वेरिकोज वेन्स के लक्षण क्या हैं? वेरिकोज वेन्स की समस्या होने पर पैर में नीली उभरी हुई नसें नजर आ सकती हैं, इसके अलावा पैरों में जलन, ऐंठन, टांगों में भारीपन, नसों के ऊपरी हिस्से में खुजली आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। त्वचा के नीचे जब नसें फैल जाती हैं तो वो वेरिकोज नस का रूप ले लेती हैं। ये नसें आगे चलकर तकलीफ देने लगती हैं और आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं इसलिए इनका तुरंत इलाज करना जरूरी है। इलाज से पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर ये समस्या क्यों होती है। इस लेख में हम वेरिकोज वेन्स के कारण और इलाज पर बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ संजीत कुमार सिंह से बात की।
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वेरिकोज वेन्स के मुख्य लक्षण (Main symptoms of Varicose veins)
- पैर के ऊपरी हिस्से में खुजली होना
- नसों में दर्द और सूजन की समस्या
- पैर या टखनों में सूजन नजर आना
- रात में पैर या अन्य भाग में ऐंठन या दर्द होना
- पैरों की त्वचा का मोटा और सख्त होना
- पैरों की त्वचा का रंग बदलना
- त्वचा के घाव का आसानी से ठीक न होना
- सूखी व पपड़ीदार त्वचा नजर आना
वेरिकोज वेन्स के कारण (Causes of Varicose veins)
ऐसा माना जाता है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में प्रेगनेंसी, हार्मोनल असंतुलन, मेनोपॉज, गर्भनिरोधक दवा के सेवन के कारण वेरिकोज वेन्स होने का खतरा ज्यादा रहता है इसलिए हेल्दी जीवनशैली अपनाएं। वैरीकोज वेन्स होने के पीछे मुख्य कारणों को जान लें-
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1. ज्यादा देर खड़े रहना (Prolonged standing)
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अगर आप बहुत देर तक खड़े रहते हैं तो आपको वेरिकोज वेन्स की समस्या हो सकती है। आपको थोड़ी-थोड़ी देर में पैरों को आराम देना चाहिए, घर में महिलाएं घर के काम में कई बार पूरे दिन खड़ी रहती हैं जिसके कारण ये समस्या हो सकती है।
2. वजन ज्यादा होना (Obesity)
अगर आपका वजन ज्यादा है तो आपको वेरिकोज वेन्स का शिकार होना पड़ सकता है, ज्यादा वजन होने के कारण नसों पर दबाव पड़ता है और नसों में ब्लड फ्लो बिगड़ने लगता है इसलिए वेट कंट्रोल करने के उपाय जरूर अपनाएं।
3. डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep vein thrombosis)
डीप वेन थ्रोम्बोसिस के कारण भी वेरिकोज वेन्स की समस्या होती है। इसमें पैर या अन्य भाग में खून का थक्का जम जाता है। अगर आप मोटापा, हाई बीपी, बार-बार गर्भधारण आदि से गुजरे हैं तो आपको ये बीमारी होने की आशंका ज्यादा होगी।
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4. अनुवांशिक कारण (Genetic disorder)
अगर परिवार में किसी को वेरिकोज वेन्स की समस्या है तो ऐसा हो सकता है कि आपको वेरिकोज वेन्स होने के पीछे जेनेटिक कारण हो, इससे बचने के लिए आप पहले से ही जरूरी बचाव के उपाय अपनाएं।
5. जन्म के वक्त क्षतिग्रस्त वाल्व होना (Damaged valve at birth)
अगर जन्म के वक्त ही बच्चे की वाल्व डैमेज्ड है तो उसे आगे जाकर वेरिकोज वेन्स की समस्या हो सकती है, अगर वेन ज्यादा डैमेज है तो डॉक्टर उसे सर्जरी की मदद से निकाल देते हैं या दवा से इलाज किया जाता है।
वेरिकोज वेन्स का इलाज (Treatment of Varicose veins)
अल्ट्रासाउंड के जरिए वेरिकोज वेन्स (varicose veins in hindi) का पता लगाया जाता है, जिसके बाद वेरिकोज वेन्स की समस्या को दूर करने के लिए आप ये उपाय अपनाएं-
- कम्प्रेशन वाले मोजे पहनें।
- लेजर थैरेपी की मदद से वैरीकज वेन्स का इलाज किया जाता है।
- रोजाना एक्सरसाइज करें।
- ज्यादा देर तक बैठने या खड़े रहने से बचें।
- स्क्लेरोथेरेपी की मदद से नस में इंजेक्शन दिया जाता है।
- अपने वजन को कंट्रोल करें।
- फ्लीबेक्टॉमी में सर्जिकल कट के जरिए नस को हटा दिया जाता है।
- टाइट जीन्स या ऊंची एड़ी वाले सैंडल न पहनें।
वेरिकोज वेन्स की समस्या के बढ़ने का इंतजार न करें, ये समस्या आपको तकलीफ दे सकती है, लक्षण नजर आने पर तुरंत उपचार करवाएं।
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