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PCOS से जुड़ी इन 8 अफवाहों को आप भी मानती हैं सही? डॉक्टर से जानें सच्चाई

पीसीओएस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने से आज भी लोग कई मिथक पर भरोसा करते हैं। यहां जानें ऐसे ही कुछ मिथक के बारे में।   
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PCOS से जुड़ी इन 8 अफवाहों को आप भी मानती हैं सही? डॉक्टर से जानें सच्चाई

PCOD Myths And Facts: पीसीओएस महिलाओं को होने वाली एक आम समस्या है। खराब लाइफस्टाइल और हार्मोन इंबैलेंस के कारण यह समस्या हो सकती है। पीसीओएस होने पर महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स अनियमित होना, कंसीव करने में परेशानी होना, एक्ने और फेशियल हेयर, बार-बार मूड स्विंग्स होना, थकावट और कमजोरी भी पीसीओएस से जुड़ी समस्याओं में शामिल हैं। आज भी कई लोगों को पीसीओएस के बारे में सही जानकारी नहीं है। ऐसे में वो किसी भी कहीं-सुनी बात पर भरोसा कर लेते हैं। आइये इस लेख में जानें पीसीओएस से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में। 

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पीसीओएस से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई- Myths and Facts Related to PCOS

मिथक- पीसीओएस होने का कारण आप खुद होते हो

एक्सपर्ट के मुताबिक पीसीओएस लाइफस्टाइल और जेनेटिक दोनों वजह से हो सकता है। यह हार्मोन्स इंबैलेंस की वजह से होता है, जो लाइफस्टाइल और जेनेटिक दोनों कारणों से होता है। लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं जैसे स्ट्रेस लेना, अनहेल्दी ईटिंग और कम सोने जैसी आदतें भी पीसीओएस का कारण बन सकती हैं। 

मिथक- पीसीओएस की समस्या सिर्फ ओवरवेट महिलाओं को होती है

कई लोग मानते हैं कि पीसीओएस सिर्फ ओवरवेट महिलाओं को होता है। ज्यादा वजन बढ़ने के कारण हार्मोन्स इंबैलेंस होकर पीसीओएस का कारण बन सकते हैं। लेकिन सिर्फ ये पीसीओएस होने का कारण नहीं होता है। इसके लिए अन्य कारण भी जिम्मेदार होते हैं। 

मिथक- वजन घटाने से पीसीओएस ठीक हो सकता है

वजन घटाने से पीसीओएस ठीक नहीं होता है। लेकिन इससे पीसीओएस से जुड़ी समस्याएं कंट्रोल हो सकती हैं। हेल्दी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने से ही पीसीओएस को खत्म किया जा सकता है। 

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मिथक- पीसीओएस से ग्रस्त महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो सकती हैं

कई लोग मानते हैं कि पीसीओएस से ग्रस्त महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो सकती हैं। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। महिला का कंसीव करना उसकी एग क्वालिटी पर निर्भर करता है। सही डाइट और लाइफस्टाइल फॉलो करने से पीसीओएस के साथ भी कंसीव करना संभव है। 

मिथक- पीसीओएस सिर्फ एक रिप्रोडक्टिव डिसऑर्डर है

पीसीओएस को लोग रिप्रोडक्टिव डिसऑर्डर मानते हैं। जबकि इसका असर पूरे शरीर पर एक साथ पड़ता है। पीसीओएस के कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस, टाइप 2 डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। 

मिथक- पीसीओएस बहुत कम महिलाओं में होती है

कई मामलों में पीसीओएस के लक्षणों का पता नहीं चल पाता है। सीडीसी के मुताबिक हर 5 में से 1 महिला को पीसीओएस जरूर होता है। इसलिए यह महिलाओं को होने वाली आम समस्या बन चुकी है। 

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मिथक- बर्थ कंट्रोल पिल्स पीसीओएस ठीक करने में मदद करती हैं

पीसीओएस में पीरियड्स साइकिल रेगुलर करने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स दी जाती है। लेकिन पीसीओएस ठीक करने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। लंबे समय तक बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। पीसीओएस ठीक करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेना, स्ट्रेस कम करना और ब्लड शुगर कंट्रोल रखना भी जरूरी है। 

मिथक- पीसीओएस लाइफटाइम की समस्या होती है

पीसीओएस को लोग लाइफ टाइम की समस्या मानते हैं। जबकि हेल्दी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल से इसे पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। 

अगर आप भी पीसीओएस से जुड़ी ऐसी ही किसी कहीं-सुनी बात पर भरोसा करते हैं, तो पहले इसकी सच्चाई का पता जरूर लगाएं। 

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