
हाइपरपिग्मेंटेशन (Hyperpigmentation) स्किन से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जिससे आपकी स्किन के कुछ हिस्सों में ज्यादा मात्रा में मेलेनिन बनने लगता है, जिससे स्किन का रंग असमान हो जाता है। हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या धूप की हानिकारक यूवी किरणों, हार्मोनल असंतुलन, चोट लगने, एक्ने के निशान या किसी दवा के साइड इफेक्ट के कारण भी हो सकती है। हरियाणा के सिरसा में स्थित रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या को आयुर्वेद में 'अतिकृष्ण वर्ण' कहा गया है, जो निद्रा दोष के आठ प्रकारों में से एक है। आयुर्वेद के अनुसार ज्यादा गोरा होना या ज्यादा काला होना, दोनों ही स्थिति दोष माने गए हैं। अच्छी स्किन वह मानी जाती है जो नेचुरल तरीके से ग्लो करें और समान रंगत की हो। ऐसे में कुछ ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जिसका इस्तेमाल हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या से राहत दिला सकता है।
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हाइपरपिग्मेंटेशन के लिए जड़ी बूटियां - Herbs For Hyperpigmentation in Hindi
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा ने बताया कि, आयुर्वेद में स्किन की सुंदरता और उसके नेचुरल ग्लो को बनाए रखने वाले पदार्थों को 'वर्ण्य द्रव्य' कहा गया है। इन द्रव्यों का काम केवल रंग को हल्का करना नहीं है, बल्कि स्किन में निखार, कोमलता और आभा लाना है। इसलिए, आप हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या से राहत पाने के लिए इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
1. त्रिफला
त्रिफला आयुर्वेद में तीन फलों- आंवला, हरड़ और बहेड़ा को मिलाकर बनाया गया है। त्रिफला शरीर के अंदर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालता है और ब्लड को साफ करता है। जब ब्लड साफ होता है तो स्किन में चमक और समान रंग होता है। त्रिफला का सेवन आप सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ कर सकते हैं, ये आपके पाचन में सुधार करने के साथ स्किन से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है। इसके अलावा आप त्रिफला का फेस पैक बनाकर भी अपने चेहरे पर लगा सकते हैं।
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2. चंदन
चंदन स्किन के लिए ठंडक देने वाला और पौष्टिक जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है। यह स्किन की जलन, रेडनेस, धूप से होने वाली जलन और काले धब्बों को कम करने में मदद करता है। चंदन का नियमित इस्तेमाल स्किन को समान रंगत देना में मदद करता है। आप चंदन पाउडर को गुलाब जल या दूध के साथ मिलाकर अपने चेहरे पर लगा सकते हैं और सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें। यह न सिर्फ पिग्मेंटेशन को कम करेगा बल्कि स्किन को मुलायम बनाएगा।
3. हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन नाम का तत्व होता है, जो नेचुरल तरीके से एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह स्किन के दाग-धब्बों को कम करके रंगत में सुधार करता है। आप हल्दी को बेसन और दही या दूध के साथ मिलाकर अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। यह पेस्ट आपकी स्किन के मेलानिन प्रोडक्शन को कंट्रोल करता है और हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करता है।

4. लोद्ध्र
लोद्ध्र को आयुर्वेद में स्किन के लिए सबसे बेहतर जड़ी-बूटी मानी गई है। इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। लोद्ध्र स्किन के पोर्स को संकुचित करता है, ज्यादा तेल के डिस्चार्ज को कम करता है और स्किन को टोन करता है। लोद्ध्र पाउडर में गुलाब जल या शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से हाइपरपिग्मेंटेशन को कम किया जा सकता है।
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5. मंजिष्ठा
मंजिष्ठा को आयुर्वेद में बहुत ही प्रभावशाली रक्तशोधक यानी ब्लड को साफ करने वाली औषधि मानी जाती है। यह खून को साफ करके स्किन को अंदर से चमकदार बनाती है। मंजिष्ठा का सेवन त्वचा की सूजन, दाग-धब्बे और मेलेनिन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
निष्कर्ष
हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या को दूर करने के लिए आप इन आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन कर सकते हैं। यह न सिर्फ आपके चेहरे की रंगत में सुधार करता है, बल्कि स्किन की नेचुरल आभा को बढ़ाने पर ध्यान देता है। नियमित रूप से इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करने से स्किन न सिर्फ समान रंग की बनती है, बल्कि उसका ग्लो भी बढ़ता है।
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Nov 13, 2025 08:21 IST
Published By : Katyayani Tiwari