हाल ही में आपने यह खबर सुनी होगी कि जब सीएम रेखा गुप्ता अपने आवास में जनसुनवाई कर रही थीं, तब किसी ने उन पर बैग से हमला कर दिया। इस तरह की घटनाएं सीएम रेखा गुप्ता की सिक्योरिटी पर सवाल उठाती हैं। सोचने वाली बात ये है कि अगर आरोपी ने सीएम रेखा गुप्ता को जोर से मारा होता है, तो उन्हें गहरी चोट आ सकती थी। आपको बता दें कि कई बर छोटी वारदातें भी बड़ी समस्याएं खड़ी कर देती हैं। जैसे कई बार घरों में कोई छोटा बच्चा सोफे पर खेल रहा है और अचानक गिर गया जिससे उसके सिर पर चोट आ गई और गहरा घाव हो गया। ऐसे घाव पर टांका लगाने की जरूरत पड़ जाती है। अगर आपने ऐसा नहीं किया यानी घाव पर टांका नहीं लगाया, तो इसके क्या नुकसान हो सकते है। आइए, नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant - Internal Medicine डॉ. प्रभात कुमार से जानते हैं इस लेख में आगे।
घाव में टांका क्यों लगाया जाता है?
गहरे और खुले घाव पर अक्सर टांके लगा दिए जाते हैं। इस उम्मीद के साथ कि घाव जल्दी भर जाएगा और व्यक्ति की रिकवरी तेजी से होगी। इस तरह के घाव शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं, जैसे चेहरा, गर्दन आदि। घाव में टांकों का मतलब है कि चोट पर इतना दबाव बना दिया गया है कि न सिर्फ खून बहना बंद हो जाएगा, बल्कि फटी हुई त्वचा आपस में चिपक भी जाएगी। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि घाव पर टांके सिर्फ डॉक्टर लगाते हैं।
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गहरे घाव पर टांके न लगाने के नुकसान- Risks of Unstitched Wounds
फैल सकता है इंफेक्शन
आपने देखा होगा कि अगर छोटी-मोटी चोट की भी प्रॉपर केयर न की जाए, हाइजीन का ध्यान न रखा जाए, तो प्रभावित हिस्से में संक्रमण हो सकता है और चोट को ठीक होने में समय लग सकता है। इसी तरह, गहरे घाव पर अगर आपने डॉक्टर से टांके नहीं लगवाए, तो खुले घाव में संक्रमण का रिस्क काफी ज्यादा होता है। असल में, खुले घाव में बैक्टीरिया चिपक सकते हैं, जो संक्रमण का कारण बनते हैं।
रिकवरी में समय लगना
जिस घाव को प्रॉपर केयर नहीं मिलती है और समय दवा नहीं लगाई जाती है, उसे ठीक होने में काफी समय लगता है। ऐसा ही गहरे घाव के साथ होता है, खासकर जब आप उसमें पर टांके नहीं लगवाते हैं यानी स्टिच नहीं करवाते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि जब गहरे घाव पर टांके लगाए जाते हैं, तो उस दौरान चोट पर कुछ दवा लगाई जाती है और जरूरी हो, तो मरीज को दवा खाने के लिए भी दी जाती है। इससे रिकवरी और हीलिंग प्रक्रिया तेज हो जाती है। इसका मतलब है कि अगर आप घाव पर टांके नहीं लगवाते हैं, तो उसे ठीक होने में समलंबा य लग सकता है।
लंबे समय तक ब्लीडिंग होना
जब घाव बहुत गहरा होता है, तो ब्लीडिंग भी लंबे समय तक हो सकती है। इसलिए, ऐसी चोटों पर तुरंत फर्स्ट एड की जरूरत होती है। अगर आपने गरे घाव पर टांका लगाने में देर कर दी, तो लंबे समय तक ब्लीडिंग हो सकती है, जो कि सही नहीं है। इससे काफी ब्लड लॉस हो सकता है। स्टिच करने से ब्लड क्लॉटिंग में मदद मिलती है, जिससे ब्लीडिंग रुक जाती है।
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निष्कर्ष
समय से गहरे घाव पर टांके न लगाए जाएं, तो बहुत नुकसान हो सकता है। डॉक्टर यह भी बताते हैं कि घाव बहुत गहरा हो, तो लोगों को हिलने-डुलने और रोजमर्रा के कामकाज करने में भी दिक्क्तें आ सकती हैं और सही ट्रीटमेंट नहीं मिलने से समस्या स्थाई हो सकती है। जरूरी ये है कि जब भी गहरा घाव लगे, तो उसकी अनदेखी न करें। गहरा घाव पर तुरंत टांका लगावाएं। बहरहाल, हम उम्मीद करते हैं कि सीएम रेखा गुप्ता पूरी तरह ठीक होंगी, स्वस्थ होंगी और उनकी जान-माल को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।
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FAQ
बिना टांके के घाव कब तक छोड़ सकते हैं?
बिना टांके के घाव को छोड़ना या खुला रखना सही नहीं होता है। इससे इंफेक्शन हो सकता है। इसलिए घाव हो गया है, तो बेहतर है कि आप 6-8 घंटे के अंदर-अंदर टांका लगवा लें।गहरा घाव भरने में कितना समय लगता है?
घाव कितना गहरा है, इस बात पर निर्भर करतरा है, तो उसे रिकवरी में कितना समय लगेगा। छोटा-मोटा घाव है, तो कुछ दिनों में ठीक हो सकता है। वहीं, गहरा घाव है, तो 2-4 सप्ताह या महीने भी लग सकते हैं।कैसे पता चलेगा कि घाव ठीक हो रहा है?
घाव ठीक होने लगे, तो कुछ संकेत आपको नजर आने लगेंगे, जैसे दर्द कम हो जाए, रिकवरी होने लगेगी, रेडनेस और सूजन भी कम हो जाएगी।