पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं ये प्रोबायोटिक्स, जानें क्या हैं ये और इनके फायदे

अगर आप चाहते हैं कि आप का पाचन तंत्र बेहतर तरीके से कार्य करे, तो अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स को शामिल करें। आइए जानते हैं विस्तार से।
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पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं ये प्रोबायोटिक्स, जानें क्या हैं ये और इनके फायदे

वैसे तो  बैक्टीरिया व कीटाणु हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। क्योंकि वह हमें बहुत सी बीमारियां दे सकते हैं। परंतु कुछ बैक्टीरिया जैसे प्रोबायोटिक्स आदि हमारी सेहत के लिए लाभदायक भी हैं। असल में इनके सेवन से हमारा पाचन स्वास्थ्य पहले से अधिक बेहतर हो सकता है। बहुत से ऐसे खाद्य हैं जो प्रोबायोटिक्स से भरपूर हैं। शायद तभी प्रोबायोटिक का प्रयोग पिछले कुछ वर्षों से अधिक होने लगा है।  

आपको जानकर हैरानी होगी कि शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया से लड़ने के लिए आपको अच्छे बैक्टीरिया की जरूरत होती है। जैसे कि माइक्रोबायोटा व गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल माइक्रोबायोटा, वे सूक्ष्म जीव है जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है। ये पाचन तंत्र में मौजूद सूक्ष्म जीवों के पोषण के लिए बेहद जरूरी हैं।

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भोजन पचाने में  सहायक 

एक्सपर्ट्स के अनुसार किसी भी हानिकारक बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश के बाद, उल्टियां, मितली आना,गैस, कब्ज, दस्त आदि समस्याएं हो जाती हैं। ऐसे में कुछ प्रोबायोटिक्स का सेवन फायदेमंद होता है और इनके लेने पर ये लक्षण कम हो जाते हैं। 

प्रोबायोटिक्स से भरपूर खाद्य 

यदि आप को पाचन संबंधी समस्याएं हैं तो आपको प्रोबायोटिक्स का सेवन जरूर करना चाहिए। लेकिन इनको ठंडा ही प्रयोग करें। गर्म करने से इनके महत्वपूर्ण बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। नेचुरल रूप में उपलब्ध प्रोबायोटिक्स का सेवन लाभदायक है जैसे कि दूध, दही या दूध से बनी चीजें। लेकिन यदि यह प्रोबायोटिक्स आपको फायदा नहीं कर रहे हैं और आपको 1 माह से ज्यादा हो गया है, तो जरूर डॉक्टर से सलाह लें।

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प्रोबायोटिक लेने के फायदे

1. पेट की समस्या 

आपकी आंतों में बहुत से अच्छे बैक्टीरिया भी होते हैं। लेकिन अधिक एंटीबायोटिक्स का सेवन या प्रदूषित पानी या किसी अन्य प्रकार के इंफेक्शन के कारण इनका संतुलन बिगड़ जाता है ऐसे में चिकित्सक प्रोबायोटिक्स का सेवन बताते हैं। अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन बिगड़ने से उल्टी, दस्त, मितली आना, कब्ज, या गैस की शिकायत हो सकती है। प्रोबायोटिक्स का सेवन 24 घंटे के अंदर 50 से 55 प्रतिशत बच्चों व 24 से 26 प्रतिशत वयस्कों को फायदा करता है।

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2. पाचन से संबंधित परेशानियों में फायदेमंद 

बहुत से लोगों को इंफ्लेमेटरी बाउल सिंड्रोम या अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी परेशानियां होती हैं। जो कि लैक्टोबैक्सीलियस जैसे प्रोबायोटिक्स के सेवन से काफी हद तक सही हो सकती हैं। यही नहीं यदि सही मात्रा में इनका सेवन किया जाए तो अन्य बहुत से आंत संबंधी विकारों को भी कम करने में सहायक साबित होते हैं।

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3. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं

असल में ये प्रोबायोटिक्स आंतों के हानिकारक बैक्टीरिया को कम कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप वजन कम करने या पेट की चर्बी घटाने में मदद मिलती है और शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट मल के रूप में बाहर आ जाता है। इस तरह, इनके सेवन से शरीर एक्स्ट्रा कैलोरी नहीं ले पाता। व शरीर पाचन संबंधी विकारों से बचा रहता है।

प्रोबायोटिक युक्त खाद्य जिनका सेवन करना शरीर के लिए और पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी है, वह हैं दही, डॉर्क चॉकलेट, सेब, पनीर, जैतून, सोया मिल्क, या फर्मेंटेड फूड जैसे कि अचार डोसा आदि।

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