Hot Coffee or Tea Cause Esophageal Cancer: आमतौर पर लोगों के दिन की शुरुआत गर्मागर्म चाय या कॉफी से होती है, क्योंकि लोगों का मानना है कि इससे दिनभर एनर्जी बनी रहती है। कई लोग दिन में गर्म चाय या कॉफी के दो से तीन कप पी जाते हैं और उन्हें एकदम गर्म चाय या कॉफी ही चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतनी गर्म चाय या कॉफी पीना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है और खाने की नली के लिए तो खासतौर पर रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे में चाय या कॉफी को किस तरह पीना चाहिए, इन सभी बातों को जानने के लिए हमने फरीदाबाद के एकॉर्ड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऑन्कोलॉजी विभाग के एचओडी एवं सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सनी जैन (Dr Sunny Jain, Senior Consultant & HOD - Medical Oncology, Accord Hospital, Faridabad) से बात की। उन्होंने हमें चाय या कॉफी जैसे गर्म ड्रिंक्स को लेने का तरीका भी बताया। सबसे पहले जानते हैं कि गर्म पीने से खाने की नली को कैसे नुकसान पहुंचता है।
ज्यादा गर्म कॉफी या चाय पीने से कैंसर की संभावना?
डॉ. सनी कहते हैं, “वैसे तो चाय काफी के अलावा भी अगर कोई बहुत तेज गर्म चीज पीता है, उससे भी खाने की नली में कैंसर (Esophageal Cancer) का रिस्क बढ़ जाता है। World Health Organisation की रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी ड्रिंक जिसका तापमान 65°C से ज्यादा होता है, अगर उसे पिया जाए तो कार्सिनोजेनिक (Cancer Causing) माना जाता है, क्योंकि भारत में लोग गर्मागर्म कॉफी चाय ज्यादा पीते हैं, इसलिए इन पदार्थो की बात की गई है। वैसे चाय या कॉफी में कोई खास केमिकल नहीं होते जिनसे कैंसर हो, अगर ये लिमिट में पिए जाए।”

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चाय या कॉफी के तापमान से होता है नुकसान
डॉ. सनी ने बताया कि जब कोई 65°C या 66°C से ज्यादा तापमान की चीज पीता है, तो वो सीधा खाने की नली से गुजरते हुए पेट में जाती है। इससे खाने की नली की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और समय के साथ उनमें सूजन होने लगती है। अगर रोजाना ऐसा ही किया जाए, तो इससे कोशिकाओं में चेंज आ सकता है, जो कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकता है। दरअसल ईरान में एक स्टडी की गई थी, जिसे लोग गोलेस्टान स्टडी के नाम से भी जानते हैं। इस स्टडी में बताया गया कि जो लोग 66°C से ज्यादा तापमान की चाय पीते थे, उनकी खाने की नली के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma) का खतरा सामान्य से कहीं ज्यादा पाया गया था।
कुछ ऐसी ही स्टडी चीन में भी की गई थी, जिसमें पाया गया कि जो लोग गर्म चाय के साथ स्मोकिंग भी करते हैं, उनमें कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। गर्म ड्रिंक के साथ स्मोकिंग करना बहुत ही खतरनाक है।
खाने की नली में कैंसर होने के अन्य कारण
डॉ. सनी कहते हैं कि वैसे तो खाने की नली में कैंसर होने का अकेला कारण गर्म ड्रिंक्स नहीं है। इसके अलावा, हमारे लाइफस्टाइल की वजह से भी खाने की नली में कैंसर हो सकता है।
- स्मोकिंग - जो लोग लगातार कई सालों से स्मोकर है, उन्हें मुंह का कैंसर या खाने की नली में कैंसर होने का रिस्क बढ़ सकता है।
- शराब - बहुत ज्यादा मात्रा में रोजाना शराब पीना भी खाने की नली में कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकता है।
- जंक फूड या प्रोसेस्ड फूड - जो लोग बहुत ज्यादा बाजार के खाने पर निर्भर है, उन्हें esophageal cancer होने का खतरा हो सकता है।
- न्यूट्रिशन की कमी - अगर शरीर में न्यूट्रिशन की बहुत ज्यादा कमी हो, इससे कैंसर की संभावना बढ़ सकती है।
- एसिडिटी - बार-बार पेट की एसिडिटी से एसिड खाने की नली में आ जाता है। अगर लगातार ऐसा ही होता रहे तो केमिकल से नली की कोशिकाओं में सूजन या गांठ कर सकती है।
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गर्म चाय या कॉफी कैसे पिएं?
डॉ. सनी कहते हैं कि किसी भी ड्रिंक का तापमान 60°C से कम ही होना चाहिए। अगर साधारण भाषा में कहा जाए तो अगर आपको चाय या कॉफी पीने से पहले कप में फूंक मारनी पड़ रही है, तो उसे न पिएं। इसका मतलब है कि चाय या कॉफी का तापमान काफी ज्यादा है।
- सूप, चाय, कॉफी बनते ही तुरंत न पिएं।
- अगर सिप लेने में आसानी है, तभी उस ड्रिंक को पिएं।
- अगर गले में सूजन या निगलने में तकलीफ है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- स्मोकिंग और शराब बिल्कुल न लें।
निष्कर्ष
डॉ. सनी कहते हैं कि चाय या कॉफी हमारे जीवन का हिस्सा है, इसलिए मैं कतई नहीं कहूंगा कि आप कोई भी हॉट ड्रिंक लेना बंद कर दें। बस हॉट ड्रिंक्स को पीते समय तापमान का ध्यान रखें। बहुत गर्म कोई भी चीज न तो खाएं और न ही पिएं। तो अगली बार चाय या कॉफी पीते समय ध्यान रखें कि स्वाद तभी अच्छा लगेगा जब आप इसे थोड़ा ठंडा करके पिएंगे।