
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2024 में दुनिया भर में लगभग 37 लाख लोगों की जान मोटापे की वजह से गई है। अगर इस स्थिति को बदलने के लिए कुछ गंभीर कदम नहीं उठाए गए तो साल 2030 तक ये संख्या दोगुनी हो सकती है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोटापे के इलाज के लिए जीएलपी-1 दवाएं जो वेट लॉस के लिए इस्तेमाल की जाती है, इसे लेकर कुछ गाइडलाइन्स जारी किए हैं। इसमें बताया गया है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को छोड़कर कोई भी व्यक्ति जो वजन घटाना चाहते हैं वो इन दवाओं की मदद ले सकते हैं। ये तमाम गाइडलाइन्स 30 या इससे ऊपर के Body Mass Index (BMI) वाले लोगों के लिए है। आइए विस्तार से जानते हैं इन दवाओं के इस्तेमाल से जुड़े इन गाइडलाइन्स के बारे में। उससे पहले जान लेते हैं कौन सी दवाएं इन गाइडलाइन्स में शामिल हैं।
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वेट लॉस की कौन सी दवाएं इन गाइडलाइन्स में शामिल हैं
-लिराग्लूटाइड-liraglutide (Saxenda)
- सेमाग्लूटाइड-Semaglutide (Wegovy)
- टिरज़ेपेटाइड-tirzepatide (Zepbound)
वेट लॉस दवाओं को लेकर क्या हैं ये गाइडलाइन्स-GLP-1 weight loss drug guidelines
WHO गाइडलाइन्स में बताया गया है कि GLP-1 थेरेपी का उपयोग एक व्यापक दृष्टिकोण के भाग के रूप में करें और ये न सोचें कि अगर आप सिर्फ ये दवा ले लेंगे तो वेट लॉस कर लेंगे। आपको इन दवाओं के साथ नियमित डाइट और हेल्दी फिजिकल एक्टिविटीज को भी फॉलो करना होगा। गाइडलाइन्स में बताया गया है कि
- -मोटापा एक दीर्घकालिक बीमारी है जिसके लिए आजीवन देखभाल की आवश्यकता होती है।
- -मोटापे के व्यापक उपचार में स्क्रीनिंग, शीघ्र निदान और मोटापे से संबंधित जटिलताओं का प्रबंधन जरूरी है।
- - दवाओं, सर्जरी और अन्य उपचार विकल्पों के साथ सही लाइफस्टाइल और वेट लॉस डाइट फॉलो करना बेहद जरूरी है।
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इतना ही नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने कहा, "हमारे नए दिशानिर्देश मानते हैं कि मोटापा एक दीर्घकालिक बीमारी है जिसका व्यापक और आजीवन देखभाल से इलाज किया जा सकता है। हालांकि अकेले दवाएं इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट का समाधान नहीं करेंगी, लेकिन जीएलपी-1 थेरेपी लाखों लोगों को मोटापे पर काबू पाने और इससे जुड़े नुकसानों को कम करने में मदद कर सकती है।"
इन बातों का रखें ध्यान
WHO गाइडलाइन्स में बताया गया है कि 5-18% तक लोगों में मोटापा कम करने में इन दवाओं की भूमिका प्रभावी रूप से देखा गया है। ये मेटाबॉलिज्म तेज करने में मदद करने के साथ हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद रप सकते हैं।
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हालांकि, WHO का कहना है कि विश्वभर में मोटापे के मरीजों की संख्या न बढ़े इसे लेकर इन दवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। साथ ही इन दवाओं को लेकर लोगों में जागरूकता होनी चाहिए कि कैसे लाइफस्टाइल, डाइट के साथ दवाओं की मदद से मोटापे की बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है।
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Dec 02, 2025 17:35 IST
Published By : Pallavi Kumari