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जनरल एनेस्थीसिया और लोकल एनेस्थीसिया का कब होता है इस्तेमाल? जानें इसके रिस्क

Difference Between General Anesthesia and Local Anesthesia: लोग जब सर्जरी कराने जाते हैं, तो उन्हें एनेस्थीसिया की कोई जानकारी ही नहीं होती। इस लेख में डॉक्टर ने एनेस्थीसिया से जुड़ी हर जानकारी दी है। 

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जनरल एनेस्थीसिया और लोकल एनेस्थीसिया का कब होता है इस्तेमाल? जानें इसके रिस्क


Difference Between General Anesthesia and Local Anesthesia : किसी भी मरीज की सर्जरी करने से पहले उसे एनेस्थीसिया दिया जाता है, ताकि सर्जरी करते समय किसी तरह का दर्द न हो। इस प्रक्रिया के कारण मरीज को ऑपरेशन के समय दर्द महसूस नहीं होता । वैसे भी एनेस्थीसिया (Anaesthesia) देने से मरीज को आराम मिलता है और सर्जरी बिना परेशानी के पूरी हो जाती है। एनेस्थीसिया से शरीर के कुछ हिस्सों को सुन्न कर दिया जाता है, जो कुछ घंटों के लिए होता है। क्या एनेस्थीसिया एक ही तरह का होता है या फिर अलग-अलग सर्जरी के लिए अलग तरह के एनेस्थीसिया होते हैं। इस बारे में जानने के लिए फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल के एनेस्थीसिया विभाग के HOD और डायरेक्टर लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. राजीव गुप्ता (Lt. Col (Dr.) Rajiv Gupta (Retd.), HOD & Director - Anaesthesia, Sarvodaya Hospital, Sector-8, Faridabad) से बात की। उन्होंने न सिर्फ एनेस्थीसिया के बारे में बताया बल्कि इनके रिस्क की भी जानकारी दी। सबसे जानते हैं कि एनेस्थीसिया कितनी तरह के होते हैं।

एनेस्थीसिया कितनी तरह का होता है?

डॉ. राजीव गुप्ता कहते हैं, “डॉक्टर सर्जरी के टाइप, मरीज की उम्र और उसकी स्थिति देखकर ही बताते हैं कि मरीज को कौन सा एनेस्थीसिया देना चाहिए। वैसे एनेस्थीसिया तीन तरह के होते हैं, जो इस तरह है।

  • जनरल एनेस्थीसिया (General Anaesthesia): इसमें मरीज को पूरी तरह बेहोश कर दिया जाता है और ऑपरेशन के दौरान वह गहरी नींद में होता है। उसे कुछ भी महसूस नहीं होता।
  • लोकल एनेस्थीसिया (Local Anaesthesia): इसमें शरीर के छोटे हिस्से को सुन्न किया जाता है और मरीज पूरी तरह होश में होता है।
  • रीजनल एनेस्थीसिया (Regional Anaesthesia): इसमें शरीर के बड़े हिस्से को सुन्न किया जाता है। अक्सर जब महिला की डिलीवरी की जाती है, या फिर हाथ-पैरों की सर्जरी होती है, तब रीजनल एनेस्थीसिया दिया जाता है।

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जनरल एनेस्थीसिया किन सर्जरियों में दिया जाता है?

डॉ. राजीव कहते हैं, “जनरल एनेस्थीसिया में मरीज को इंजेक्शन या गैस के जरिए बेहोश कर दिया जाता है। उसे कुछ भी पता नहीं चलता कि सर्जरी के दौरान क्या हो रहा है। जनरल एनेस्थीसिया इन स्थितियों में दिया जाता है।”

  • हार्ट, ब्रेन और लिवर की सर्जरी में
  • पेट या छाती की सर्जरी में
  • अगर सर्जरी 2 घंटे से ज्यादा हो
  • अगर पूरे शरीर को सुन्न करना जरूरी हो
  • बच्चों के ऑपरेशन में ताकि वे न हिलें।

लोकल एनेस्थीसिया किन सर्जरियों में दिया जाता है?

डॉ. राजीव कहते हैं कि जब मरीज को बेहोश करने की जरूरत न हो और शरीर के किसी छोटे हिस्से की सर्जरी करनी हो, तो लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है। इसमें ये सर्जरियां आम है -

  • चोट या टांका लगाते समय
  • दांतों का काम कराते समय जैसेकि दांत निकलवाना या रूट कनाल करना
  • स्किन, आंख, नाक या कान की छोटी सर्जरी के लिए
  • स्किन बायोप्सी या किसी छोटे टेस्ट के लिए

स्पाइनल या रीजनल एनेस्थीसिया किन सर्जरियों में इस्तेमाल होता है?

डॉ. राजीव बताते हैं कि स्पाइनल या रीजनल एनेस्थीसिया शरीर के निचले हिस्से की सर्जरी के लिए होता है। जैसेकि सिजेरियन डिलीवरी, घुटनों या कूल्हों की सर्जरी में रीजनल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल होता है।

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एनेस्थीसिया के रिस्क - Risks of Anaesthesia in Hindi

डॉ. राजीव कहते हैं कि वैसे तो एनेस्थीसिया काफी हद तक सेफ है और जब डॉक्टर इसे देते हैं, तो पूरी सावधानी और रोगी की स्थिति को देखते हुए देते हैं। इसके बावजूद मरीज में कुछ साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं।
जनरल एनेस्थीसिया में साइड इफैक्ट्स

  • सर्जरी के बाद उल्टी होना
  • गले में खराश होना
  • सांस लेने में दिक्कत
  • ब्लड प्रेशर का बैलेंस न होना
  • थकान या कमजोरी

लोकल एनेस्थीसिया में साइड इफैक्ट्स

  • इंजेक्शन की जगह पर दर्द या सूजन
  • टेंपरेरी तौर पर सुन्न होना
  • बहुत कम मामलों में एलर्जी होना

एनेस्थीसिया से पहले मरीज इन बातों का रखें ध्यान

डॉ. राजीव ने मरीज को कुछ बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है -

  • सर्जरी के पहले डॉक्टर को अपनी सभी पुरानी बीमारियों की जानकारी दें
  • किसी भी तरह की एलर्जी होने पर डॉक्टर को जरूर बताएं
  • सर्जरी से पहले कुछ घंटों तक कुछ भी नहीं लेना होता
  • डॉक्टर की हर सलाह को मानें

निष्कर्ष

आज मेडिकल ने इतनी तरक्की कर ली है कि एनेस्थीसिया से किसी को समस्या नहीं होती और यह बेहद सेफ प्रोसेस है और एनेस्थीसिया से जुड़े एक्सपर्ट ही रोगी की स्थिति देखकर एनेस्थीसिया का चुनाव करते हैं। बस, मरीज को ये ध्यान रखना चाहिए कि डॉक्टर को सभी तरह की एलर्जी या बीमारियों की जानकारी जरूर दें।

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