क्या आपने कभी नोटिस किया है कि जैसे ही आप बच्चे के मुंह का ऊपरी भाग छूते हैं तो वह तुरन्त सक करना (चूसना) शुरू कर देते हैं। यह बच्चों में एक जन्मजात प्रवृत्ति होती है जो छोटे बच्चों में देखने को मिलती है। मदरहुड हॉस्पिटल में सीनियर आब्सट्रिशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट डॉ मनीषा रंजन बताती हैं कि चेक की है जन्मजात प्रवृत्ति बहुत जरूरी होती है इसके द्वारा ही वह अपने खाने की तरह बढ़ता है जिससे चूसने और उसे निगलने की आदत बनती है। यह इस प्रवृत्ति की वजह से बच्चा रिलैक्स रहता है। किसी-किसी बच्चे में इस आदत की वजह से कुछ परेशानी हो सकती है, लेकिन बच्चे की यह आदत उसकी फेशियल मसल किस प्रकार विकसित होती हैं, इस बात का भी संकेत होती है। हर बच्चे की यह आदत अलग अलग हो सकती है। तो आइए जानते हैं बच्चों में यह रिफ्लेक्स कब देखने को मिलता है और इसका मैकेनिज्म क्या होता है?
सकिंग रिफ्लेक्स और रूटिंग में क्या अंतर होता है?
रूटिंग और सकिंग रिफ्लेक्स दोनों ही बच्चे को दूध पिलाने के लिए आवश्यक होते है।
रूटिंग रिफ्लेक्स बच्चे के सिर की गतिविधि और उसके गालों या मुंह के कोनों को छुए जाने पर कैसे जीभ निकालता है उसके द्वारा प्रभावित होता है। इस रिफ्लेक्स से बच्चे को दूध की बॉटल या निप्पल पहचान कर उसे चूसने में मदद मिलती है। यह रिफ्लेक्स तीन से चार महीने की उम्र में गायब हो जाता है।
सकिंग रिफ्लेक्स बच्चे को दूध निकाल पाने में मदद करता है और यह 6 महीने तक रहता है। इसका मतलब यह नहीं होता है कि अब बच्चा दूध नहीं पी पाएगा बल्कि अब बिना रिफ्लेक्स के ही वह दूध पीना सीख चुका होगा।
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बच्चों में सकिंग रिफ्लेक्स कब उत्पन्न होता है?
इंट्रा यूटरिन डेवलपमेंट (गर्भाशय के अंदर विकास) बच्चे के मुंह की गतिविधि 60वें दिन से शुरू हो जाती है। इसके बाद 10वे हफ्ते में चूसने की आदत शुरू होती है और 12वे हफ्ते में वह चीजें निगलना शुरू कर देता है। इसी कारण आप अल्ट्रा साउंड में बच्चे को अंगूठा चूसते देख सकते हैं। हालांकि प्री मैच्योर बच्चों में यह देखने को नहीं मिलता। उन्हें यह सब चीजें सीख पाने में थोड़ा समय लग जाता है।
सकिंग रिफ्लेक्स को टेस्ट करना
बच्चे के सकिंग रिफ्लेक्स को टेस्ट करना काफी जरूरी होता है क्योंकि इसमें आने वाली समस्या न्यूरोलॉजिकल दिक्कतों की ओर इशारा कर सकती हैं। बच्चे के मुंह में अपनी साफ उंगली को डालें। अगर प्रतिक्रिया का विकास हो चुका होगा तो बच्चा तुरंत आपकी उंगली को पकड़ लेगा और तुरंत उसे चूसना शुरू कर देगा। अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो अपने बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं और इस स्थिति के बारे में बात करें।
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चूसने की(सकिंग रिफ्लेक्स) क्रिया (मैकेनिज्म)
बच्चे दूध पीने के लिए यह क्रिया करते हैं। तीन महीने तक वह दूध नहीं भी पीते है तो भी सकिंग करते रहते हैं। बच्चों की यह आदत दो भागों में बंटी होती है : सक्शन और एक्सप्रेशन।
सक्शन : इसमें बच्चा ब्रेस्ट या बॉटल को मुंह में लेने के बाद आस पास होठों को टाइट कर लेता है। इससे वॉल्यूम कैविटी बढ़ती है और बच्चा अधिक दूध चूस पाता है।
एक्सप्रेशन : इसमें बच्चा अपनी जीभ से ब्रेस्ट या निप्पल पर दबाव बनाता है। ताकि दूध उसके मुंह में जा सके।
यह प्रतिक्रिया (रिफ्लेक्स) बच्चे को दूध पी पाने में मदद करती है और बच्चे के लिए आवश्यक होती है। जो बच्चे समय से पहले पैदा हो जाते हैं उन्हें यह रिफ्लेक्स डेवलप हो पाने में थोड़ा अधिक समय लगता है और उन्हें दूध पीने में भी हो सकता है थोड़ी बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़े। इसके लिए आप उसे डॉक्टर के पास लेकर जाएं और उनके द्वारा बताई गई टिप्स का पालन करें। अगर बच्चा फीडिंग ट्यूब्स का प्रयोग करके दूध पी रहा है तो उन्हें ट्यूब का प्रयोग करके ही दूध पिलाना जारी रखें।
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