
CBC Test in Hindi: शरीर में किसी भी तरह की बीमारी या समस्या होने पर डॉक्टर अक्सर खून की जांच कराने की सलाह देते हैं। अगर आप लंबे समय से बुखार की समस्या से भी पीड़ित हैं तो डॉक्टर आपको सीबीसी (CBC Test) कराने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर यह सीबीसी टेस्ट क्या है? ज्यादातर लोग सीबीस टेस्ट को सामान्य ब्लड टेस्ट ही समझते हैं। शरीर में किसी भी तरह के इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए भी ब्लड टेस्ट या सीबीसी जांच कराने की सलाह दी जाती है। इस टेस्ट के जरिए शरीर में खून की मात्रा और इन्फेक्शन या किसी अन्य चीज की कमी आदि के बारे में भी लगाया जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि सीबीसी टेस्ट क्या होता है?
सीबीसी टेस्ट क्या है?- What is CBC Test?
सीबीसी टेस्ट खून की जांच है जिसमें खून का सम्पूर्ण अध्ययन किया जाता है। CBC टेस्ट को अंग्रेजी में Complete Blood Count कहा जाता है। इस टेस्ट के जरिए शरीर में मौजूद खून की कंप्लीट जांच की जाती है। इस टेस्ट में खून में मौजूद रक्त कणिकाओं की भी सम्पूर्ण जांच होता है। कैंसर की बीमारी से लेकर शरीर में होने वाले इन्फेक्शन और खून की कमी आदि का पता लगाने के लिए यह टेस्ट किया जाता है।
इसे भी पढ़ें: इन 5 ब्लड टेस्ट से जानें अपनी सेहत का राज, साल में एक बार जरूर कराएं जांच
कब कराना चाहिए सीबीसी टेस्ट?
शरीर में किसी भी तरह की परेशानी जैसे इन्फेक्शन, बुखार आदि होने पर डॉक्टर सीबीसी टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। वैसे तो आप सीबीसी जांच कभी भी करवा सकते हैं। लेकिन कुछ समस्याएं और कंडीशन ऐसी हैं जिसमें डॉक्टर आपको सीबीसी कराने की सलाह जरूर देते हैं। शरीर में थकान, कमजोरी, बुखार या चोट आदि लगने पर सबसे पहले सीबीसी टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा शरीर में खून की मात्रा की जांच करने, सर्जरी से पहले खून की जानकारी लेने और कैंसर आदि की समस्या में भी सीबीसी टेस्ट की सलाह दी जाती है। इसके अलावा डॉक्टर तमाम अन्य समस्याओं में भी सीबीसी टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। ब्लड टेस्ट करने वाली फाइव या थ्री पार्ट डिफरेंशियल मशीन से सीबीसी जांच की जाती है।
सीबीसी टेस्ट के लिए सबसे पहले आपके शरीर खून का सैंपल लिया जाता है। इस सैंपल को फाइव या थ्री पार्ट डिफरेंशियल मशीन के माध्यम से टेस्ट किया जाता है। टेस्ट के बाद खून में मौजूद डिटेल्स की एक रिपोर्ट बनाई जाती है। रिपोर्ट में रीडिंग के हिसाब से ही डॉक्टर यह पता करने की कोशिश करते हैं कि मरीज किस समस्या से ग्रसित है।
(Image Courtesy: Freepik.com)