वानासान में जाएं। वहां रुकें। अपनी दृष्टि को अपनी नाभि पर रखें। इस आसन में कुछ देर विश्राम करें। 15-20 लंबी गहरी सांसें लें व छोड़ें।
सावधानी
विन्यास टेक्नीक उन लोगों को नहीं करनी चाहिए जिन्हें घुटनों की दिक्कत या फ्रोजन शोल्डर की दिक्तत है। अगर वे कर भी रहे हैं तो किसी की देखरेख में करें।
विन्यास टेक्नीक में एक के बाद दूसरा आसन करना होता है। पर इसमें सांसों का फ्लो साथ चलता है। इसलिए यह टेक्नीक फेफडों के लिए और शरीर में ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने में बहुत मददगार है। कोरोनाकाल में विन्यास टेक्नीक आपको शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में फायदा मिलता है।
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