Liver Biopsy Test in Hindi: लिवर शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है। शरीर में इसका काम भोजन के पाचन से लेकर ब्लड को फिल्टर करना और पोषक तत्वों के अवशोषण में मददकरना होता है। खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। लिवर को हेल्दी और फिट रखने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। लिवर से जुड़ी बीमारियों की जांच के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। लेकिन जब स्थिति या बीमारी गंभीर होती है, तो इसकी जांच लिवर बायोप्सी टेस्ट के माध्यम से होती है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, लिवर बायोप्सी टेस्ट के बारे में।
क्यों किया जाता है लिवर बायोप्सी टेस्ट?
बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "लिवर बायोप्सी टेस्ट एक मेडिकल जांच की प्रक्रिया है, जिसमें लिवर के एक छोटे टुकड़े की जांच लैब में की जाती है। इस जांच के माध्यम से लिवर की स्थिति की जांच, बीमारियों का पता लगाने और उचित इलाज करने में मदद मिलती है।" आमतौर पर कैंसर और सिरोसिस जैसी गंभीर स्थितियों में ही इस जांच की सिफारिश की जाती है।
डॉक्टर लिवर बायोप्सी टेस्ट कराने की सलाह इन स्थितियों में दे सकते हैं-
- हेपेटाइटिस, सिरोसिस, फैटी लिवर डिजीज की जांच
- लिवर डैमेज और सूजन की स्थिति का आकलन
- लिवर कैंसर की जांच में
- लिवर की दवाओं के प्रभाव की जांच
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कैसे की जाती है लिवर बायोप्सी?
लिवर बायोप्सी टेस्ट अस्पताल में एक्सपर्ट की देखरेख में की जाने वाली जांच है। इस जांच में डॉक्टर सैंपल लेने से पहले मरीज को कुछ सावधानियों का पालन करने की सलाह देते हैं। इसके बाद मरीज के लिवर से सैंपल लेकर उसकी जांच की जाती है। लिवर बायोप्सी टेस्ट की प्रक्रिया इस तरह से है-
- आपको बायोप्सी से पहले ब्लड टेस्ट और अन्य जांच करानी पड़ सकती है।
- बायोप्सी से पहले कुछ घंटों तक कुछ भी नहीं खाने या पीने की सलाह दी जा सकती है।
- बायोप्सी के दौरान आराम करने के लिए दवा दी जा सकती है।
- इसके बाद अस्पताल में डॉक्टर आपका सैंपल लेते हैं।
- इसके लिए डॉक्टर स्किन को साफ करते हैं और लोकल एनेस्थेटिक इंजेक्शन लगाते हैं।
- एक पतली सुई के इस्तेमाल से लिवर से सैंपल का एक छोटा सा टुकड़ा लिया जाएगा।
लिवर बायोप्सी के बाद रिकवरी
- बायोप्सी के बाद आपको कुछ समय के लिए लेटना होता है।
- आपको बायोप्सी वाली जगह पर दबाव लगाने के लिए एक पट्टी लगाई जाएगी।
- आपको कुछ घंटों तक कुछ भी नहीं खाने या पीने की सलाह दी जा सकती है।
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लिवर बायोप्सी के रिस्क फैक्टर
वैसे तो लिवर बायोप्सी को एक सुरक्षित जांच माना जाता है। लेकिन कुछ मरीजों को इसकी वजह से समस्याओं का खतरा भी हो सकता है-
- दर्द
- ब्लीडिंग
- संक्रमण
- पित्त नली पर चोट
लिवर बायोप्सी के बाद मरीज की देखभाल
लिवर बायोप्सी के बाद मरीज को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इस जांच के बाद मरीज का ध्यान रखने के लिए इन बातों को याद रखें-
- बायोप्सी वाली जगह को सूखा रखें
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लें
- आराम करें और भारी वस्तुओं को न उठाएं
- अगर आपको कोई असामान्य लक्षण जैसे बुखार, दर्द, उल्टी या पीलिया हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
लिवर बायोप्सी एक इनवेसिव प्रक्रिया है, इसलिए इसे केवल तभी किया जाना चाहिए जब दूसरी जांच से सही रिजल्ट नहीं मिल रहे हों। लिवर बायोप्सी जांच हमेशा एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह के बाद एक्सपर्ट की देखरेख में ही की जानी चाहिए। इस टेस्ट के बाद अगर मरीज को किसी भी तरह की तकलीफ हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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