क्रोमियम (chromium) का नाम सुनते ही आपको अपने स्कूल और कॉलेज के दिन याद आ गए होंगे, जब आप साइंस पढ़ा करते थे। पर आपको ये जान कर हैरानी होगी कि क्रोमियम (chromium) शरीर के लिए कुछ जरूरी मिनरल्स में से एक है। ये एक ट्रेस मिनरल (trace mineral) है, जो कि शरीर में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। पर इसका मतलब ये नहीं है कि ये शरीर के लिए जरूरी नहीं है। दरअसल, क्रोमियम (chromium) शरीर के मेटाबोलिज्म को ठीक करने में मददगार है। ये कार्ब्स और फैट के मेटाबोलिज्म को ठीक करता है और शरीर में शुगर को मैनेज करने में मदद करता है। पर कैसे इस बारे में वेलनेस कोच ल्यूक कॉउटिन्हो (Luke Coutinho) ने बताया। तो, आइए जानते हैं क्या है क्रोमियम, डायबिटीज के मरीजों के लिए कैसे है ये फायदेमंद (diabetes and chromium)और इसे हम कैसे पा सकते हैं।
डायबिटीज में क्रोमियम (Role of Chromium in Diabetes)
वेलनेस कोच ल्यूक कॉउटिन्हो (Luke Coutinho) की मानें, तो डायबिटीज के मरीजों के क्रोमियम बहुत फायदेमंद है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये ना सिर्फ शुगर मैनेजमेंट (how to manage sugar level) में मदद करता है बल्कि ये इंसुलिन के साथ मिल कर शरीर को स्वस्थ रखने का काम करता है। वो ऐसे कि क्रोमियम और इंसुलिन मिल कर शरीर में शुगर के मेटाबोलिज्म को तेज कर देते हैं और इसके लेवल को बैलेंस करने में मदद करते हैं। इसके अलावा क्रोमियम फैट और कार्ब्स को पचाने में मदद करते हैं, जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। साथ ही इंसुलिन के सामान्य कार्य में क्रोमियम मानव पोषण के लिए एक आवश्यक खनिज है, एक हार्मोन कि तरह ब्लड शुगर के सामान्य विनियमन के लिए जरूरी है।
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शरीर के लिए कैसे फायदेमंद है क्रोमियम?
1. कार्ब्स को पचाने में मदद करता है
डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे बड़ी परेशानी ये भी होती है कि उनका शरीर कार्ब्स को आसानी से पचा नहीं पाता है और ये ब्लड ग्लूकोज लेवल को तुरंत बढ़ा देता है। ऐसे में क्रोमियम आपकी मदद कर सकता है। क्रोमियम आपके द्वारा खाए जाने वाले कार्ब्स को एनर्जी में कंवर्ट करने में मदद करता है।
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2. इंसुलिन लेवल को सही रखने में
क्रोमियम को इंसुलिन रिसेप्टर के किनेज गतिविधि (kinase activity) को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, इंसुलिन सिग्नलिंग पीआई 3-किनसे और एक्ट के डाउनस्ट्रीम इफेक्टर्स की गतिविधि को बढ़ाने और सेल सतह पर ग्लूट 4 ट्रांसलोकेशन को बढ़ाने में भी ये काफी मददगार है। ये इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी ठीक करने में मदद करता है। ये शरीर में इंसुलिन की प्रभावशीलता को बढ़ावा देता है, जो कि ब्लड में ग्लूकोज लेवल को कम करके डाबिटीज को मैनेज करने में मदद करता है। क्रोमियम एक आवश्यक खनिज है जो इंसुलिन कार्रवाई और इसके कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और लिपिड चयापचय पर प्रभाव के नियमन में लाभकारी भूमिका निभाता है। इंसुलिन गतिविधि को बढ़ाने के लिए क्रोमियम एक महत्वपूर्ण कारक है। अध्ययन बताते हैं कि टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में रोग के बिना क्रोमियम का रक्त स्तर कम होता है। इंसुलिन प्रतिरोध हृदय रोग जोखिम कारकों के एक समूह में आम हर है
3. खाना पचाने में मदद करता है
कई बार हम में से ज्यादातर लोग खाना तो बहुत खाते हैं, पर उसे सही से पचा नहीं पाते, इससे हम पतले ही रह जाते हैं। ऐसे में क्रोमियम आपके पाचनतंत्र को ठीक करने में मदद कर सकता है। दरअसल, भले ही आप किताना भी न्यूट्रिशनल खाना क्यों न खा रहे हो अगर आपकी बॉडी इसे पचा नहीं पाती है, तो आपको इसका ज्यादा फायदा नहीं मिल पाता है। ऐसे में क्रोमियम इन न्यूट्रिएंट्स को तोड़ता है और शरीर को इसकी एनर्जी प्रदान करता है।
4. हाई बीपी को कम करता है
क्रोमियम हाई ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम करके हाई बीपी को कंट्रोल करने में मदद करता है। ये आपके गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देता है और बीपी को मैंटेन करने में भी मदद करता है। ब्लड में फैट के असामान्य स्तर कुछ ब्लड प्रेशर बढ़ता है। पर ध्यान रखें कि ये ज्यादा मात्रा में न लें। कुछ शोध बताते हैं कि 7-16 महीने तक क्रोमियम लेने से ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल कम हो जाते हैं और उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल या अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ जाता है। इसके अलावा, क्रोमियम को अकेले या अन्य पूरक के साथ लेने से हाई ब्लड फैट वाले लोगों में ब्लड फैट के स्तर को कम करने लगता है।
कई बार क्रोमियम एथलेटिक परफॉरमेंस को कम करने में मदद करते हैं। प्रतिरोध प्रशिक्षण में भाग लेते समय क्रोमियम लेने से वजन कम हो सकता है। शरीर में फैट की कमी होती है और शरीर आसानी से एक्सरसाइज कर पाता है। हालांकि, सबसे विश्वसनीय शोध से पता चलता है कि क्रोमियम लेने से शरीर का वेट भी नहीं बढ़ता है। पर ज्यादा खाने से होने कई सारी गड़बड़ियां भी हो सकती हैं। 12 सप्ताह के लिए प्रतिदिन दो बार एक विशिष्ट क्रोमियम उत्पाद लेने से चयापचय सिंड्रोम वाले लोगों में वजन, ब्लड शुगर कम और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित नहीं करता है। साथ ही ये दिल के दौड़े को भी बढ़ता है। प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि क्रोमियम लेने से पीसीओएस वाली महिलाओं में इंसुलिन संवेदनशीलता और ओव्यूलेशन में सुधार हो सकता है। लेकिन प्रति दिन 1000 एमसीजी से कम खुराक काम नहीं करती है। क्रोमियम इन महिलाओं में गर्भावस्था की दर या टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार नहीं करता है।
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क्रोमियम सप्लीमेंट्स लेने के नुकसान
क्रोमियम के फायदों को लेने के लिए जरूरी है नहीं आप इसके सप्लीमेंट्स को लें। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सप्लीमेंट्स में लेने से ये आपके शरीर में अधिक हो सकता है। इससे शरीर को नुकसान हो सकता है। क्रोमियम मस्तिष्क रसायन विज्ञान को प्रभावित कर सकता है और व्यवहार या मनोरोग की स्थिति को बदतर बना सकता है। अगर आपके पास इन स्थितियों में से एक है, तो क्रोमियम की खुराक का उपयोग करते समय सावधान रहें। किसी भी बदलाव पर ध्यान दें कि आप कैसा महसूस करते हैं। जैसे रेडनेस, सूजन, और त्वचा की स्केलिंग।
- -एक्जिमा बढ़ाता है
- -स्किन खराब कर सकता है
- -लंग कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है
- -ये किडनी से जुड़ी परेशानियों का भी कारण बन सकता है।

क्रोमियम डाइट में कैसे शामिल करें?
क्रोमियम को आप अपनी डाइट में कई प्रकार से शामिल कर सकते हैं। जैसे कि
- -मिल्लेट्स जैसे रागी और ज्वार सभी क्रोमियम से भरपूर है, जो कि शरीर में इसकी कमी को पूरी करते हैं।
- -दाल जैसे कि राजमा, बीन्स और चना भी क्रोमियम से भरपूर है जिसे रेगुलर खा कर आप क्रोमियम की मात्रा को शरीर में पूरा कर सकते हैं।
- -गाजर
- -मौंरीगा यानी कि डम स्टीक को भी आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसका आप कई रेसिपी में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- -चुकंदर
- -कद्दू के बीज
- -सूरजमुखी के बीज
- -अनार
- -आम
तो, अपनी डाइट में इन तमाम चीजों को शामिल करें और क्रोमियम सप्लीमेंट्स लेने से बचें। साथ ही क्रोमियम की इन तमाम फायदों के बारे में जानें और डायबिटीज के मरीज इसे खास तौर पर अपनी डाइट में शामिल करें और अपने ब्लड शुगर को संतुलित रखें।
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