छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान रखना जरूरी और बेहद मुश्किल है क्योंकि बढ़ती उम्र में बच्चों के शरीर में भी परिवर्तन होते हैं, जिसके कारण वह आसानी से बीमारियों का शिकार हो सकते है। साथ ही बच्चों को हर नई चीज को खाने की आदत लग जाती है। जैसे अगर आप उन्हें बाजार ले जाते है, तो वह चॉकलेट देखकर उसे लेने की जिद्द करने लगते है और माता-पिता भी बच्चे की खुशी के लिए उसे चीजें लेकर दे देते है लेकिन अगर ऐसा एक-दो बार हो, तो फिर भी ठीक है लेकिन अगर ऐसा बार-बार हो, तो ये जिद्द बच्चे के दांतों के लिए महंगी साबित हो सकती है। दरअसल बच्चों की अधिक मात्रा में कैंडी, चॉकलेट, चिप्स और फास्टफूड खाने की आदत के कारण उनके दांत खराब हो सकते है या दूध के दांत समय से पहले खराब हो सकते है। इसेक अलावा कई बार बच्चे रात को कुछ मीठा खाकर सो जाते है या हर समय मीठा खाने के आदी हो जाते हैं। इन आदतों की वजह से उनके दांतों में कीड़े या इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। साथ ही इससे बच्चे का संपूर्ण स्वास्थ भी प्रभावित होता है। इस समस्या के बारे में हमने विस्तार से बात की गुड़गांव में आर्टेमिल अस्पताल के चीफ पीडियाट्रीशियन राजीव छाबड़ा से।
बच्चों के दांत में हो सकती है ये समस्या
1. दांतों का सड़ना
कई बच्चों के बचपन में दांत सड़ जाते है और इसके लिए उन्हें अस्पताल के चक्कर भी लगाने पड़ते है। इसके पीछे कई कारण हो सकते है। बच्चे के दांत अधिक मीठा खाने या रात में ब्रश न करें। इसके अलावा अन्य कारणों से दांत सड़ सकते है। इस समस्या मुंह की उचित ढंग से सफाई न करने के कारण भी हो सकती है। इससे समय पर ठीक नहीं किया जाए, तो बच्चों के पूरे मुंह में ये समस्या फैल सकती है और बच्चे को ओरल प्रॉब्लम हो सकती है। इस वजह से उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
2. दूध के दांत समय से पहले टूटना
कुछ बच्चों के दूध के दांत समय से पहले टूट जाते है और दांत अच्छे से निकल नहीं पाते है। ऐसा आमतौर पर दांतों में चोट लगने, सड़ जाने और दांत की अन्य समस्याओं के कारण होता है। इससे दांतों का आकार और स्थान भी प्रभावित हो सकता है। साथ ही इससे बच्चा खाना सही ढंग से नहीं चबा पाता है, जिससे पेट दर्द और सिर दर्द की परेशानी हो सकती है।
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3. दांत सेंसिटिव हो जाना
दांतों में झनझनाहट या सेंसिटिविटी की समस्या बड़ों में ही नहीं बच्चों में भी आम होती जा रही है। इसके पीछे गलत तरीके से ब्रश करने या अधिक कोल्ड ड्रिंक का सेवन कारण हो सकता है। कई बार बच्चे बहुत ज्यादा रगड़कर दांत साफ करते है, जिसकी वजह से मसूड़ें और दांत की ऊपरी परतच प्रभावित हो सकती है। साथ ही इससे बच्चों के आंखों में दर्द और सिर दर्द की समस्या भी हो सकती है क्योंकि दांत में दर्द या तेज झनझनाहट होने पर नसों में दर्द होने लगता है।
4. दांत बाहर की तरफ निकलना
कई बच्चों के दांत गलत ढंग से या एक के ऊपर एक चढ़े होते है। ऐसे में उन्हें मुंह बंद करने में या खाना चबाने में भी परेशानी होती है। खाना अच्छे से न चबा पाने के कारण बच्चे के उनके मुंह में लार का उत्पादन नहीं होता है और मुंह सूखना, बार-बार पानी प्यास लगना और भूख न लगने की समस्या भी हो सकती है।
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5. दांत टूटना या हिलना
बच्चों के दांत अगर बहुत जल्दी टूटने या हिलने लगते है, तो ये भी एक समस्या है। आपने देखा होगा कई बार बार बच्चों के दूध के दांत टूटने के बाद भी उनके दांत अच्छे से नहीं आते है और दांत होने के बाद जल्दी टूटने लगते है। हालांकि इसके पीछे कई कारण हो सकते है लेकिन इससे बच्चों को बहुत परेशानी होती है। इस कारण से बच्चों के चेहरे और जबड़े वाले हिस्से में दर्द होने लगता है और ठोस चीजें खाने में बच्चों को परेशानी होती है।
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इस तरह से रखें दांतों का ख्याल
1. छोटे बच्चों को रोज ब्रश करना सिखाएं। उनके लिए सॉफ्ट और छोटे ब्रश रखें। उनसे रोज पूछें कि आपने ब्रश किया या नहीं।
2. बच्चों को मीठी चीजें कम खाने को दें और कुछ भी खाने के बाद पानी पीने या कुल्ला करने की आदत डालें।
3. उन्हें रात में सोने से पहले ब्रश करने को कहें और ये आदत में शामिल करने की कोशिश करें।
4. दांत ही नहीं बच्चे को पूरे ओरल हाइजीन का ध्यान रखने को कहें ताकि मुंह से संबंधित कोई समस्या न हो।
5. बच्चे को खाना अच्छे से चबाकर खाने को कहें ताकि दांतों में खाना फंसे न और कीड़ें न लगे।