
प्लेग के विषय में आप कितना जानते हैं? आप इस जानलेवा बीमारी को हल्के में तो नहीं ले रहे। आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें।
क्या आप को लगता है कि प्लेग सिर्फ एक पुरानी बीमारी थी और यह केवल इतिहास की किताबों में पढ़ने के लिए ही लिखी गई है? अगर ऐसा है तो आप गलत हैं। आप को पता होगा कि पिछली सदी में प्लेग ने कितनी तबाही मचाई थी। सैकड़ों लोगों व अन्य जीवों की जान इस प्लेग ने लील ली थी।
परंतु क्या आप जानते हैं कि आज भी गिलहरियां या चिपमुंकस आदि प्लेग से संक्रमित पाए गये हैं। आप को इस जानलेवा बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। तो आइए जानते हैं प्लेग से सम्बन्धित बहुत से प्रश्नों के जवाब जो अकसर परेशान करते हैं।
क्या प्लेग भी कोरोना वायरस जितनी खतरनाक है?
हालाँकि प्लेग की खबरें बढ़ रही हैं, लेकिन बीमारी का प्रसार बहुत कम हुआ है, खासकर कोविड 19 (COVID-19) की तुलना में। प्लेग एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने वाली बीमारी नहीं है। इसके केवल कुछ ही केस सामने आयें हैं। यह कोरोना वायरस की तरह तेजी से नहीं फैलता है। परंतु सरकार व लोगों को इसके प्रति सचेत रहना चाहिए व किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
प्लेग कहां से आया?
प्लेग (Yersinia pestis) पैदा करने वाले जीवाणु पिस्सू के माध्यम से मनुष्यों में संचारित होते हैं जो कि कुछ जमीन पर रहने वाले चूहों, रॉक गिलहरी, लकड़ी के चूहों, जमीन के गिलहरियों, प्रैरी कुत्तों, चिपमंक्स, चूहों, वोल्ट और खरगोशों के बीच प्रजनन करते हैं। 1300 में फैलने वाली प्लेग का कारण भी चूहे ही थे। परंतु चूहे तो आज भी हैं, फिर अब प्लेग क्यों नहीं फैल रहा? प्लेग ब्लैक रेट्स के कारण फैलता था जो इंसानों को काटते थे परन्तु आज कल वाले चूहे इंसानों को काटते नहीं है।
क्या आप को भी प्लेग होने का रिस्क है?
इस प्रश्न का उत्तर निर्भर करता है कि आप रहते कहां हैं? यदि आप किसी ऐसी जगह में रहते हैं जहां ये सब जानवर रहते हैं और वे प्लेग से संक्रमित हैं तो हो सकता है उनके संपर्क में आने के बाद या उनके काटने के बाद आप भी प्लेग से संक्रमित हो जाएं। अतः इस बात के प्रति सचेत रहें।
क्या पालतू पशु से हमें प्लेग हो सकती है
यदि आप अपने पालतू पशु को बाहर सैर पर लेके जाते हैं तो हो सकता है उनमें प्लेग का संक्रमण फैल जाए। रिसर्च के मुताबिक कुत्तों में प्लेग फैलने के चांस बहुत अधिक होते हैं। बिल्लियों भी प्लेग फैलाने में एक अहम भूमिका निभाती हैं। अतः यदि आप के पास कुत्ता या बिल्ली है तो आप को सावधान रहना पड़ेगा। प्लेग होने की आपकी संभावना इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप कहाँ रहते हैं।
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क्या कोई अन्य रिस्क हैं जिन के प्रति आप को सचेत रहना होगा
मानसून में होने वाली बारिश भी प्लेग का संक्रमण फैलने का एक कारण बन सकती है। यही कारण है कि इस साल प्लेग के कुछ केस मिल रहे हैं। क्योंकि बारिश में प्लेग के बैक्टीरिया अधिक देर तक जीवित रह सकते हैं और जल्दी पनपते हैं। यह किसी भी प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया के लिए बेहतर प्रजनन समय होता है। इसलिए बारिश के मौसम में प्लेग का खतरा थोड़ा अधिक हो जाता है।
प्लेग के लक्षण
प्लेग के बैक्टीरिया से आप को बुखार, सिर दर्द, कमजोरी, व अन्य शरीर में कुछ अटपटा मेहसूस होने की सम्भावना है। प्लेग के 3 प्रकार होते हैं, उसके लक्षण भी प्लेग के प्रकार पर निर्भर करते है। यदि आप को बुबोनिक प्लेग है तो उसके कीटाणु आप के लिम्फ नोड्स में अधिक फैलते हैं। दूसरी प्रकार की प्लेग में कीटाणु आप के खून में चले जाते हैं व आप के स्किन के टिश्यू को काला बनाते हैं व खत्म कर देते हैं।
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प्लेग कितना घातक है
एक अनुमान के अनुसार प्लेग के संकुचन की संभावना 3 मिलियन में लगभग 1 है, और इससे मरने की संभावना भी 30 मिलियन में लगभग 1 है। यदि इलाज ध किया जाये तो बीमारी घातक हो सकती है। इसलिए लक्षणों का निदान करना और उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। आमतौर पर उपलब्ध एंटीबायोटिक्स प्लेग को रोक सकते हैं। मगर उनको बीमारी के बढ़ने से पहले जल्दी लेना हैं।
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