What is AMH Hormones In Hindi: एएमएच या एंटी मुलरियन हार्मोन ओवरी के अंदर एग के बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह महिला की प्रजनन क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं के शरीर में एएमएच का स्तर उनके एग की मात्रा और ओवरी के स्वास्थ्य को दर्शाता है। यह हार्मोन महिलाओं के शरीर में जन्म से ही मौजूद होता है और जैसे-जैसे महिला मेनोपॉज के करीब आती है, यह धीरे-धीरे कम होने लगता है। आगे मैक्स अस्पताल की स्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सीमा जैन से जानते हैं कि एएमएच हार्मोन क्या है और महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए क्यों आवश्यक होता है।
एएमएच हार्मोन क्यों आवश्यक होता है? - What Is AMH Hormones In Hindi
एएमएच हार्मोन छोटे फॉलिक्स से उत्पन्न एक ओवरियन हार्मोन है। यह एक निश्चित समय सीमा में एक महिला के ओवरी में मौजूद अंडों की मात्रा को जानने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एएमएच हार्मोन टेस्ट रक्त के माध्यम से किया जा सकता है। यह टेस्ट पीरियड्स के किसी भी दिन किया जा सकता है। जिन महिलाओं में एएमएच हार्मोन का स्तर कम होता है उनके संतान प्राप्ति के देरी नहीं करनी चाहिए। कीमोथेरेपी, जेनेटिक्स कारण, अधिक आयु, ओवरी सर्जरी आदि की वजह से महिलाओं के शरीर में एएमएच का स्तर कम हो सकता है।
दूसरी ओर, एएमएच हार्मोन का अधिक स्तर महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य बेहतर होने का संकेत होता है। लेकिन, एएमएच हार्मोन का अधिक स्तर महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, टाइप 2 डायबिटीज, हृदय संबंधी और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
एएमएच हार्मोन की नॉर्मल रेंच क्या होनी चाहिए? - What should be the normal range of AMH hormone?
एएमएच हार्मोन टेस्ट में 2 एनजी प्रति एमएल या उससे अधिक को हेल्द ओवरी रिजर्व माना जाता है। वहीं, 1 एनजी प्रति एमएल को हार्मोन की कमी माना जाता है। इसके अलावा, पीसीओएस की समस्या वाली महिलाओं में एमएचए का लेवल हाई हो सकता है। इस समस्या में महिलाओं के एएमएच का स्तर 3.5 एनजी प्रति एमएल से भी ज्यादा हो सकता है। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं के एएमएच स्तर में गिरावट आ सकती है।
महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को कैसे सुधारें? - How to improve women's reproductive health?
स्ट्रेस को करें दूर
हेल्दी लाइफस्टाइल से महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य से सुधार किया जा सकता है। स्ट्रेस महिलाओं के हार्मोन में उतार-चढ़ाव की समस्या का कारण बन सकता है। ऐसे में महिलाओं को अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करने होते हैं, नियमित एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन से तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
सिगरेट और प्रदूषण से बचाव करें
सिगरेट, शराब व प्रदूषण भी महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए महिलाओं को शराब, सिगरेट से दूरी बनानी चाहिए।
सप्लीमेंट्स
जिन महिलाओं को कंसीव करने में समस्या होती है, डॉक्टर उन्हें सप्लीमेंट्स दवाएं दे सकते हैं। फॉलिक एसिड, व अन्य सप्लीमेंट्स से महिलाओं के गर्भाशय से जुड़ी समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।
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महिलाओं को डाइट में पोषक से जुड़ी चीजों को शामिल करना चाहिए। पौष्टिक आहार महिलाओं में हार्मोन के स्तर को बैलेंस कर सकते हैं। साथ ही, यह प्रजनन से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करने में सहायक होते हैं।