आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और खानपान के चलते महिलाओं में यूट्रस (बच्चेदानी) से जुड़ी समस्याएं आम हो गई हैं। फाइब्रॉएड और कैंसर जैसी समस्याओं के कारण कई महिलाओं को यूट्रस की सर्जरी करवानी पड़ जाती है। यूट्रस सर्जरी न केवल शारीरिक रूप से महिलाओं को प्रभावित करती है, बल्कि इसका मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। सर्जरी के बाद महिलाओं को शारीरिक रिकवरी के साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देना जरूरी होता है। कई बार यूट्रस सर्जरी के बाद महिलाएं कुछ ऐसी गलतियां कर देती हैं, जिसके कारण उन्हें अन्य समस्याएं हो जाती हैं। इस लेख में दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन से जानिए कि यूट्रस सर्जरी के बाद किन एक्टिविटी से बचना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपकी रिकवरी सही हो।
बच्चेदानी सर्जरी के बाद कौन से फिजिकल एक्टिविटीज न करें?
1. भारी वजन उठाने से बचें
बच्चेदानी की सर्जरी के बाद भारी वजन उठाने से शरीर पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है, खासकर पेट के आसपास के हिस्सों में। दरअसल, भारी वजन उठाने से सर्जरी के घावों को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे कई अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सर्जरी के बाद के पहले 6 से 8 सप्ताह तक ज्यादा वजन उठाने से बचें। घर के कामकाज, जैसे कि भारी सामान उठाना या भारी कपड़ों को धोने से भी बचें।
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2. हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज से बचें
सर्जरी के बाद हाई-इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज, जैसे दौड़ना, वेट लिफ्टिंग या एरोबिक वर्कआउट से बचना चाहिए। इस प्रकार की एक्टिविटी पेट की मांसपेशियों और पेल्विक फ्लोर पर दबाव डाल सकती है, जिससे सर्जरी के घावों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। शुरुआती हफ्तों में हल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग और स्ट्रेचिंग की जा सकती है, लेकिन हाई-इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज को 8-12 सप्ताह बाद या डॉक्टर की सलाह पर ही शुरू करें।
3. झुकने और मुड़ने से बचें
झुकने या मुड़ने जैसी एक्टिविटी से सर्जरी के घावों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे दर्द हो सकता है। सर्जरी के बाद शुरुआती हफ्तों में इन एक्टिविटी को सीमित करें। अगर कुछ उठाने की जरूरत हो, तो अपनी पीठ के बजाय घुटनों को मोड़कर बैठें। पेट पर ज्यादा दबाव डालने वाली एक्टिविटीज से बचें।
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4. लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से बचें
सर्जरी के बाद लंबे समय तक बैठे या खड़े रहने से पेट के निचले हिस्से और सर्जरी पर दबाव पड़ सकता है। इससे सूजन हो सकती है, ऐसे में शुरुआती हफ्तों में ज्यादा से ज्यादा आराम करें। बैठते समय तकिए का उपयोग करें ताकि पेट के निचले हिस्से पर दबाव कम हो सके।
5. साबुन का उपयोग कम करें
सर्जरी के बाद शरीर पर पानी और साबुन से सर्जरी के घावों में संक्रमण का खतरा हो सकता है। जब तक डॉक्टर अनुमति नहीं दें, तब तक केवल स्पंज बाथ लें। पानी से बैक्टीरिया घावों तक पहुंच सकते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा होता है।
निष्कर्ष
बच्चेदानी की सर्जरी के बाद सही देखभाल जरूरी है। इन एक्टिविटी से बचने से सर्जरी के घावों को ठीक होने में मदद मिलती है और शरीर की रिकवरी प्रक्रिया तेज होती है। भारी वजन उठाने, हाई-इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज, झुकने-मुड़ने और लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से बचने से आप सर्जरी के बाद बेहतर रिकवरी कर सकती हैं।
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