
इस्नोफीलिया (Eosinophilia) असल में व्हाइट ब्लड सेल्स का एक प्रकार हैं जो कि हमारे इम्यून सिस्टम का हिस्सा है। इसका असली काम है शरीर को बाहरी इंफेक्शन से बचाना ताकि आप जल्दी-जल्दी बीमार न पड़े लेकिन तब क्या जब इस्नोफीलिया बढ़ जाए। इस्नोफीलिया बढ़ने पर शरीर में हल्के से लेकर गंभीर तक लक्षण नजर आते हैं जैसे कि खुजली, त्वचा पर चकत्ते और अस्थमा से जुड़ी समस्याएं जैसे खांसी और घरघराहट शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा इस्नोफीलिया बढ़ने के कई लक्षण नजर आते हैं जैसे कि पेट दर्द, दस्त, थकान, बुखार और वजन कम होना। खासकर गंभीर मामलों में, यह हृदय या फेफड़ों जैसे अंगों में सूजन पैदा कर सकता है, जो जानलेवा हो सकता है। ऐसे में सवाल आता है कि इस्नोफीलिया बढ़ने पर क्या नहीं खाना चाहिए (eosinophilia badhne par kya kare)? जानते हैं इस बारे में डॉ. रोहित शर्मा, कंसलटेंट इंटरनल मेडिसिन अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल जयपुर से।
इस्नोफीलिया बढ़ने पर क्या नहीं खाना चाहिए-What to avoid with eosinophilia
डॉ. रोहित शर्मा बताते हैं कि इस्नोफीलिया (Eosinophilia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में इस्नोफील नामक सफेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा बढ़ जाती है। यह आमतौर पर एलर्जी, अस्थमा, संक्रमण या परजीवी संक्रमण के कारण होता है। ऐसे में सबसे जरूरी है कि मरीज अपनी डाइट में उन चीजों से परहेज करें जो एलर्जी को ट्रिगर करती हैं। उदाहरण के लिए
- -दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स
- -सीफूड जैसे मछली और झींगा
- -अंडा
- -मूंगफली
- -ड्राई फ्रूट्स, बहुत मसालेदार या प्रोसेस्ड फूड और धूल या पराग से जुड़े खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए।
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पैकेट वाले फूड्स का सेवन न करें
इस्नोफीलिया बढ़ने पर आपको पैकेट वाले फूड्स का सेवन करने से बचें। दरअसल, बाजार में मिलने वाले पैकेट वाले फूड और प्रिजर्वेटिव युक्त चीजें भी एलर्जी को बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा कुछ फूड्स जैसे कि चाइनीज का सेवन भी इस्नोफीलिया बढ़ा सकते हैं। साथ ही ग्लूटेन आदि के सेवन से भी इस्नोफीलिया बढ़ सकता है।

इस्नोफीलिया बढ़ा रहे तो इन बातों का रखें ध्यान
इस्नोफीलिया बढ़ने पर उन चीजों से बचें जो कि लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं जैसे कि हर बार घर आने के बाद हाथों की सफाई जरूर करें। इसके अलावा घर की सफाई करें और डस्ट आदि का ध्यान रखें। इसके अलावा मौसम में बदलाव के साथ खान-पान का ध्यान रखें। इसके अलावा डाइट में कच्चे और फल सब्जियों को शामिल करने से बचें। इसके अलावा कई बार फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक भी इस्नोफीलिया को ट्रिगर कर सकते हैं इसलिए इसे पीने से बचें।
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इन तमाम चीजों के अलावा इस्नोफीलिया के मरीजों को हल्का, घर का बना और कम मसाले वाला खाना लेना चाहिए तथा शरीर को हाइड्रेटेड रखना चाहिए। अगर बार-बार खांसी, सांस की तकलीफ या त्वचा पर रैशेज की समस्या बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए ताकि सही कारण का पता लगाकर इलाज शुरू किया जा सके।
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Nov 03, 2025 16:14 IST
Published By : Pallavi Kumari