RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव है पर दिख रहे हैं कोरोना के लक्षण, तो वैक्सीन लगवाएं या नहीं? विशेषज्ञ से जानें जवाब

ऐसे लोग जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है पर कोरोना के सारे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो ऐसे लोगों को भी कोरोना मरीजों की तरह ही ट्रीट किया जाता है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव है पर दिख रहे हैं कोरोना के लक्षण, तो वैक्सीन लगवाएं या नहीं? विशेषज्ञ से जानें जवाब

कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय वैक्सीन है। अभी भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है। अब स्पूतनिक V को भी मंजूरी दे दी है। भारत में आगे कई और वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाए जाने की बात प्रशासन की ओर से की जा रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक भारत में अब तक 17,92,98,584  लोगों को टीका लगाया जा चुका है, लेकिन समस्या उन लोगों के साथ है जिनकी कोरोना जांच रिपोर्ट (Negative RT-PCR Report) निगेटिव आ रही है और उन्हें कोरोना के सारे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में वे लोग असमंजस में हैं कि ऐसी स्थिति में वैक्सीन (Vaccination in india) लगवाएं या नहीं। इस सवाल का जवाब राजकीय हृदय रोग संस्थान, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में कार्यरत वरिष्ठ प्रोफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ. अवधेश शर्मा से हमने लिया। यही नहीं उन्होंने बताया कि जब कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है तब क्या करना चाहिए। यह रिपोर्ट निगेटिव क्यों आती है। आगे इलाज कैसे करना चाहिए और ऐसे मरीजों को वैक्सीन कब लेनी चाहिए। 


इस पेज पर:-


Inside1_CoronaVaccineFAQs

आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव क्यों आती है?

इस सवाल के जवाब में डॉक्टर अवधेश शर्मा ने बताए कि अभी उनके पास करीब 40 फीसद लोगों के मामले ऐसे आए जिनमें उन्होंने बताया कि उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है पर उन्हें कोरोना के सारे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। ऐसे वे लोग आगे क्या इलाज करें इसको लेकर वे असमंजस में रहते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर अवधेश शर्मा ने बताया कि कई बार कोरोना की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव इसलिए आती है क्योंकि कोरोना की जांच के लिए नमूने नाक और मुंह से लिए जाते हैं। लेकिन कोरोना की ये जो नई स्ट्रेन है वो कुछ लोगों में सीधे फेफड़ों पर असर डाल रही है। जिस वजह से मुंह और नाक से नमूना लेने पर कोरोना की सही रिपोर्ट नहीं आती है। 

रिपोर्ट निगेटिव है तो क्या करें?

ऐसे मरीज जिनकी रिपोर्ट निगेटिव है और कोरोना के सारे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इन मरीजों का सीटी स्कैन (CT Scan) कराया जाता है। सीटी स्कैन में सामने आता है कि उनको टीपिकल कोविड निमोनिया आता है। ऐसे पेशेंट भी कोविड के मरीज ही कहलाएंगे। रिपोर्ट निगेटिव है तब भी उन्हें कोरोना का इलाज ही कराना होगा। डॉक्टर ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में आरपीसीआर की अहमियत बहुत ज्यादा नहीं रही, इसलिए इस लहर में सीटी स्कैन कराना जरूरी है। 

डॉक्टर का कहना है कि ऐसे मरीज जिनकी रिपोर्ट निगेटिव है और लक्षण सारे दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उन्होंने सही समय पर इलाज शुरू नहीं किया। तब उनके हल्के लक्षण गंभीर हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी। इसके अलावा रिपोर्ट निगेटिव है और कोरोना के लक्षण हैं तो निम्न उपाय अपनाएं।

  • -कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने और कोरोना के सारे लक्षण दिखाई देने पर आप ये मान लें कि आप कोरोना पॉजिटिव नहीं हैं। अगर लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो खुद को होम क्वारिंटीन कर लें।
  • -खुद को निगेटिव समझकर अन्य लोगों में यह वायरस न फैलाएं। लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से बात करें। 
  • -रिपोर्ट निगेटिव है और हल्के लक्षण हैं तो सीटी स्कैन कराएं। तब तक डॉक्टरी सलाह पर कोरोना की दवाएं शुरू कर दें।
  • -अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करत रहें। 
  • -अपने शरीर का तापमान थर्मोमाीटर से चेक करते रहें। 
  • -3 से 4 दिन के आइसोलेशन के बाद भी आपके लक्षण कम नहीं होते हैं तो दोबारा आरटीपीसीआर करवाएं। अगर अभी भी निगेटिव रिपोर्ट है तो सीटी स्कैन कराएं।

Inside2_CoronaVaccineFAQs

इसे भी पढ़ें : एम्स निदेशक ने चेताया, कोरोना मरीज बार-बार न कराएं CT Scan, हो सकता है कैंसर का खतरा

बार-बार सीटी स्कैन कराने के नुकसान 

पिछले दिनों एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने उन लोगों को चेताया था जो लोग बार-बार सीटी स्कैन करा रहे हैं उन्हें कैंसर का खतरा हो सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही सीटी स्कैन कराएं। 

ऐसे मरीज कब लगवाएं वैक्सीन?

डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि ऐसे मरीज जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है और लक्षण दिखाई देने पर उनका कोरोना का ही इलाज चलेगा। ऐसे मरीजों को भी वैक्सीन लगवाने के सरकारी निर्देशों को मानना होगा जो बाकी कोविड मरीजों के लिए हैं। ऐसे मरीज 90 दिन बाद वैक्सीन लगवाएं। डॉक्टर का कहना है कि शरीर की नेचुरल एंटीबॉडी बनने में 90 दिन का समय लगता है। इसलिए 90 दिन के बाद वैक्सीन लगवाएं। 

Inside3_CoronaVaccineFAQs

वैक्सीन की दो डोज के बीच कितना रखें अंतर

भारत सरकार के मुताबिक कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच अंतर बढ़ा दिया गया है। कोरोना की दो डोज के बीच 6-9 हफ्ते का अंतर था, जो अब बढ़ाकर 12-16 हफ़्ते तक कर दिया गया है। यह फैसला कोविड वर्किंग ग्रुप की सिफ़ारिश के बाद भारत सरकार ने लिया है।  

इसे भी पढें :  1 मई से शुरू हो रहा है तीसरे फेज का कोरोना टीकाकरण, एक्सपर्ट से जानें वैक्सीन से जुड़े आपके सभी सवालों के जवाब

अगले दो महीनों में बढ़ेगा वैक्सीन का उत्पादन

गुरुवार को हुई नीति आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य के डॉ. वी. के पॉल ने कहा कि अगस्त से दिसंबर तक भारत में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन महीनों में  कोविशील्ड की 75 करोड़ और कोवैक्सीन की 55 करोड़ डोज का उत्पादन भारत में हो जाएगा।

 क्या कोरोना की वैक्सीन नए वेरिएंट पर काम करती है?

वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में अभी भी अविश्वास है। गलतफहमियां हैं। ऐसे में यूनिसेफ (Unicef) ने वैक्सीन से संबंधित सभी सवालों के जवाब दिए हैं। यूनिसेफ के मुताबक कोरोना के नए वेरिएंट पर अभी बाजार में उपलब्ध कोरोना की वैक्सीन कितनी प्रभावी हैं इस पर दुनिया भर के विशेषज्ञ काम कर रहे हैं। पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि अभी जो वैक्सीन उबलब्ध हैं उनसे कोरोना से कुछ तो बचाव होता ही है। हालांकि विशेषज्ञ अभी भी यह रिसर्च कर रहे हैं कि कोरोना का ये नया वेरिएंट वायरस को प्रभावित कर रहा है। सभी स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं का कहना है कि जब तक नए वेरिएंट पर रिसर्च चल रही है तब जो वैक्सीन उपलब्ध हैं उन्हें लगवाना जरूरी है। क्योंकि कोरोना से बचने का उपाय वैक्सीन है। इसके अलवा सोशल डिस्टेसिंग, सही वेंटिलेशन, मास्क पहनना, हाथ धोना और अगर लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो सही समय पर इलाज शुरु करना आदि। इन उपायों से हम कोरोना को फैलने से रोक सकते हैं। 

कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है। लेकिन ऐसे लोग जिन्हें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है तो ऐसे लोगों को भी कोरोना संक्रमित ही माना जाएगा। क्योंकि कोरोना का नया वेरिएंट (New COVID-19 Variant) सीधे फेफड़ों पर असर डालता है। इसलिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट में जो नमूने नाक और मुंह से लिए जाते हैं उनमें लक्षण नहीं आ पाते। 

Read More Articles on Miscellaneous in Hindi

 

यह विडियो भी देखें

Read Next

क्या डायबिटीज कंट्रोल करने में मददगार है क्रोमियम? Luke Coutinho से जानें शरीर के लिए क्यों है ये खास

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version