खराब लाइफस्टाइल अक्सर बहुत सारी बीमारियों को जन्म देती है, जिसमें कि पेट से जुड़ी परेशानियां (stomach issues)भी शामिल हैं। जी हां, आज कल हम जिस तरह कि जीवनशैली और रूटीन को फॉलो कर रहे हैं, उसके कारण हमारी पाचन क्रिया सही से काम नहीं कर पाती है। वहीं डाइट में फाइबर युक्त भोजन का कम होना और शारीरिक गतिविधियां को ज्यादा न कर पाना गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज यानी कि गर्ड (Gerd)की दिक्कत (GERD Acid Reflux in Hindi)पैदा करता है। इसमें भोजन-नलिका के निचले भाग के खुल जाने से एसिड रिफ्लक्स होता है। इस एसिड रिफ्लक्स के कारण पेट में दर्द और सीने में जलन आदि महसूस होती है। वहीं इसके कई और लक्षण भी हैं, जिसे लेकर 'ऑनली माई हेल्थ' ने डॉ. कपिल शर्मा से बात की, जो कि गैस्ट्रो स्पेशलिस्ट हैं और दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल और मेडिकल रिसर्च सेंटर में कार्यरत हैं।
रिफ्लक्स डिजीज (GERD)
डॉ. कपिल शर्मा की मानें, तो गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की जिस तरह से शुरुआत होती है, उसके पीछे एक बड़ा कारण जीवनशैली से जुड़ी हमारी छोटी-छोटी गलतियां हैं। जैसे कि
- -सुबह से शाम तक में खराब रूटीन का फॉलो करना।
- -डाइट से जुड़ी गड़बड़ियां, जिसमें कि खान-पान की खराब आदतें शामिल हैं।
- -खाना सोने से ठीक पहले खाना।
- -खा कर बैठना या तुरंत लेट जाना आदि।
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वहीं इनके अलावा गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज कई बार दवाइयों और प्रेग्नेंसी आदि के कारण भी होती है। गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के लक्षण पेट से जुड़ी कई अन्य बीमारियों के लक्षण के समान ही है। इसमें अक्सर व्यक्ति विभिन्न लक्षणों का अनुभव करता है, जैसे कि
- -खाने के बाद या खाने के दौरान भी मुंह में बार-बार खराब स्वाद आना।
- -कफ और गले में दर्द महसूस होना।
- -खट्टी डकारें
- -पेट फूल जाना
- -पेट में दर्द
- -सीने में जलन और दर्द महसूस करना।
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वहीं गर्ड के गंभीर लक्षण महसूस करने वाले लोगों को परीक्षण की आवश्यकता होती है। जैसे कि हाइटल हर्निया, डिस्फेगिया और रक्तस्राव जैसे गंभीर लक्षणों वाले रोगियों में, ट्रिटमेट के लिए और अन्य कारणों का पता लगाना पड़ता है, जिसके लिए एंडोस्कोपी की आवश्यकता होती है।
पेट से जुड़ी इस परेशानी का इलाज
बात चाहे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज यानी कि गर्ड (Gerd)की दिक्कत की हो या किसी और परेशानी कि सबसे पहले अपने रूटीन को ठीक करें। सुबह से लेकर शाम तक अपने सोने, जागने और खाने के समय को तय करें। डॉ. कपिल शर्मा बताते हैं कि इस परेशानी से निजात पाने का सबसे कारगर उपाय एक ही है, वो ये कि जीवन शैली में संशोधन या बदलाव किया जाए। जिसमें कि टाइम से खान पान और अक हेल्दी डाइट भी शामिल हैं। खाने से जुड़ा एक खास बात ये भी ध्यान रखें कि कभी भी भर पेट खाना न खाएं और न ही खाने से तुरंत पहले और बाद में पानी पिएं। वहीं खाने में फल, सब्जियों और साबूत अनाज के सेवन का खास ख्याल रखें। साथ ही आपको अपने इन आदतों में भी बदलाव करना चाहिए।
- -धूम्रपान और शराब पीने से बचें।
- -तंग कपड़ों से परहेज करें।
- -बिस्तर पर सिर के सिरा को ऊपर करके सोएं।
- -बेड टाइम स्नैक्स से परहेज करें।
- -चाय / कॉफी / कोला / खट्टे फलों से भी परहेज करें।
इन सबके अलावा एक और चीज बेहद जरूरी है, वो ये कि अपना वजन संतुलित रखने की कोशिश करें। ऐसा इसलिए क्योंकि वजन बढ़ना या मोटापा पेट की परेशानियों के बढ़ने का भी संकेत है। तो अपने वजन को संतुलित रखें, डाइट सही करें और सेहत को सही रखने के लिए रोज एक्सरसाइज और योग जरूर करें।
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