टाइफाइड बुखार एक संक्रामक बीमारी है जो आमतौर पर दूषित पानी और भोजन के जरिए फैलता है और पाचन तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। टाइफाइड में तेज बुखार, पेट दर्द, थकान, भूख न लगना, दस्त या कब्ज जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कई बार लोगों को बुखार आता है और वह दवाएं खाकर बुखार का इलाज करते रहते हैं और जब ब्लड टेस्ट करवाते हैं तो टाइफाइड का पता चलता है। ऐसे में कभी भी बुखार आने पर 2 दिन से ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर इस बीमारी का सही समय पर इलाज और देखभाल न की जाए तो यह आंतों में अल्सर, ब्लीडिंग या अन्य जटिलताओं का कारण बन सकती है।
टाइफाइड में दवाइयों के साथ-साथ खानपान का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। सही डाइट न केवल शरीर को एनर्जी प्रदान करती है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को भी बढ़ाती है, जिससे मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर भ्रमित रहते हैं कि टाइफाइड में कौन-से फूड्स लाभदायक हैं और किनसे परहेज करना चाहिए। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने जयपुर स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन अर्चना जैन से बात की-
टाइफाइड बुखार में क्या खाएं और क्या न खाएं - What To Eat And Avoid During Typhoid
टाइफाइड के इलाज में दवाइयों के साथ-साथ सही खानपान बेहद जरूरी भूमिका निभाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस दौरान पाचन तंत्र बहुत सेंसिटिव हो जाता है, इसलिए गलत खानपान स्थिति को और खराब कर सकता है। आइए जानते हैं कि टायफाइड के दौरान क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना जरूरी है।
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टाइफाइड में जल्दी ठीक होने के लिए क्या खाएं? - What to eat in typhoid for fast recovery
1. तरल पदार्थ ज्यादा लें
टाइफाइड के दौरान शरीर में डिहाइड्रेशन का खतरा सबसे ज्यादा होता है, खासकर तब जब दस्त या उल्टी हो रही हो। ऐसे में पानी, नारियल पानी, चावल का माढ़, नींबू पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन बहुत जरूरी हो जाता है। यह शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करने में मदद करता है।
2. हल्का और सुपाच्य भोजन
इस समय शरीर की पाचन क्षमता कमजोर होती है, इसलिए ऐसा भोजन करें जो आसानी से पच जाए और पेट पर जोर न डाले। खिचड़ी, दलिया, उबली हुई सब्जियां, उबला आलू, टोस्ट और सूप जैसे हल्के खाने सबसे अच्छे विकल्प हैं।
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3. प्रोटीन युक्त डाइट लें
टाइफाइड की वजह से शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। ऐसे में टिश्यूज की मरम्मत और एनर्जी के लिए प्रोटीन जरूरी होता है। दाल का पानी, मूंग की खिचड़ी, डॉक्टर की सलाह से अंडा, पनीर, टोफू जैसे हल्के प्रोटीन सोर्स लेने चाहिए।
4. फलों का सेवन करें
संतरा, पपीता, केला, सेब जैसे फल इस दौरान काफी फायदेमंद होते हैं। ये विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा सोर्स होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। फल को हमेशा धोकर और छीलकर खाएं।
5. थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाएं
टाइफाइड में भूख कम लगती है और कमजोरी ज्यादा होती है, इसलिए एक बार में भारी खाना खाने के बजाय दिन में 5–6 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। इससे पाचन तंत्र पर दबाव नहीं पड़ता और शरीर को धीरे-धीरे पोषण मिलता रहता है।
टाइफाइड में क्या न खाएं? - What should we avoid eating during typhoid
1. तला-भुना और मसालेदार खाना
इस तरह के खाने से पेट में जलन और अपच की समस्या बढ़ सकती है। मसाले, घी-तेल में तली चीजें, चटनी, अचार, नमकीन और स्ट्रीट फूड से पूरी तरह परहेज करें।
2. कच्ची और अधपकी सब्जियां
टाइफाइड बैक्टीरिया दूषित चीजों से फैलता है, इसलिए कच्ची सब्जियां जैसे सलाद, जो ठीक से नहीं धोई गई हों, उनमें बैक्टीरिया हो सकते हैं। सब्जियों को हमेशा अच्छी तरह पकाकर ही खाएं।
3. दूध और दूध से बनी भारी चीजें
दूध से बनी मिठाइयां, मलाई, घी या भारी चीजें टाइफाइड में नुकसान पहुंचा सकती हैं। ये पचने में भारी होती हैं और पेट में गैस व सूजन पैदा कर सकती हैं।
4. कैफीन और कोल्ड ड्रिंक्स
कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक्स, कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा जैसी चीजों से दूर रहें। ये शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ा सकती हैं और पेट में जलन पैदा करती हैं।
5. फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड
पिज्जा, बर्गर, चिप्स, इंस्टेंट नूडल्स और डिब्बाबंद फूड में प्रिजर्वेटिव्स और नमक की मात्रा ज्यादा होती है, जो इम्यूनिटी को और कमजोर कर सकते हैं। ऐसे खाने से टाइफाइड की रिकवरी धीमी हो जाती है।
निष्कर्ष
टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने में दवाइयों के साथ-साथ संतुलित और पौष्टिक डाइट की भूमिका बेहद अहम होती है। सही खानपान न सिर्फ रिकवरी को तेज करता है बल्कि दोबारा इंफेक्शन की संभावना को भी कम करता है। इस दौरान साफ-सफाई और हाइजीन का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है जितना सही खाना खाना।
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FAQ
टाइफाइड में क्या-क्या दिक्कत आती है?
टाइफाइड में मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द, भूख न लगना, कमजोरी, दस्त या कभी-कभी कब्ज की समस्या होती है। गले में खराश और शरीर में दर्द भी आम लक्षण हैं। कुछ मामलों में स्किन पर गुलाबी रंग के दाने दिखाई देते हैं। यदि समय पर इलाज न हो, तो यह आंतों में छेद या इंटरनल ब्लीडिंग जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। साफ पानी पीना और स्वच्छता बनाए रखना इससे बचाव के लिए जरूरी है।टाइफाइड में क्या परहेज रखना चाहिए?
टाइफाइड में रोगी को विशेष परहेज रखना जरूरी होता है ताकि बीमारी जल्दी ठीक हो। तले-भुने, मसालेदार और भारी भोजन से बचना चाहिए। हल्का, सुपाच्य भोजन जैसे खिचड़ी, दाल का पानी, उबली सब्जियां और नारियल पानी लेना फायदेमंद होता है। कच्चे फल-सब्जियां और बाहर का खाना बिलकुल न खाएं। साफ और उबला हुआ पानी ही पिएं। भरपूर आराम करें और शरीर को हाइड्रेट रखें। डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं न लें।क्या टाइफाइड में चाय पीना चाहिए?
टाइफाइड में चाय पीना सीमित मात्रा में किया जा सकता है, लेकिन सावधानी जरूरी है। साधारण दूध वाली या मसालेदार चाय से परहेज करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये पाचन तंत्र पर बोझ डाल सकती है। यदि चाय पीनी हो तो ग्रीन टी या हर्बल टी (जैसे सौंफ की चाय) का सेवन किया जा सकता है, वह भी डॉक्टर की सलाह अनुसार। चाय में कैफीन होता है, जो शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है, इसलिए अधिक मात्रा में पीना ठीक नहीं।