आज के समय में महिलाओं के लिए कंसीव करना एक बड़ी चुनौती बन गई है। हार्मोनल असंतुलन, खराब लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के कारण प्रेग्नेंट होने में महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं में कंसीव करने के लिए सबसे जरूरी होता है हेल्थ और मैच्योर अंडा। लेकिन कई बार महिलाओं के ओवरी में अंडे बनते तो हैं, पर वे ठीक तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं और इस स्थिति को छोटे अंडे बनने की समस्या के रूप में जाना जाता है। महिलाओं में छोटे अंडे बनने की समस्या न सिर्फ उनके प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है, बल्कि मानसिक तनाव और रिश्तों में खटास का भी कारण बन सकती है। ऐसे में आइए जयपुर के दिवा अस्पताल और आईवीएफ केंद्र की प्रसूति एवं स्त्री रोग की विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जन और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शिखा गुप्ता (Dr. shikha gupta, Laparoscopic surgeon and IVF specialist, DIVA hospital and IVF centre) से जानते हैं कि महिलाओं में अंडे छोटे बनने की समस्या क्या है और इस समस्या से कैसे निपटा जा सकता है?
छोटे अंडे बनने की समस्या क्या है? - What Does it Mean When Eggs Are Very Small in Hindi?
डॉ. शिखा गुप्ता का कहना है कि, महिलाओं के ओवरी में हर महीने एक अंडा बनता है, जो धीरे-धीरे बड़ा होता है और जब वह पूरी तरह विकसित हो जाता है यानी 18 से 24 मिलीमीटर आकार का, तब वह फूटता है। इसी प्रक्रिया को ओव्यूलेशन के रूप में जाना जाता है। अगर अंडा पूरी तरह परिपक्व नहीं होता है, यानी उसका आकार 14 से 15 मिमी से आगे नहीं बढ़ता है, तो वह फूटता नहीं है। ऐसे में अंडा और शुक्राणु का मिलन नहीं हो पाता है, फर्टिलाइजेशन नहीं होता, गर्भधारण संभन नहीं हो पाता है। यह स्थिति बहुत सी महिलाओं में होती है।
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छोटे अंडे बनने के क्या कारण हैं? - What Causes Small Egg Size in Female in Hindi?
डॉ. शिखा गुप्ता के अनुसार, ओव्यूलेशन के दौरान अंडे के छोटे होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें-
- एफएसएच (FSH), एलएच (LH), एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन का असंतुलित होना है, जिसके कारण अंडे का विकास रुक सकता है।
- 30 से 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं की अंडाणु की गुणवत्ता और मात्रा दोनों कम होने लगती है, जो अंडे के छोटे होने का कारण बनता है।
- पीसीओडी में अंडे तो बनते हैं, लेकिन अक्सर छोटे रहते हैं या फूटते ही नहीं, जिसके कारण कंसीव करना मुश्किल हो जाता है।
- थायराइड और प्रोलैक्टिन असंतुलन के कारण ओवरी के काम करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, जो अंडो के छोटे होने का कारण बन सकता है।
- नींद की कमी, खराब लाइफस्टाइल, ज्यादा कैफीन का सेवन या जंक फूड का सेवन अक्सर महिलाओं में छोटे अंडे का कारण बन सकता है।
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अंडे का आकार बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए? - What To Do To Increase Egg Size in Hindi?
डॉ. शिखा गुप्ता बताती हैं कि महिलाओं में अंडे के छोटे साइज अक्सर प्रेग्नेंसी में समस्या का कारण बन सकता है। ऐसे में आप अंडे के आकार को बढ़ाने के लिए इन बातों का ध्यान रखें-
- फॉलिक्युलर स्कैनिंग: यह एक तरह का अल्ट्रासाउंड है, जिससे डॉक्टर हर दिन या 2 दिन के बाद अंडे के आकार और विकास को मॉनिटर करते हैं, जिससे पता चलता है कि अंडा कब फूटने वाला और कितना बड़ा है।
- हार्मोन थेरेपी या इंजेक्शन: अगर अंडा छोटा रह जाता है तो डॉक्टर FSH और HMG जैसे इंजेक्शन देते हैं, जो अंडे के विकास को तेज करते हैं। कई बार महिलाओं को Ovulation Trigger Injection (hCG) भी दिया जाता है, जिससे अंडा समय पर फूट सके।
- दवाइयां: कुछ दवाएं भी महिलाओं के अंडे के परिपक्व होने में मदद करती हैं, जिसे आप डॉक्टर की सलाह पर ले सकते हैं।
- लाइफस्टाइल में बदलाव: महिलाओं के अंडे को बड़ा करने के लिए जरूरी है कि आप इलाज के साथ-साथ अपने लाइफस्टाइल में भी जरूरी बदलाव करें, ताकि हार्मोन्स संतुलित रह सके।
निष्कर्ष
छोटे अंडे बनने की समस्या कई महिलाओं में सामान्य है, लेकिन इसका इलजा संभव है। इसलिए, अगर किसी महिला को कंसीव करने में मुश्किल हो रही है तो इसका एक बड़ा कारण अंडों का छोटा बनना हो सकता है, जिस पर गौर करना जरूरी है।
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FAQ
महिलाओं के अंडे कैसे बढ़ाएं?
महिलाओं के अंडे बढ़ाने के लिए हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स का सेवन करना जरूरी है, जिसमें फल, हरी सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, साबुत अनाज आदि शामिल हैं।महिलाओं में अंडा बनाने के लिए क्या खाना चाहिए?
महिलाओं में अंडों को बेहतर बनाने के लिए ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स, सीड्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर फूड्स खा सकते हैं।महिलाओं में अंडा न बनने के क्या कारण हैं?
महिलाओं में अंडा न बनने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें हार्मोनल असंतुलन, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, थायराइड, ज्यादा तनाव, मोटापा, कम वजन, स्मोकिंग आदि शामिल हैं।