Leg Pain At Night In Hindi: ओवर वर्कआउट करना, इंजुरी के कारण अक्सर पैरों में दर्द होता है। पैरों का दर्द कोई विशेष गंभीर समस्या नहीं है। समय के साथ-साथ यह अपने आप ही ठीक हो जाता है। वैसे तो माना जाता है कि डेवेलपिंग एज में पैरों में दर्द होने का रिस्क अधिक रहता है। लेकिन, कभी-कभी वयस्कों में भी यह समस्या देखी जाती है। जैसे अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारियां होने पर पैरों और जोड़ों में दर्द हो सकता है। लेकिन, क्या कभी आपने सिर्फ रात के समय पैरों में दर्द को महसूस किया है? इस लेख में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हिलिंग टच क्लीनिक के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अभिषेक वैश से जानेंगे कि रात के समय पैरों में दर्द क्यों होता है और इसके क्या करण हो सकते हैं। (Raat Ko Pairon Mein Dard Kyun Hota Hai)
रात के समय पैरों में दर्द होने के कारण- Causes Of Severe Leg Pain At Night In Hindi
मसल्स क्रैम्प
वैसे तो मसल्स क्रैम्प के कारण कभी भी पैरों में दर्द हो सकता है। लेकिन, रात के समय यह दर्द बढ़ जाता है। इसका मुख्य कारण नाइट लेग क्रैंप्स को माना जाता है। इस तरह की समस्या आमतौर पर थकान, डिहाइड्रेशन और नर्व प्रॉब्लम की वजह से हो सकती है। इसके अलावा, अगर व्यक्ति ओवर एक्सरसाइज करता है, ओवर स्ट्रेचिंग करता है, तब भी रात के समय पैरों में क्रैम्प्स की दिक्कत बढ़ सकती है।
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नर्व संबंधित समस्या
पेरिफेरल न्यूरोपेथी, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम जैसी समस्याएं भी रात के समय पैरों में दर्द का कारण बनती है। यहां तक कि पिंच्ड नर्व होने पर भी रात के समय पैरों में दर्द का अहसास होता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रात के समय इस तरह का दर्द बढ़ जाता है। कभी-कभी यह असहनीय हो जाता है। अगर आपको रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की दिक्कत है, तो इसकी अनदेखी न करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं नर्व संबंधित किसी भी तरह की समस्या में लापरवाही करना सही नहीं होता है।
अर्थराइटिस
जैसा कि हमने शुरू में भी जिक्र किया है कि अर्थराइटिस जैसी बीमारियों में जोड़ों में खूब दर्द होता है। क्योंकि यह हड्डियों से जुड़ी बीमारी है। इसकी वजह से पैरों में भी दर्द बना रहता है। लेकिन, यह दर्द रात को इसलि अधिक महससू होता है। खासकर, सोते समय दर्द कंट्रोल से बाहर भी हो सकता है। आपको बता दें कि अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में अकड़न, स्वेलिंग और रेडनेस जैसी दिक्क्तें भी हो जाती हैं। असल में, ऐसा इसलिए होता है, क्यांकि जब सोते हैं तो शरीर में कई तरह के हार्मोनों के स्तर में बदलाव आ जाता है। ऐसे में सूजन के बढ़ने का रिस्क भी बना रहता है।
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इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस
कई बार शरीर में मिनरल्स और जरूरी पोषक तत्वों में कमी के कारण भी पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है। खासकर ऐसा तब होता है, जब बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस हो जाता है। असल में, इलेक्ट्रोलाइट जैसे कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम मसल्स फंक्शन में अहम भूमिका निभाता है। इस तरह के पोषक तत्वों में कमी के कारण पैरों में दर्द हो सकता है, जो कि रात को बढ़ जाता है। रात के समय दर्द बढ़ने का मुख्य कारण हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है, जिसका जिक्र हमने पहले भी किया है।
वेरिकोज वेन्स
वेरिकोज वेन्स भी पैरों में दर्द का मुख्य कारण है और यह दर्द रात के समय बढ़ जाता है। वेरिकोज वेन्स में पैरों में जो दर्द होता है, वह चुभन भरा और भारीपन महसूस होने जैसा होता है। कई बार इसकी वजह से पैरों में स्वेलिंग, इचिंग और रेस्टलेस लेग सेंसेशन भी हो जाता है। वेरिकोज वेन्स के कारण हो रहे पैरों में हो रहे दर्द का अहसास रात को अधिक होता है। इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं, जैसे शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना आदि।
FAQ
कौन से विटामिन की कमी से पैरों में दर्द होता है?
वैसे तो पैरों में दर्द के पीछे कई तरह के कारक जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे फिजिकली ओवर एक्टिव होना, चोट लगना आदि। लेकिन, कुछ विटामिन की कमी भी पैरों में दर्द का कारण बनती है। इसमें विटामिन-डी, बी-12, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व शामिल हैं। इनकी कमी से मांसपेशियों में सूजन आ सकती है, जिससे पैरों में दर्द हो सकता है।लेटने पर पैरों में दर्द क्यों होता है?
लेटने पर पैरों में दर्द कई वजहों से हो सकता है, जैसे ब्लड सर्कुलेशन सही न होना, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम, मांसपेशियों में ऐंठन, या चोट लगना।पैरों में ताकत के लिए क्या खाना चाहिए?
अगर आपको अक्सर पैरों में दर्द की दिक्कत होती है, इसके लिए आप अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल कर सकते हैं। जैसे पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम। ये मसल्स फंक्शन के लिए जरूरी तत्व होते हैं। इनका सेवन करने से पैरों को ताकत मिलती है और हड्डियां भी मजबूत होती हैं।