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बार-बार कब्ज होने पर कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए और क्यों? जानें डॉक्टर से

बार-बार कब्ज की समस्या होने पर स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। ऐसे में आप अपने कब्ज के होने के कारणों का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट करवा सकते हैं- 
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बार-बार कब्ज होने पर कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए और क्यों? जानें डॉक्टर से


Which Tests Should Be Done For Frequent Constipation in Hindi: खराब लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतें आपके पेट के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। खासकर कब्ज की समस्या होने पर व्यक्ति बहुत ज्यादा परेशान हो जाता है। कब्ज मल पास होने से जुड़ी एक समस्या है, जो व्यक्ति के सही तरह से मल त्याग न कर पाने के कारण होती है। कब्ज की समस्या में आपका मल कड़ा हो जाता है, जिससे घंटो बाथरूम में बैठे रहने के बाद भी पेट साफ नहीं होता है, और इसका प्रभाव आपके डेली रूटीन पर पड़ता है। कभी-कभी कब्ज की समस्या होना आम बात है। लेकिन, अगर आपको बार-बार कब्ज की समस्या होती है तो ये स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है। इसलिए अगर आपको बार-बार कब्ज की समस्या रहती है तो आप नई दिल्ल के सर गंगा राम अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक, लेजर और जनरल सर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नीरज धमीजा के बाताएं इन टेस्ट को करवा सकते हैं, जिससे आपको अपनी स्थिति के बारे में पता लगाने में मदद मिलेगी।

बार-बार कब्ज होने पर कौन-से टेस्ट करवाएं? - Which Tests Should Be Done For Frequent Constipation in Hindi?

1. एब्डोमिनल एक्स-रे - Abdominal X-Ray

बार-बार कब्ज की समस्या होने पर एब्डोमिनल एक्स-रे करवाया जा सकता है। यह एक नॉर्मल और शुरुआती जांत है, जिसमें आपके पेट के अंदर की संरचना को देखा जाता है। इसमें पेट में गैस, मल और उसकी स्थिति का अनुमान लगाया जाता है। यह जांच मल के जमाव को पहचानने में मदद करती है।इससे यह देखा जा सकता है कि कब्ज की समस्या का कारण आंतों में कोई रुकावट है या नहीं। इतना ही नहीं एक्स-रे से गैस पैटर्न का भी पता चलता है, जो कब्ज के कारण का संकेत दे सकता है।

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2. अल्ट्रासाउंड एब्डोमेन - Ultrasound Abdomen

अल्ट्रासाउंड एक नॉन रेडिएशन वाली, सुरक्षित जांच है, जिसमें पेट के अंगों की स्थिति का पता चलता है। इसे टेस्ट को खासतौर पर तब किया जाता है, जब कब्ज के कारण आंतों के अलावा अन्य पेट या पेल्विक अंगोो से जुड़ा हो। इस टेस्ट की मदद से किडनी, लिवर, गॉलब्लैडर, अंडाशय या यूटेरस में कोई असामान्यता आसानी से पहचानी जा सकती है। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन या यूटेराइन फाइब्रॉइड भी बार-बार कब्ज होने का कारण बन सकते हैं, जो अल्ट्रासाउंड से पहचाने जा सकते हैं।

3. कोलोनोस्कोपी - Colonoscopy

कोलोनोस्कोपी एक एंडोस्कोपिक टेस्ट है, जिसमें एक लंबी लचीली ट्यूब को पेट के अंदर डालकर आंतों की अंदरूनी सतह को देखा जाता है। कोलोनोस्कोपी की मदद से कोलोन में मौजूद पॉलीप्स, सूजन, ट्यूमर या सिकुड़न को सीधे देखा जा सकता है। ऐसे में अगर कब्ज के साथ खून आना, वजन कम होने के साथ आपकी उम्र 45 साल से ज्यादा है, तो यह जांच करवानी आपके सेहत के लिए बहुत जरूरी होती है। कोलोनोस्कोपी से बायोप्सी भी की जा सकती है, जिससे कैंसर या अन्य गंभीर स्थितियों के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।

What tests are done to check for constipation

4. ट्रांजिट स्टडी टेस्ट - Colonic Transit Study

यह एक खास तरह की जांच है, जिसमें मरीज को रेडियोपेक मार्कर वाली कैप्सूल दी जाती है, और फिर 3-5 दिनों तक एक्स-रे के जरिए देखा जाता है कि ये मार्कर आंतों में कैसे आगे बढ़ते हैं। इससे यह पता चलता है कि आपकी आंतें मल को सामान्य गति से आगे बढ़ा रही हैं या नहीं। यह जांच धीमी गति से मल त्याग (slow transit constipation) और आउटलेट डिफिक्ट (मलद्वार से जुड़ी समस्या) के बीच अंतर बताने में मदद करती है।

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5. सीटी स्कैन - CT Scan

बार-बार कब्ज की समस्या होने के एडवांस्ड केस में सीटी स्कैन भी किया जाता है। दरअसल, जब ऊपर बताई गई जांचों से बार-बार कब्ज होने के बारे में पता नहीं चल पाता है या डॉक्टर समस्याओं को नहीं समझ पाते हैं तब सीटी स्कैन किया जाता है। इस स्कैनिंग की मदद से आंतों की संरचना, ट्यूमर, सूजन, पेट की परतों की स्थिति और अन्य समस्याओं के बारे में जानने में मदद मिलती है। यह जांच उन मरीजों के लिए की जाती है, जिनमें पुरानी कब्ज के साथ असामान्य लक्षण भी दिखाई देते हैं।

निष्कर्ष

बार-बार कब्ज होना सिर्फ खराब खानपान या पानी की कमी के कारण नहीं होता है, बल्कि इसके पीछे स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य कई समस्याओं हो सकती हैं। इसलिए, बार-बार कब्ज की समस्या होने पर जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से जांच करवाएं और इन टेस्ट को करवाएं।

Image Credit: Freepik

FAQ

  • लगातार कब्ज रहने का क्या कारण है?

    आपको बार-बार कब्ज होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ आहार में फाइबर की कमी, पानी की कमी, शारीरिक गतिविधियों की कमी और कुछ दवाओं के सेवन के कारण होता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ स्थितियां भी कब्ज का कारण बन सकती हैं।
  • पेट में कब्ज होने से कौन सी बीमारी होती है?

    पेट में कब्ज होने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें बावसीर, फिशर, पुरानी कब्ज की समस्या, कोलोरेक्टल कैंसर और पाचन क्रिया में गड़बड़ी शामिल है।
  • मल टाइट होने के क्या कारण हैं?

    मल टाइट होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें फाइबर युक्त भोजन की कमी, पानी की कमी, इरिटेबल आंत्र सिंड्रोम (IBS) और डायबिटीज जैसी बीमारियों शामिल है। 

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 06, 2025 19:06 IST

    Published By : Katyayani Tiwari