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ओवेरियन रिजर्व की जांच क्यों है जरूरी? डॉक्टर से जानें

बैलेंस डाइट, एक्सरसाइज के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन करके ओवेरियन रिजर्व को बेहतर रखा जा सकता है। यहां जानिए, ओवेरियन रिजर्व की जांच क्यों जरूरी है?
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ओवेरियन रिजर्व की जांच क्यों है जरूरी? डॉक्टर से जानें


वर्तमान समय की बदलती लाइफस्टाइल महिलाओं के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रही है, खासकर महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर। अनियमित खान-पान, तनाव, कैफीन और शराब का सेवन, धूम्रपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी की आदतें महिलाओं के ओवेरियन रिजर्व (अंडाशय में अंडों की संख्या) को प्रभावित कर रही हैं। ओवेरियन रिजर्व का कम होना प्रजनन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा, बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में ओवेरियन रिजर्व कम होना भी एक बड़ी समस्या है। जो महिलाएं अनहेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करती हैं, उनमें यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है। इस लेख में दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन, महिलाओं के लिए ओवेरियन रिजर्व की जांच क्यों जरूरी है? इसके बारे में बता रही हैं।

ओवेरियन रिजर्व टेस्ट क्या है?

ओवेरियन रिजर्व टेस्ट महिलाओं की प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी के बारे में जानने के लिए जरूरी है। यह टेस्ट महिलाओं के अंडाशय में बचे हुए अंडों की संख्या और उनकी क्वालिटी को मापने में मदद करता है। जो कपल्स प्रेग्नेंसी की प्लानिंग कर रहे होते हैं, उन्हें यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इससे महिला की फर्टिलिटी की स्थिति का सही अंदाजा लगाने में मदद मिल सकती है। ओवेरियन रिजर्व टेस्ट के फायदे यह भी होते हैं कि इससे आपको भविष्य में गर्भधारण की संभावनाओं का अनुमान मिलता है।

ओवेरियन रिजर्व टेस्ट की प्रक्रिया

1. ओवेरियन रिजर्व टेस्ट को करवाने के लिए ज्यादातर दो तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। एएमएच (AMH) ब्लड टेस्ट में एंटी-मुलरियन हॉर्मोन के लेवल का पता लगता है, जो अंडाशय में अंडों की संख्या का संकेत देता है। एएमएच टेस्ट से पता चलता है कि अंडाशय में अंडों की संख्या उम्र के अनुसार सही है या कम है।

AMH test

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2. फॉलिकल काउंट टेस्ट अल्ट्रासाउंड के माध्यम से किया जाता है, जहां डॉक्टर आपके अंडाशय में मौजूद अंडों की गिनती करते हैं। यह टेस्ट अक्सर मासिक धर्म यानी पीरियड्स के शुरुआती दिनों में किया जाता है।

ओवेरियन रिजर्व टेस्ट की जरूरत किसे है?

ओवेरियन रिजर्व टेस्ट की जरूरत उन महिलाओं में ज्यादा होती है जो कि 35 साल की उम्र से ज्यादा हैं या अनियमित पीरियड्स की समस्या से जूझ रही हैं। इसके अलावा जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के लिए लंबे समय से ट्राई कर ही हैं और प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही हैं उन्हें भी ओवेरियन रिजर्व टेस्ट करवाना चाहिए। इसके अलावा आईवीएफ या अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की प्लानिंग के लिए भी ओवेरियन रिजर्व टेस्ट जरूरी होता है।

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यदि आप भविष्य में प्रेग्नेंसी का प्लान बना रही हैं, तो ओवेरियन रिजर्व टेस्ट आपको यह समझने में मदद करेगा कि कितनी जल्दी आपको गर्भधारण की कोशिश शुरू करनी चाहिए।

ओवेरियन रिजर्व टेस्ट के फायदे

  • यह टेस्ट आपके अंडाशय में मौजूद अंडों की संख्या और क्वालिटी का सही अनुमान देता है।
  • यदि आप भविष्य में प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो यह टेस्ट आपको मदद करेगा।
  • यदि आप आईवीएफ या अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट का प्लान कर रही हैं, तो यह टेस्ट आपकी फर्टिलिटी को दिखाने में मदद कर सकता है।

यदि ओवेरियन रिजर्व टेस्ट का रिजल्ट अच्छा नहीं आता है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। डॉक्टर आपको सही सलाह देंगे कि आपको किस प्रकार का उपचार लेना चाहिए। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में सफलता कई फैक्टर पर निर्भर करती है, जिसमें आपकी उम्र और सेहत शामिल है। आपको अपनी डाइट, लाइफस्टाइल और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपचार शुरू करना चाहिए। इस दौरान तनाव को कम करने और एक हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखने का प्रयास करें। 

निष्कर्ष

ओवेरियन रिजर्व टेस्ट के फायदे यह हैं कि इससे महिलाओं को उनकी फर्टिलिटी का अनुमान मिलता है और भविष्य की प्लानिंग में मदद मिलती है। यदि आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो यह टेस्ट आपकी मदद कर सकता है। 

All Images Credit- Freepik

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