
पेट की सफाई, शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए बेहद जरूरी है। भले ही आप इस बात पर ध्यान न दें लेकिन लंबे समय तक आंतों में मल जमा रहने से सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, सवाल ये भी उठता है कि कितने दिल तक आंतों में मल का जमा रहना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है? क्या इसकी वजह से आपको कोई बीमारी परेशान कर सकती है? इन तमाम चीजों को लेकर हाल ही में एक स्टडी की गई है जिनमें ये तमाम तथ्य सामने आए हैं। साथ ही इस स्टडी में धीमी गति से मल त्याग और कब्ज को चयापचय और सूजन संबंधी विकारों के साथ-साथ पार्किंसंस रोग जैसे तंत्रिका संबंधी विकारों से भी जोड़ा गया है तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं कितने दिनों तक आंतों में जमा मल आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है?
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आंतों में जमा मल को लेकर क्या कहती है ये स्टडी
BMJ Journals में प्रकाशित इस शोध की मानें तो मानव आंत माइक्रोबायोम आंतरिक रूप से स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसके ऐसे प्रभाव हो सकते हैं जिन पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है। जैसे कि दिनभर में आप कितनी बार मल त्याग करते हैं। हर दिन और एक हफ्ते में कितनी बार आप मल त्याग करते हैं ये सभी चीजें आपके गट हेल्थ से जुड़ी हो सकती हैं और इसका आपकी सेहत पर गहरा प्रभाव देखा जा सकता है। 2023 की एक समीक्षा के अनुसार, जिसमें दर्जनों अध्ययनों के आंकड़े एकत्र किए गए थे, 'तेज गति से काम करने वालों' और 'धीमे काम करने वालों' के आंत माइक्रोबायोम में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है।

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कितने दिन आंतों में जमा मल बीमार कर सकता है?
इस शोध में बताया गया है कि अगर आप 3 दिनों तक मल त्याग नहीं करते हैं तो मल कठोर होने लगता है और आंतों में जमा होने (how long can poop stay in your body) लगता है। इसके अलावा अगर 5 दिनों तक मल आंतों में जमा रहता है तो आप कब्ज की स्थिति में आ जाती है और हफ्ते में बस 2 दिन मल त्याग करना क्रोनिक कब्ज की स्थिति में ला सकता है।
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इन 4 बीमारियों के हो सकते हैं शिकार
अगर लंबे समय तक आपके आंतों में मल जमा रहता है (What happens if poop stays in your body for long) तो आपके आंतों का माइक्रोबायोम प्रभावित होता है तो सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। चूंकि मानव आंत माइक्रोबायोम आंतरिक रूप से स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है विशेष रूप से, धीमी गति से मल त्याग और कब्ज को चयापचय और सूजन संबंधी विकारों के साथ-साथ पार्किंसंस रोग जैसे तंत्रिका संबंधी विकारों से भी जोड़ा गया है। ऐसी स्थिति में आप इन 4 बीमारियों के शिकार हो सकते हैं जैसे
1. मेटाबॉलिज्म डिसऑर्डर जिसमें थकान, असामान्य वजन बढ़ना या घटना, प्यास और पेशाब में वृद्धि के साथ कई दिक्कतें हो सकती हैं।
2. इंफ्लेमेटरी डिजीज का खतरा बढ़ सकता है जिसमें शरीर के कई अंगों में सूजन की समस्या हो सकती है।
3. न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के भी आप शिकार हो सकते हैं जैसे कि आपको पार्किंसंस रोग हो सकता है।
4. लिवर और किडनी से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं जो कि लंबे समय तक आपको परेशान कर सकती हैं।
तो कब्ज से बचें और इसके लिए डाइट में ज्यादा से ज्यादा फाइबर और पानी से भरपूर चीजों को शामिल करें जो कि मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने के साथ मल में थोक जोड़े और इसे मुलायम बनाकर कब्ज की स्थिति से बचाव में मदद करे।
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Dec 03, 2025 12:37 IST
Published By : Pallavi Kumari