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क्या आप भी दिमाग में बना लेते हैं मनगढंत कहानियां? डॉक्टर से जानें क्या होती हैं फॉल्स मेमोरी

What Is a False Memory: क्या आप जानते हैं कि फॉल्स मेमोरी क्या होती है और यह हमारे दिमाग में क्यों बनती हैं? आइए इस बारे में डॉक्टर से जानते हैं।
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क्या आप भी दिमाग में बना लेते हैं मनगढंत कहानियां? डॉक्टर से जानें क्या होती हैं फॉल्स मेमोरी


What Is a False Memory: झूठी स्मृति को अंग्रेजी भाषा में फॉल्स मेमोरी (False Memory) कहा जाता है। यह मेमोरी किसी भी घटना का मनगढ़ंत रूप हो सकती है। इस तरह की यादें पूरी तरह से झूठी और काल्पनिक हो सकती हैं। हालांकि, कई मामलों में, इस तरह की यादों में तथ्य के तत्व शामिल हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर इस तरह की मेमोरी का सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं होता है। अगर फॉल्स मेमोरी को उदाहरण के साथ समझने की कोशिश करें, तो अक्सर हम सभी के साथ ऐसा होता है कि व्यक्ति के दिमाग में यह मेमोरी है कि उसने घर से बाहर निकलते वक्त लाइट्स और पंखे जैसी चीजें बंद कर दी हैं। हालांकि, कई बार यह मेमोरी सच नहीं होती है। हम बस ऐसा मान लेते हैं कि हमने चीजें बंद कर दी हैं, जबकि वे सभी चीजें चल रही होती हैं। कई बार ऐसा टेक्स्ट पर बात करते हुए भी होता है कि हमें लगता है, हमने मैसेज लिखकर भेज दिया है। मगर हम उस मैसेज को असल में भेजना भूल जाते हैं। आइए अब डॉ. नीहारिका जायसवाल, सलाहकार - मनोचिकित्सक, मेट्रो अस्पताल, नोएडा (Dr. Neeharika Jaiswal, Consultant - Psychiatrist, Metro Hospital, Noida) से फॉल्स मेमोरी को चिकित्सीय रूप में जानने की कोशिश करते हैं।

फॉल्स मेमोरी क्या है?- What is False Memory

false memory

झूठी स्मृति या False Memory एक ऐसी याद होती है, जो पूरी तरह गलत हो सकती है या असली घटना से काफी अलग। यानी ऐसा कुछ याद होना, जो हुआ ही नहीं था - लेकिन दिमाग को लगता है कि हुआ था। इसे मनोविज्ञान में मेमोरी डिस्टॉरशन कहा जाता है। इस स्थिति में कई बार दिमाग सच्चाई और कल्पना को इतना मिलाकर पेश करता है कि हम खुद ही कंफ्यूज हो जाते हैं।

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फॉल्स मेमोरी क्यों बनती है?- Why is False Memory Formed

  • सुझाव या दूसरों का असर: जब कोई बार-बार कहे कि “याद है, तुमने ऐसा कहा था?” तो हो सकता है, आपका दिमाग सोचने लगे कि “शायद मैंने सच में कहा था!” यही है suggestibility - यानी दूसरों की बातें आपकी याद में घुसपैठ कर लेती हैं।
  • इमोशन्स का तूफान: बहुत ज्यादा भावनात्मक या तनाव भरे पल में हमारी यादें साफ नहीं रहतीं। दिमाग ‘फीलिंग्स’ के रंगों से सच्चाई की तस्वीर को बदल देता है।
  • याददाश्त की कमजोरी: उम्र बढ़ने, नींद की कमी, या ब्रेन इंजरी जैसी वजहों से जब मेमोरी कमजोर होती है, तो दिमाग खाली जगहों को खुद से भर देता है और वहीं, से फॉल्स मेमोरीज बनती हैं।

फॉल्स मेमोरी के नतीजे क्या हो सकते हैं?- What Can be the Consequences of False Memory

  1. रिश्तों में गलतफहमियां: किसी को गलत याद होने पर आप किसी पर झूठा इल्जाम लगा सकते हैं। "तुमने तो ऐसा कहा था!" - जबकि सामने वाला कहेगा, “मैंने कब कहा?” और फिर शुरू होता है झगड़ा।
  2. मेंटल हेल्थ पर असर: बार-बार झूठी यादें बनना मानसिक रूप से थका देने वाला हो सकता है। इससे बेचैनी, गिल्ट या भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।

फॉल्स मेमोरी कब बनती हैं?- When are False Memories Formed

शोध बताते हैं कि जब किसी घटना के बाद समय बीत जाता है, तो असली यादें धुंधली होने लगती हैं। और तब हमारा दिमाग खाली जगहों को खुद की कहानी से भर देता है। उदाहरण के लिए - किसी एक्सीडेंट को आंखों से देखने वाले लोग भी एक समय के बाद अपने स्टेटमेंट में किसी न किसी चीज को बदल ही देते हैं। ऐसा मेमोरी धुंधली होने के कारण होता है। अगर किसी घटना के तुरंत बाद इंटरव्यू लिया जाता है, तो विवरण स्पष्ट होता है। वहीं, कुछ समय बीतने के बाद इस विवरण में भिन्नता दिखाई दे सकती है। जैसे-जैसे समय बीतता है, हम अपने ही दिमाग के किस्सों पर यकीन करने लगते हैं।

क्या फॉल्स मेमोरी से डरना चाहिए?- Should We be Afraid of False Memory

बिलकुल नहीं! फॉल्स मेमोरी एक आम मानवीय अनुभव है। हम सब इसके शिकार होते हैं। लेकिन अगर आप पाते हैं कि ऐसा बार-बार हो रहा है, खासकर भावनात्मक या कानूनी मामलों में, तो किसी मनोचिकित्सक से सलाह लेना बेहतर होगा। हमारा दिमाग बेहद कमाल की चीज है - लेकिन परफेक्ट नहीं है। फॉल्स मेमोरी यह नहीं बताती हैं कि आप कमजोर हैं, बल्कि यह दिखाती हैं कि आपका दिमाग कितनी क्रिएटिविटी से खाली जगहों को भर सकता है। थोड़ी सावधानी, थोड़ा ह्यूमर, और जरूरत पड़े, तो एक्सपर्ट की मदद - यही इसे समझने और संभालने का सही तरीका है।

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कुल मिलाकर, हम सभी के दिमाग में कोई न कोई झूठी याद होती ही है। कई बार लोग इन यादों को जानबूझकर बनाते हैं, तो वहीं कई लोग इन्हें गलती से बना लेते हैं। हालांकि, अगर आप खुद को कभी ऐसी स्थिति में पाएं कि आपके दिमाग में फीड कोई बात गलत है, तो यह आम बात है। हालांकि, अगर आप इस तरह की समस्या का बहुत ज्यादा सामना करते हैं, तो अनुभवी डॉक्टर को दिखाना जरूरी हो जाता है।

FAQ

  • स्मृति (Memory) क्या है?

    स्मृति वह मानसिक प्रोसेस है जो हमें जानकारी को स्टोर करने, उसे याद रखने और जरूरत पर इस्तेमाल करने में मदद करती है। यही हमें इंसान बनाती है।
  • अल्पकालिक स्मृति (Short-Term Memory) क्या है?

    यह वह मेमोरी होती है जो कुछ सेकंड से कुछ मिनटों तक रहती है। जैसे आपने घड़ी देखी और याद रखा कि अभी 5:30 बजे हैं - यही Short-Term Memory है।
  • झूठी स्मृति क्या है?

    झूठी स्मृति ऐसी स्मृति है, जो असल में घटित हुई किसी घटना के बारे में गलत या मनगढ़ंत जानकारी होती है। यह एक ऐसी घटना को याद करने की धारणा है, जो सच में नहीं हुई थी या जो असल घटना से काफी अलग है।

 

 

 

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