Which Diseases Can Be Treated With Cinnamon In Hindi: हमारे यहां लगभग हर रसोई में दालचीनी का उपयोग किया जाता है। दालचीनी की मदद से खाने के स्वाद को एन्हैंस किया जाता है। आयुर्वेद में स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाने के लिए इसका इस्तेमाल बहुत लंबे समय से किया जा रहा है। आयुर्वेद के अनुसार, दालचीनी में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन क्षमता में सुधार करने में मदद करते हैं। दालचीनी की तासीर गर्म होती है और इसमें ऐसे तत्व होते हैं, जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। बहरहाल, क्या आप जानते हैं कि दालचीनी कई तरह की बीमारियों से भी बचाव करने में मदद कर सकता है? जी, हां! यह सच है। इस लेख में हम आपको दिल्ली नगर निगम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आयुर्वेद) डॉ. आरपी पराशर की मदद से बताएंगे कि आखिर दालचीनी किस तरह की बीमारियों में कारगर है।
दालचीनी कौन-कौन सी बीमारी में काम आती है?- Cinnamon Kis Bimari Mein Kam Aati Hai
दालचीनी से सर्दी-जुकाम से राहत मिलती है
दालचीनी में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो वात और कफ दोष को दूर करते हैं। आपको बता दें कि जब शरीर में वात और कफ में असंतुलन होने लगता है, तो व्यक्ति को सर्दी-जुकाम की शिकायत हो जाती है। खासकर, वात दोष की बात करें, तो इसकी वजह से नाक का बहना, म्यूकस डिस्चार्ज होना और सूखी खांसी जैसी समस्या होने लगती है। वहीं, पित्त दोष के कारण नाक का बंद होना और बुखार आने जैसी परेशानी होने लगती है। इस तरह की कंडीशन से बचने के लिए आप दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। इससे सेहत में सुधार होने लगता है।
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दालचीनी से दूर होता है दांत का दर्द
दांत में दर्द की समस्या किसी को भी हो सकती है। सामान्य तौर पर यह किसी अन्य बीमारी का संकेत होता है। जैसे मसूड़ों में सड़न, दांतों में कैविटी लगना, दांतों में लगे ब्रेसेस के कारण दर्द होना आदि। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि दांतों में दर्द के कारण को जानकर, उसका इलाज किया जाए। दांत में दर्द होने पर आप दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-फंगल तत्व होते हैं। ये सभी तत्व दांतों के दर्द से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं। जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व के कारण दांतों में आई सूजन दूर होती है और दर्द कम होता है। इसी तरह, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-फंगल के कारण मुंह से आ रही बदबू को दूर किया जा सकता है। आपको बता दें कि दालचीनी में कुछ मात्रा में कैल्शियम भी पाया जाता है। कैल्शियम दांतों को हेल्दी रखने में कारगर साबित हो सकता है।
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दालचीनी से दूर होती है गले की खराश
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि दालचीनी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं। चीन की चिकित्सा पद्धति में भी दालचीनी का उपयोग सालों से किया जा रहा है। विशेषज्ञों की मानें, तो गले में खराश होने पर आप दालचीनी से बनी चाय का सेवन करना चाहिए। जिस तरह यह सर्दी-जुकाम की अन्य समस्याओं से राहत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी तरह, यह गले की खराश को भी दूर करने में मदद करता है। गले की खराश दूर करने के लिए आप दालचीनी के पाउडर से बनी चाय पी सकते हैं या आप दूध के साथ मिक्स करके इसका सेवन कर सकते हैं।
दालचीनी से स्ट्रेस कम होता है
हजारों सालों से दालचीनी को स्वास्थ्य में सुधार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि स्ट्रेस से राहत दिलाने में भी इसका योगदान महत्वपूर्ण हो सकता है। दरअसल, दालचीनी की तासीर गर्म होती है, यह आपकी बॉडी को रिलैक्स करता है, नर्वस सिस्टम को शांत रखता है और मन-मस्तिष्क को स्टिम्युलेट करने का काम करता है। इस तरह, दालचीनी का उपयोग करने से स्ट्रेस रिलीज होता है। यहां तक कि दालचीनी की खुश्बू की मदद से बॉडी से रिलैक्स कर स्ट्रेस को कम करने का काम किया जाता है।
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