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चोट और घाव को तेजी से ठीक करता है सत्यानाशी का पौधा, जानें इस्तेमाल का तरीका

अचानक गिरने या कटने की वजह से चोट या घाव लगना एक आम समस्या है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सत्यानाशी के पौधे के इस्तेमाल से आप चोट और घाव को आसानी से भर सकते हैं। आगे जानते हैं इसके फायदे और इस्तेमाल का तरीका।
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चोट और घाव को तेजी से ठीक करता है सत्यानाशी का पौधा, जानें इस्तेमाल का तरीका


Ayurvedic Remedies For Healing Wounds: खेल कूद या अचानक हर किसी को कभी न कभी चोट लगी ही होगी। चोट लगना एक आम समस्या है, जो अक्सर हमारी लापरवाही के कारण होती है। चोट लगने के बाद जख्म ज्यादा गहरा हो तो खून आना या जलन होने लगती है। आज के समय में चोट को ठीक करने के लिए कई एंटीबायोटिक दवाएं और ट्यूब व लिक्विड मौजूद हैं। लेकिन, क्या आपको मालूम है कि पहले के समय पर जब चोट के लिए दवाएं और क्रीम आदि के उपयोग का चलन नहीं था, तब हम किन तरह की चीजों का इस्तेमाल करते थे। आपको बता दें कि कई सालों पहले चोट और घाव को ठीक करने के लिए औषधिय गुणों से युक्त पौधों और पत्तों का उपयोग किया जाता था। इसमें सत्यानाशी के पौधे को भी शामिल किया जाता है। एकस्पर्ट्स  बताते हैं कि सत्यानाशी के पौधे में एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह घाव को भरने में मदद करता है और स्किन को संक्रमण मुक्त बनाता है। इस लेख में वेव क्योर सेंटर के नैचुरोपैथी सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर एस के पाठक से जानते हैं कि चोट और घाव में सत्यानाशी के पौधा किस तरह से फायदेमंद होता है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है। 

चोट और घाव को ठीक करने के लिए सत्यानाशी के पौधे के फायदे - Benefits Of Satyanashi Plant For Healing Wounds In Hindi 

नेचुरल एंटीसेप्टिक गुण 

सत्यानाशी के पौधे में बर्बेरिन और सैंग्विनारिन जैसे एल्कलॉइड होते हैं, जिन्हें एंटीसेप्टिक गुण के लिए जाना जाता है। ये कम्पाउंड चोट और घावों को साफ करने और बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकने में मदद करते हैं। इससे घाव तेजी से ठीक होता है। 

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खून को रोकने में सहायक 

सत्यानाशी के पौधे से निकाला गया पीला लेटेक्स एक coagulant के रूप में कार्य करता है, जो घावों और गहरी चोट से होने वाली ब्लीडिंग को रोकने में मदद करता है। 

एंटी इंफ्लेमेटरी गुण 

सत्यानाशी के पौधे में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो घावों में होने वाली सूजन, लालिमा और आसपास होने वाले दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इससे घाव जल्दी से भरने लगते हैं। 

दर्द को कम करें

सत्यानाशी के पौधें में बायोएक्टिव कम्पाउंड होते हैं, जो अपने एनाजेसिक गुण के चलते दर्द को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही, घाव और चोट के बाद होने वाले दर्द को कुछ हद तक कम करने में मदद करते हैं।

चोट की त्वचा को ठीक करने में सहायक 

इस पौधे के अर्क और पेस्ट से चोट के क्षेत्र की त्वचा कोशिकाओं को बनने में मदद मिलती है, जिससे चोट के ऊपर दोबारा से खाल आने लगती है। साथ ही, इससे घाव तेजी से भरते हैं और चोट के बाद बनने वाले निशान में भी कमी आती है। 

चोट में सत्यानाशी के पौधे के उपयोग से क्या फायदे मिलते हैं? - How to Use Satyanashi Plant for Healing Wounds in Hindi

  • सत्यानाशी पौधे से निकलने वाले पीले रंग के दूध (लेटेक्स) को सीधे घाव पर लगाएं। घाव पर इसे सूखने दें। इससे चोट मके बैक्टीरिया साफ होते हैं। 
  • सत्यानाशी के ताजे पत्तों का रस पीसकर उसके चोट या घाव पर लगा सकते हैं। इससे चोट की सूजन कम होती है। साथ ही, घाव तेजी से भरता है। 
  • सत्यानाशी के बीजों से तैयार तेल को आप रूई की मदद से चोट पर लगा सकते हैं। यह इंफेक्शन को बढ़ने से रोकता है और घाव तेजी से सूखता है। 
  • सूखे सत्यानाशी पत्तों को पीसकर पाउडर बना लें। इसे भी घाव या चोट पर लगा सकते हैं। इससे ब्लीडिंग रूकती है। 

इसे भी पढ़ें : चोट लगने या कटने-छिलने पर आजमाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय, जल्दी घाव भरने में मिलेगी मदद

सत्यानाशी का पौधा अपने एंटीसेप्टिक, जीवाणुरोधी और सूजनरोधी गुणों के कारण घावों को भरने के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय है। इसका उपयोग बाहरी रूप से किया जाता है। इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अगर चोट या घाव ज्यादा गहरा हो तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

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