रोजमर्रा की जिंदगी में मांसपेशियों में दर्द या थकावट को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन अगर मांसपेशियों में होने वाला दर्द असहनीय हो जाए, शरीर में कमजोरी महसूस होने लगे और पेशाब का रंग अचानक गहरा हो जाए, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। ऐसी ही एक खतरनाक स्थिति का नाम है रबडोमायोलिसिस (Rhabdomyolysis)। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें मांसपेशियों के ऊतक (muscle fibers) टूट जाते हैं और उनके अंदर मौजूद प्रोटीन और अन्य टॉक्सिन खून में घुल जाते हैं। ये तत्व शरीर की किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
रबडोमायोलिसिस आमतौर पर तब होती है जब शरीर पर ज्यादा शारीरिक दबाव डाला जाए, जैसे बहुत ज्यादा या अचानक भारी एक्सरसाइज करना, गर्मी में काम करना या गंभीर चोट लगना। कई बार कुछ दवाइयों के सेवन से भी यह स्थिति पैदा हो सकती है। इसकी सबसे आम पहचान मांसपेशियों में तेज दर्द, कमजोरी, सूजन और गहरे रंग की पेशाब से होती है। इस लेख में हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानेंगे कि रबडोमायोलिसिस क्या है, इसके प्रमुख लक्षण क्या हैं और इससे बचाव के उपाय कौन-कौन से हैं।
रबडोमायोलिसिस क्या है? - What is rhabdomyolysis
डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज बताते हैं कि रबडोमायोलिसिस एक गंभीर समस्या है, जिसमें मांसपेशियों के ऊतक (muscle tissues) कमजोर होने लगते हैं और उसमें मौजूद प्रोटीन खून में मिल जाता है। यह प्रोटीन किडनी के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है और यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए, तो यह गंभीर किडनी डैमेज का कारण बन सकता है। इस स्थिति में मांसपेशियों में सूजन, कमजोरी, दर्द और यहां तक कि पेशाब का रंग गहरा भूरा हो सकता है।
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रबडोमायोलिसिस के कारण - What are the causes of rhabdomyolysis
- बिना ट्रेनिंग के भारी एक्सरसाइज या एक ही बार में बहुत ज्यादा वर्कआउट करने से मांसपेशियां टूट सकती हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को शरीर में तेज दर्द होता है जो कि असहनीय हो सकता है।
- एक्सीडेंट या हैवी चोट के कारण मांसपेशियों को सीधा नुकसान हो सकता है।
- अल्कोहल, कोकीन जैसी ड्रग्स मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- कई बार बहुत ज्यादा गर्मी में शरीर का तापमान बढ़ने से भी यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। लेकिन ऐसा बहुत कम ही स्थिति में होता है।
- कुछ वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन भी मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं।
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रबडोमायोलिसिस के लक्षण क्या हैं? - What are the symptoms of rhabdomyolysis
- रबडोमायोलिसिस के लक्षण हर एक व्यक्ति पर अलग-अलग निर्भर करते हैं। कुछ मामलों में लक्षण बहुत सामान्य हो सकते हैं, लेकिन गंभीर स्थिति में यह बहुत खतरनाक रूप ले सकते हैं।
- मांसपेशियों में असामान्य दर्द, कठोरता और सूजन
- बहुत ज्यादा कमजोरी या थकान
- पेशाब का गहरा रंग
- कम पेशाब आना या पेशाब में रुकावट
- मतली, उल्टी या भ्रम
- तेज बुखार या शरीर का गर्म होना
- सांस लेने में तकलीफ
रबडोमायोलिसिस से बचाव कैसे करें? - How to prevent rhabdomyolysis
- एक्सरसाइज करते समय शरीर की सहनशक्ति के अनुसार ही वर्कआउट करें। एक साथ बिना एक्सपर्ट की देखरेख के हैवी एक्सरसाइज न करें।
- शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है, खासकर गर्मियों में।
- अनियमित दवाइयों और नशीले पदार्थों का सेवन करने से बचें।
- तेज गर्मी में बाहर एक्सरसाइज करने से बचें, हल्के कपड़े पहनें और शरीर को ठंडा रखें।
- यदि मांसपेशियों में असामान्य दर्द या पेशाब का रंग गहरा हो तो तुरंत जांच कराएं।
निष्कर्ष
रबडोमायोलिसिस एक खतरनाक स्थिति है लेकिन अगर समय से पहचान हो जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें और हमेशा सतर्क रहें, खासकर जब मांसपेशियों में असामान्य दर्द या पेशाब में बदलाव महसूस हो। सही समय पर उपचार से इस गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।
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FAQ
शरीर की मांसपेशियों में दर्द होने के क्या कारण हैं?
शरीर की मांसपेशियों में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादा एक्सरसाइज, मांसपेशियों में खिंचाव या चोट, गलत पॉश्चर में बैठना या सोना इसके कारणों में शामिल हैं। इसके अलावा वायरल इंफेक्शन जैसे फ्लू, डेंगू या चिकनगुनिया भी मांसपेशियों में दर्द पैदा कर सकते हैं। कुछ मामलों में तनाव, डिहाइड्रेशन, पोषक तत्वों की कमी और ऑटोइम्यून बीमारियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं।मांसपेशियों में ताकत लाने के लिए क्या खाना चाहिए?
मांसपेशियों में ताकत बढ़ाने के लिए प्रोटीन डाइट सबसे जरूरी होती है। इसके लिए अंडा, दूध, दही, पनीर, चिकन, मछली, दालें और नट्स जैसे बादाम, अखरोट आदि का सेवन करें। कार्बोहाइड्रेट्स से भी एनर्जी मिलती है, इसलिए साबुत अनाज, ब्राउन राइस और ओट्स को आहार में शामिल करें। साथ ही विटामिन D, कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त फूड्स हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करते हैं।टांगे मजबूत करने के लिए क्या खाना चाहिए?
टांगों को मजबूत बनाने के लिए ऐसी डाइट जरूरी है जो मांसपेशियों और हड्डियों दोनों को पोषण दे। इसके लिए प्रोटीन वाली डाइट जैसे अंडा, दूध, दही, पनीर, दालें, सोया और नट्स का सेवन करें। कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर चीजें जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, अंजीर, तिल और सूरज की रोशनी भी जरूरी है। भरपूर पानी पिएं ताकि मांसपेशियों में अकड़न न हो।