ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और 2015 में ऑस्ट्रेलिया को 5वां वर्ल्ड कप खिताब जिताने वाले क्रिकेटर माइकल क्लार्क ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें उनकी नाक पर छोटा-सा बैंडेज लगा दिख रहा है। देखकर लगता है कि ये कोई मामूली चोट होगी मगर क्लार्क ने बताया कि उन्हें स्किन कैंसर था, जिसके कारण उन्होंने दूसरी बार नाक की सर्जरी करानी पड़ी। इस कारण माइकल क्लार्क गूगल ट्रेंड्स पर ट्रेंड कर रहे हैं। क्लार्क ने पोस्ट में यह भी लिखा, “स्किन कैंसर सच है! इलाज से बेहतर है बचाव, लेकिन मेरे मामले में नियमित जांच और समय पर पहचान ही सबसे जरूरी रही।”
View this post on Instagram
क्लार्क क्रिकेट प्रेमियों के लिए सिर्फ मैदान के हीरो नहीं हैं, बल्कि अब वो अपनी सेहत को लेकर भी एक अहम मैसेज दे रहे हैं। उनका ये मैसेज खासतौर पर भारत जैसे देश के लिए जरूरी है, जहां धूप में घंटों काम करने वाले लोग, बच्चे, युवा क्रिकेट खेलते हुए या खेतों में काम करते हुए, अक्सर अपनी त्वचा की सुरक्षा को नजरअंदाज कर देते हैं।
स्किन कैंसर कितना आम है?
ज्यादातर लोग कैंसर का मतलब फेफड़े, ब्रेस्ट, लिवर, आंत आदि से जुड़े कैंसर को ही समझते हैं। लेकिन त्वचा का कैंसर, यानी स्किन कैंसर, दुनिया में सबसे आम तरह का कैंसर है। ये तब होता है जब त्वचा की कोशिकाएं लगातार धूप और UV किरणों के संपर्क में रहकर असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं। World Health Organization के अनुसार साल 2022 में दुनियाभर में स्किन कैंसर के 15 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए, जिनमें से 3.3 लाख मामले मेलानोमा कैंसर के थे। वहीं इस कैंसर से इसी साल करीब 60 हजार लोगों की जान चली गई थी। ज्यादातर जगहों पर मेलानोमा कैंसर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखा गया है।
स्किन के तीन मुख्य प्रकार हैं-
- बेसल सेल कार्सिनोमा (Basal Cell Carcinoma),
- स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma)
- और सबसे गंभीर मेलानोमा (Melanoma)
शुरुआती दो टाइप के कैंसर ज्यादातर मामलों में ऑपरेशन से हटाए जा सकते हैं, लेकिन मेलानोमा तेजी से फैल सकता है और जानलेवा भी हो सकता है।
स्किन कैंसर क्यों है बड़ा खतरा?
कुछ लोगों को धूप अच्छी लगती है, तो कुछ की मजबूरी है कि वो धूप में रहकर काम करें। यही धूप अगर बेपरवाही से हमारी त्वचा को जलाती रहे तो धीरे-धीरे इसका असर गहरा होता है। ऑस्ट्रेलिया में तो ये बड़ी समस्या है क्योंकि वहां धूप बहुत तेज होती है, लेकिन भारत में भी दिन के समय, खासकर गर्मियों में तेज धूप होती है। खेतों में काम करने वाले किसान, घर और बिल्डिंग बनाने वाले मजदूर, धूप में खेलने वाले बच्चे, और यहां तक कि सड़कों पर काम करने वाले लोग, सभी इस जोखिम में हैं। इसलिए स्किन कैंसर का खतरा हमारे यहां भी है।
इसे भी पढ़ें: क्या ज्यादा देर धूप में रहने से हो सकता है स्किन कैंसर? डॉक्टर से जानें
स्किन कैंसर की पहचान कैसे करें?
अब सवाल उठता है कि स्किन कैंसर की पहचान कैसे कर सकते हैं। इस बारे में बात करने पर Dr Priyanka Kuri, Consultant Dermatologist, Aster Whitefield Hospital, Bengaluru ने हमें एक बेहद आसान तरीका बताया, जिसे ABCDE मेथड कहते हैं।
स्किन कैंसर पहचानने का ABCDE रूल
डॉ प्रियंका ने बताया कि स्किन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को ज्यादातर लोग इसे सिर्फ तिल या छोटी सी खुजली मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि त्वचा पर कोई नया निशान, तिल का आकार या रंग बदलना, घाव का न भरना आदि, स्किन कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
- A- Asymmetry (असमानता): तिल का एक हिस्सा दूसरे हिस्से से मेल न खाए। सामान्य तिल अक्सर गोल या बराबर आकार के होते हैं।
- B- Border (किनारे): कैंसरस तिल के किनारे टेढ़े-मेढ़े, धुंधले या अनियमित हो सकते हैं। सामान्य तिल के किनारे साफ और स्मूथ रहते हैं।
- C- Colour (रंग): अगर किसी तिल में एक से ज्यादा रंग दिखाई दें, जैसे भूरा, काला, लाल, सफेद या नीला, तो सावधान हो जाइए। सामान्य तिल का रंग आमतौर पर एक ही होता है।
- D- Diameter (आकार): तिल का साइज अगर 6 मिमी (पेंसिल के रबर के बराबर) से बड़ा हो, तो इसे डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
- E- Evolving (बदलाव): तिल में समय के साथ कोई भी बदलाव- आकार, रंग, ऊंचाई, खुजली, खून आना या परत जमना खतरे का संकेत हो सकता है।
स्किन कैंसर से बचाव के लिए क्या कर सकते हैं?
अगर आप स्किन कैंसर से बचना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। कम से कम SPF 30 वाली सनस्क्रीन धूप में निकलने से पहले जरूर लगाएं और हर दो-तीन घंटे बाद इसे दोबारा अप्लाई करें।
- धूप में जाएं, तो शरीर को ज्यादातर ढका रखें। पूरी आस्तीन की शर्ट, चौड़ी टोपी और धूप का चश्मा आपकी त्वचा को बचा सकते हैं।
- दोपहर के समय 11 से 3 बजे तक धूप सबसे तेज होती है। इस दौरान जरूरत न हो तो बाहर निकलने से बचें।
- त्वचा को चेक करते रहें। महीने में एक बार आईने के सामने अपनी त्वचा देखें। कोई नया धब्बा, तिल का बदलना, या घाव का न भरना दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- अगर धूप में ज्यादा वक्त बिताते हैं या फैमिली हिस्ट्री है, तो साल में एक बार डर्मेटोलॉजिस्ट को दिखाएं और जरूरी टेस्ट कराते रहें।
इसे भी पढ़ें: स्किन कैंसर से बचाव के लिए क्या करना चाहिए? डॉक्टर से जानें
क्यों जरूरी है समय पर पहचान?
कैंसर शब्द सुनते ही डर लगता है। लेकिन सच्चाई ये है कि स्किन कैंसर का अगर समय पर पता चल जाए तो इसका इलाज आसान और सफल है। देर होने पर ही ये गंभीर बनता है। माइकल क्लार्क खुद इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। उन्हें दो बार कैंसर की सर्जरी करानी पड़ी, लेकिन हर बार शुरुआती स्टेज पर पकड़े जाने की वजह से उनकी जिंदगी सामान्य है।
कुल मिलाकर माइकल क्लार्क के संदेश को हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए। वो हमें बता रहे हैं कि चमकदार करियर और फिटनेस के बावजूद धूप से हुई लापरवाही आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारी दे सकती है। अगर आपकी त्वचा पर कोई तिल अचानक बदले या अजीब लगे, तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।